Rajasthan

Jaisalmer

49/14

RATAN KUMAR - Complainant(s)

Versus

RAJ MOBILE AND OTHER - Opp.Party(s)

Jitendra Swami

17 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 49/14
 
1. RATAN KUMAR
Jaisalmer
...........Complainant(s)
Versus
1. RAJ MOBILE AND OTHER
Jaisalmer
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA PRESIDENT
  SANTOSH VYAS MEMBER
  MANOHAR SINGH NARAWAT MEMBER
 
For the Complainant:Jitendra Swami, Advocate
For the Opp. Party: NARENDRA KUMAR, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जैसलमेर(राज0)

1. अध्यक्ष    ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्य    ः श्री मनोहर सिंह नारावत ।    
3. सदस्या  : श्रीमती संतोष व्यास ।        
    
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 23.09.2014
मूल परिवाद संख्या:- 49/2014


रतन कुमार पु़त्र श्री चेलूराम जाति भील
निवासी  प्लाॅट नम्बर 147, बबर मगरा कच्ची बस्ती, जिला जैसलमेर ।                ............परिवादी

बनाम


1- राज मोबाईल, पी.एन.बी. बैक के पास, जैसलमेर त0 व जिला जैसलमेर राजस्थान
2- नरेन्द्र कुमार, प्रोपराईटर महादेव मोबाईल्स पूजा मेडिकल के सामने, भाटिया मार्केट जैसलमेर
3- लावा इन्टरनेषनल लिमिटेड़, ए 56 सेक्टर 64 नोएड़ा 201301 उतर प्रदेष।                                                                                                                  ............. अप्रार्थीगण


प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थित/-
1.    श्री जितेन्द्र स्वामी अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2.    अप्रार्थी सं.01 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नही।
3.    अप्रार्थी सं 03 की ओर से श्री जोधाराम अधिवक्ता उपस्थित।


ः- निर्णय -ः            दिनांक    ः 18.06.2015

1.    परिवाद के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने एक लावा कम्पनी का मोबाईल मोडल डिस्कवर 140 अप्रार्थी सं. 2 की दूकान से 3100 रू अदा कर खरीदा तथा जिसका बिल सं. 707 अप्रार्थी सं. 2 द्वारा दिया गया। मोबाईल खरीदने के समय अप्रार्थी सं. 2 द्वारा मोबाईल के सारे फंक्षन के बारे मे बताया गया तथा यह कहा गया कि मोबाईल की 1 साल की वांरटी है तथा बैटी व चार्जर की 6 माह की वारंटी है। इस खरीदसुदा मोबाईल के बेटरी नम्बर टी.जी.14ए0042263 व चार्जर नम्बर टी.वाई.13एल0037498 है। उक्त खरीद सुदा मोबाईल परिवादी द्वारा निर्देषन बुक के अनुसार मोबाईल की बैटरी चार्जिग करता था अग्रस्त माह के प्रथम सप्ताह उक्त मोबाईल की बैटरी स्वंत ही अत्यधिक गर्म हो गई ओर फूली हुई थी जिस पर परिवादी अप्रार्थी सं. 2 के पास गया तो अप्रार्थी सं. 2 ने बैटरी बदलकर देने से मना कर दिया तथा कहा कि आपको कम्पनी के सर्विस सेन्टर अप्रार्थी सं. 1 के यहा जाना पडे़गा तो परिवादी मोबाईल मूल बिल व बैटरी अप्रार्थी सं. 1 के पास ले गया तो उसने भी बैटरी बदलने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया तथा कहा कि आपको नई बैटरी खरीदनी पडेगी। अप्रार्थीगण ने परिवादी की खराब बैटरी वारंटी प्रीरियड़ मे होने के बावजूद नही बदलकर सेवा दोष कारित किया है। जिस कारण परिवादी ने नई बैटरी दिलाने व साथ ही मानसिक एवम् आर्थिक व परिवाद व्यय पेटे 11,100 रू दिलाये जाने का निवेदन किया।
2.    अप्रार्थी संख्या एक व दो को बावजूद नोटिस तामिल उपस्थित नही होने के कारण उनके विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही की गई तथा अप्रार्थी सं. 3 की तरफ से सक्षिप्त में जवाब इस प्रकार है कि परिवादी द्वारा खरीदा गया मोबाईल उच्च गुणवता का बैहतरीन मोबाईल है जिसमे किसी प्रकार का कोई निमार्णात्मक दोष विधमान नही है। परिवादी द्वारा मोबाईल का मिसयूज, हैन्डलिग व अत्यधिक बैटरी चार्ज करने से उपरोक्त समस्या सामने आ सकती है। जो स्वंय परिवादी की लापरवाही है। अप्रार्थी सं. 3 द्वारा कोई सेवा दोष कारित नही किया गया है। अतः परिवाद मय हर्ज खर्च के खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
   3.    हमने विद्वान अभिभाषक एवं पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4.    विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1.    क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2.    क्या विपक्षीगण का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3.    अनुतोष क्या होगा ?
  5.        बिन्दु संख्या 1:-  जिसे साबित करने का संम्पूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेश किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनीयम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने अप्रार्थीगण से मोबाइल फोन रू 3100/- का भुगतान कर दिनांक 14.05.2014 द्वारा खरीदा गया, इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आती है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
 6.    बिन्दु संख्या 2:-    जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ?
विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है की परिवादी ने एक लावा कम्पनी का मोबाईल मोडल डिस्कवर 140 अप्रार्थी सं. 2 की दूकान से 3100 रू अदा कर खरीदा तथा जिसका बिल सं. 707 अप्रार्थी सं. 2 द्वारा दिया गया। मोबाईल खरीदने के समय अप्रार्थी सं. 2 द्वारा मोबाईल के सारे फंक्षन के बारे मे बताया गया तथा यह कहा गया कि मोबाईल की 1 साल की वांरटी है तथा बैटी व चार्जर की 6 माह की वारंटी है। इस खरीदसुदा मोबाईल के बेटरी नम्बर टी.जी.14ए0042263 व चार्जर नम्बर टी.वाई.13एल0037498 है। उक्त खरीद सुदा मोबाईल परिवादी द्वारा निर्देषन बुक के अनुसार मोबाईल की बैटरी चार्जिग करता था अग्रस्त माह के प्रथम सप्ताह उक्त मोबाईल की बैटरी स्वंत ही अत्यधिक गर्म हो गई ओर फूली हुई थी जिस पर परिवादी अप्रार्थी सं. 2 के पास गया तो अप्रार्थी सं. 2 ने बैटरी बदलकर देने से मना कर दिया तथा कहा कि आपको कम्पनी के सर्विस सेन्टर अप्रार्थी सं. 1 के यहा जाना पडे़गा तो परिवादी मोबाईल मूल बिल व बैटरी अप्रार्थी सं. 1 के पास ले गया तो उसने भी बैटरी बदलने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया तथा कहा कि आपको नई बैटरी खरीदनी पडेगी। जिस पर परिवादी ने मान्य मंच मे परिवाद पेष किये जाने के 2 माह पश्चात् फूली हुई बैटरी के बदले अप्रार्थी सं. 1 व 2 के द्वारा नई बैटरी दी। लैकिन परिवादी को मोबाईल की बैटरी खराब होने से उसे मानसिक एवं शारीरिक व आर्थिक हानि हुई तथा उसे कई बार अप्रार्थीगण के यहा चक्कर लगाने पड़े। अप्रार्थीगण ने परिवादी की फूली हुई बैटरी वारंटी प्रीरियड़ मे होने के बावजूद समय पर नही बदलकर सेवा दोष कारित किया है। परिवादी ने मानसिंक व आर्थिक एवं परिवाद व्यय पैटे 11,100 रू अप्रार्थीगण से दिलाये जाने का निवेदन किया।
इसका प्रबल विरोध करते हुए अप्रार्थी संख्या 3 की विद्वान अभिभाषक की दलील हैं कि परिवादी द्वारा खरीदा गया मोबाईल उच्च गुणवता का है। जिसमे किसी भी प्रकार का निमार्ण सम्बंधी कोई दोष विद्यमान नही है। परिवादी द्वारा अपने मोबाईल को मिस हैण्डलिग व मिस यूज व अत्यधिक बैटरी चार्ज करने से उपरोक्त समस्या सामने आई है। जो स्वंय परिवादी की लापरवाही है। परिवादी द्वारा नाजायज फायदा उठाने की नियत से यह परिवाद पेष किया है। अप्रार्थी सं. 3 ने कोई सेवा दोष कारित नही किया है। इसलिए परिवाद मय हर्ज खर्च के खारिज किये जाने का निवेदन किया।
इस परिवाद में अप्रार्थी संख्या 1 व 2 की तरफ से कोई उपस्थित नहीं होने के कारण उनके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही की गई।
7.    उभय पक्षों के तर्को पर मनन किया गया। परिवादी ने अपने परिवाद व सषपथ बयानों मे यह अभिकथित किया है कि मोबाईल जो कि उसने अप्रार्थीगण से खरीदा उसकी बैटरी स्वतः ही अत्यधिक गरम हो गई वो फूली हुई थी। इस बात को अप्रार्थी सं. 2 को बताया तो उसने स्पष्ट रूप से वारंटी पीरियड़ मे बदलकर देने से मना कर दिया। तथा अप्रार्थी सं. 1 के पास मोबाईल व मूल बिल व बैटरी को लेकर गया तो उसने भी खराब बैटरी को बदलने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया ओर कहा कि अब आपको नई बैटरी ही खरीदनी होगी अप्रार्थी सं. 1 व 2 ने इस बात का खण्डन नही किया है। अतः परिवादी की साक्ष्य से यह प्रकट है कि परिवादी ने जो अप्रार्थीगण से मोबाईल खरीदा उसकी बैटरी वारंटी पीरियड मे ही खराब हो गयी अप्रार्थी सं. 3 का यह जवाब कि कम्पनी का मोबाईल विषिष्ट साख रखता है। उसमे कोई निमार्ण सम्बंधी त्रृटि होना सम्भव नही हैै। परिवादी द्वारा मिस हैण्डलिंग मिस यूज एवम् अत्यधिक बैटरी चार्ज करने से यह समस्या आ सकती है। लैकिन अप्रार्थी सं. 3 की इस दलील मे हम बल नही पाते क्योंकि परिवादी ने अपने सषपथ ब्यानों मे कथन किया है कि मोबाईल की बैटरी वारंटी पीरियड़ मे खराब हो गई मोबाईल के साथ मिस हैण्डलिंग, अत्यधिक बैटरी चार्ज करने से यह समस्या आई हो ऐसा अप्रार्थी सं. 3 ने अपनी साक्ष्य से साबित नही किया है। बल्कि अप्रार्थी सं. 1 द्वारा परिवाद प्रस्तुत करने के 2 माह पश्चात् फुली हुई बैटरी के बदले परिवादी को नई बैटरी दी गई जिससे यह स्पष्ट प्रकट है कि परिवादी के मोबाईल की बैटरी त्रृटिपूर्ण थी जिसको अप्रार्थी सं. 1 द्वारा बदल दिया गया अतः त्रृटिपूर्ण बैटरी को बदल देने के कारण अब परिवादी की समस्या नही रहती है। लेकिन परिवादी की बैटरी अग्रस्त माह मे खराब होने के कारण जोकि वारंटी पीरियड़ मे खराब हुई थी परिवादी द्वारा अप्रार्थीगण के यहा खराब बैटरी ले जाकर उनको कहने के बावजूद उनके द्वारा बैटरी बदलकर नही दी गई जिस कारण परिवादी को इस मंच मे परिवाद पेष करना पड़ा तथा परिवादी को इस दौरान मानसिक वेदना भी हुई। अतः विवेचित परिस्थितियों में अप्रार्थीगण ने सेवा दोष कारित किया है।
। फलतः बिन्दु संख्या 2 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।

8.    बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष। बिन्दु संख्या 2  प्रार्थी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है जो स्वीकार किया जाकर परिवादी को मानसिक वेदना के क्षतिपूति पेटे 1000 रू व परिवाद व्यय पेटे 500 रू अप्रार्थीगण से दिलाया जाना हम उचित समझते है।
ः-ः आदेष:-ः

        परिणामतः परिवादी का परिवाद विरूद्व अप्रार्थीगण आंषिक रूप से स्वीकार किया जाता है व आदेष दिया जाता है कि परिवादी को अप्रार्थीगण मानसिक परेषानी के 1000/- रू. अक्षरे रूपये एक हजार मात्र एवं परिवाद व्यय के 500/- रू अक्षरे रूपये पाॅच सौ रूपये मात्र अदा करे । आदेष की पालना 2 माह में की जावे ।


    ( मनोहर सिंह नारावत )                  ( श्रीमती संतोष व्यास )                     (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या,                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                                जैसलमेर।                     जैसलमेर।

    
    आदेश आज दिनांक 18.06.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

    ( मनोहर सिंह नारावत )                  ( श्रीमती संतोष व्यास )                     (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या,                               अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,         जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच              जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                        जैसलमेर।
    

 

 
 
[JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA]
PRESIDENT
 
[ SANTOSH VYAS]
MEMBER
 
[ MANOHAR SINGH NARAWAT]
MEMBER

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