जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री महेन्द्र कुमार अग्रवाल - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 813/2013
मूलचंद कुमावत पुत्र स्व0 श्री भुरामल कुमावत, जाति कुमावत, निवासी ए 130, नित्यानन्द नगर, क्विंस रोड़, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. राज मोबाईल गैलेरी, जी-4, राॅयल प्लाजा, अपोजिट गुप्ता स्टोर, आम्रपाली सर्किल, वैशाली नगर, जयपुर Û
2. माईक्रोमैक्स इन्फ्रोमेटिक्स लि0, प्लाॅट सॅंख्या 21/14, ब्लाॅक-ए, नारायण इण्डस्ट्रीज एरिया, फेज-2, न्यू देहली Û
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री जितेन्द्र मराडि़या - परिवादी
श्री प्रकाश ठाकुरिया - विपक्षी सॅंख्या 2
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 20.06.13
आदेश दिनांक: 21.01.2015
यह परिवाद मूलचंद कुमावत ने विपक्षी राज मोबाईल गैलेरी व माईक्रोमैक्स इन्फ्रोमेटिक्स लि0 के विरूद्ध धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत पेश किया है । परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 1 से दिनांक 09.12.2012 को जरिए बिल नंबर 3940 एक मोबाईल 3200/- रूपए में खरीद किया था जिस पर विपक्षी सॅंख्या 2 द्वारा एक वर्ष की वांरटी दी गई थी । परिवादी का कथन है कि मोबाईल के की-पैड ने अचानक काम करना बंद कर दिया तो विपक्षी सॅंख्या 1 के सम्पर्क करने पर उसने विपक्षी सॅंख्या 2 के सर्विर्स सेंटर से सम्पर्क करने के लिए कहा तो दिनांक 25.02.2013 को उक्त मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 2 के सर्विस सेंटर को दिखाकर की-पैड ठीक करवाया जो कुछ दिनों बाद पुन: खराब हो गया । जिस पर उसे 09.05.2013 को विपक्षी सॅंख्या 2 के सर्विस सेंटर पर दिखाया गया तो दो-तीन दिन में मोबाईल ले जाने के लिए कहा परन्तु एक सप्ताह बाद भी ना तो मोबाईल दिया ना ही कोई संतोषप्रद जवाब दिया गया । दिनांक 21.05.0213 को पुन: सर्विस सेंटर पर सम्पर्क कर मोबाईल मांगा तो सर्विस सेंटर वालों ने मोबाईल देते हुए कहा कि यह सही काम कर रहा है परन्तु मोबाईल चैक किया तो मोबाईल में पूर्व की तरह सभी खराबी थी । परिवादी का कथन है कि वह अगले दिन सर्विस सेंटर पर मोबाईल लेकर गया तो सर्विस सेंटर वालों ने मोबाईल सही करने से मना कर दिया और मोबाईल लेने से मना कर दिया जिससे परिवादी को घोर मानसिक आघात हुआ । परिवादी ने मानिसक, आर्थिक व शारीरिक क्षति के लिए 80,000/- रूपए एवं परिवाद व्यय 11000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है ।
विपक्षी सॅंख्या 1 व 2 की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है । विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से मंच के समक्ष उपस्थित होकर बहस की गई ।
मंच द्वारा परिवादी व विपक्षी सॅंख्या 2 की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
इस सम्बन्ध में कोई विवाद नहीं है कि परिवादी मूलंचद कुमावत ने विपक्षी सॅंख्या 2 द्वारा निर्मित माइक्रोमेक्स मोबाईल विपक्षी सॅंख्या 1 से दिनांक 09.12.2012 को जरिए बिल सॅंख्या 3490 रूपए 3200/- में क्रय किया था परन्तु खरीद किए जाने के पश्चात ही मोबाईल के की-पैड ने काम करना बंद कर दिया । इस पर परिवादी ने विपक्षी सॅंख्या 1 से सम्पर्क किया तो उन्होंने कम्पनी के सर्विस सेंटर पर दिखाने के लिए कहा और सर्विस सेंटर द्वारा दिनांक 25.02.2013 को मोबाईल का की-पैड ठीक किया परन्तु ठीक करने के कुछ दिन बाद मोबाईल ने पुनः काम करना बंद कर दिया । इस पर परिवादी द्वारा पुन: शिकायत किए जाने पर सर्विस सेंटर ने मोबाईल जमा कर के दो-तीन दिन बाद आने के लिए कहा । तत्पश्चात सर्विस सेंटर द्वारा परिवादी को मोबाईल यह कह कर दिया कि यह सही काम कर रहा है परन्तु परिवादी द्वारा चैक करने पर मोबाईल में पूर्व की तरह सभी खराबियां थी और फिर सर्विस सेंटर वालों ने मोबाईल को लेने से मना कर दिया । परिवादी ने सर्विस सेंटर के बारे में विपक्षी सॅंख्या 1 को अवगत करवाया तो वह भडक गया और कहा कि जो करना है कर लो अब हम कुछ नहीं करेंगे । परिवादी का कथन है कि चूंकि परिवादी को विपक्षी द्वारा बेचा गया मोबाईल त्रुटिपूर्ण था इसलिए परिवादी को विपक्षीगण से नया मोबाईल अथवा उसकी कीमत व मानसिक संताप तथा परिवाद व्यय की राशि दिलवाई जावे ।
विपक्षी सॅंख्या 2 की ओर से दौराने बहस इस बात पर सहमति प्रकट की गई कि वह पुराना मोबाईल जमा करवाए जाने पर परिवादी को एक माह के अंदर नया मोबाईल व 1000/- रूपए बतौर क्षतिपूर्ति अदा कर देंगे अन्यथा वह मोबाईल की कीमत 12 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करेंगे ।
हमने उभय पक्ष के तर्को पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया ।
इस प्रकरण में चूंकि विपक्षी द्वारा परिवादी को नया मोबाईल व 1000/- रूपए क्षतिपूर्ति देने का आॅफर दिया गया है जिसे परिवादी द्वारा स्वीकार कर लिया गया है । अत: मंच की राय में परिवादी का परिवाद उपरोक्तानुसार निर्णित किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है ।
आदेश
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि परिवादी आज से एक माह की अवधि मंे विपक्षी सॅंख्या 2 को पुराना मोबाईल सुपुर्द करेगा और उसके तुरन्त पश्चात विपक्षी सॅंख्या 2 परिवादी को नया मोबाईल देगा अन्यथा परिवादी मोबाईल की कीमत 3200/- रूपए अक्षरे तीन हजार दो सौ रूपए परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 20.06.2013 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इसके अलावा विपक्षी संख्या 2 परिवादी को बतौर क्षतिपूर्ति 1000/- रूपए अक्षरे एक हजार रूपए अदा करेेेगा। परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 21.01.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (महेन्द्र कुमार अग्रवाल)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष