राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-225/2014
(जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-72/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-08-2013 के विरूद्ध)
यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कं0लि0, रीजनल आफिस आरिफ चेम्बर्स, कपूरथला कॉम्प्लेक्स, अलीगंज, लखनऊ द्वारा मैनेजर। ...........अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1.
बनाम
1. श्रीमती राज कुमार शर्मा पत्नी स्व0 श्री अशोक कुमार शर्मा
2. श्रीमती लक्ष्मी देवी पत्नी स्व0 श्री केदारीलाल शर्मा
दोनों निवासीगण ग्राम व पोस्ट घुसराना, परगना व तहसील डिबाई जिला बुलन्दशहर। वर्तमान निवासी मोहल्ला महादेव भाटिया पेंच रंचना टाकीज के सामने, डिबाई जिला बुलन्दशहर।
............ प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण।
3. ज्वाइंट कमिश्नर (एडमिनिस्ट्रेशन) कॉमर्शियल टैक्स, सेल्स टैक्स आफिस, डी0एम0 रोड, बुलन्शहर।
4. यू0पी0 गवर्नमेण्ट द्वारा कलैक्टर, बुलन्दशहर।
............ प्रत्यर्थीगण/विपक्षी सं0-2 व 3.
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री तरूण कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 व 2 की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-3 व 4 की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
दिनांक : 07-03-2024.
मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत, जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-72/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-08-2013 के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में अपीलार्थी का कथन है कि प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश एकपक्षीय, विधि विरूद्ध है और परिवादीगण किसी अनुतोष को पाने के अधिकारी नहीं हैं। परिवादीगण को कोई वाद का कारण उत्पन्न नहीं हुआ और बीमा कम्पनी किसी प्रकार की धनराशि को अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। अत: माननीय राज्य आयोग से निवेदन है कि विद्वान जिला आयोग का प्रश्नगत निर्णय अपास्त करते हुए अपील स्वीकार की जाये।
हमारे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री तरूण कुमार मिश्रा तथा प्रत्यर्थी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-3 व 4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
इस मामले में परिवादनी सं० 1 के पति श्री अशोक कुमार शर्मा की मैसर्स ए०के० एण्ड कम्पनी के नाम से रेलवे रोड कस्बा डिवाई जिला बुलन्दशहर में एक व्यापारिक फर्म थी जो उ०प्र० वाणिज्य कर विभाग से पंजीकृत थी। उ०प्र० शासन के वाणिज्य कर विभाग द्वारा उ०प्र० वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत व्यापारियों के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के नाम से विपक्षी सं० 1 के यहाँ से सामूहिक बीमा कराया हुआ है जिसकी प्रीमियम की राशि का भुगतान पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अदा की जाने वाले वणिज्य कर (वैट) की राशि में से किया जाता है। इस पॉलिसी की शर्तों के अनुसार उ०प्र० वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत किसी व्यापारी की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर मृतक व्यापारी के उत्तराधिकारी को 4,00,000/- रू० की बीमा धनराशि प्राप्त होती थी। परिवादिनी सं० 1 के पति श्री अशोक कुमार शर्मा की दिनांक 13-6-2009 को बदमाशों के द्वारा हत्या कर दी गयी जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना डिबाई में अंकित करायी गयी। इसके अलावा परिवादिनी सं० 1 ने अपने पति की हत्या होने की सूचना उ०प्र० वाणिज्य कर विभाग के द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर दिनांक 24-7-2009 को विपक्षी सं० 1 के कार्यालय पर दी परन्तु विपक्षी सं० 1 के द्वारा परिवादिनी सं० 1 को बीमा की धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। विपक्षीगण ने परिवादिनी सं० 1 को बीमा की धनराशि के भुगतान के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं दी और न ही यह सूचना दी कि उसको बीमा की धनराशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया तथा उसका दावा स्वीकृत किया गया अथवा नहीं ?
विपक्षी बीमा कम्पनी को यह सिद्ध करना था कि परिवादिनी सं0-1 के पति की हत्या दुर्घटना की श्रेणी में नहीं आती है, वह सिद्ध नहीं कर सकी। विपक्षी सं0-2 व 3 ने विद्वान जिला आयोग के समक्ष यह कहा है कि यदि विपक्षी सं0-1 बीमा कम्पनी द्वारा परिवादीगण को बीमा क्लेम दिया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। परिवादिनी सं0-1 के पति अशोक कुमार शर्मा की दिनांक 13-06-2009 को बदमाशों द्वारा हत्या कर दी गयी, जिसकी एफ0आई0आर0 दर्ज कराई गयी। इसके अतिरिक्त आरोप पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी थी। इन अभिलेखों से यह स्पष्ट होता है कि मृत्यु दुर्घटना में आयी चोटोंके कारण हुई है। तत्पश्चात् विद्वान जिला आयोग ने इस मामले में निम्नलिखित निर्णय पारित किया :-
'' परिवादीगण का परिवाद विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को इस निर्णय की तिथि से 30 दिन के अन्दर मृतक बीमाधारक स्व० श्री अशोक कुमार शर्मा की बीमा धनराशि मु. 400000 / रू० (चार लाख रू०) मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दावा दायर करने की तिथि से तायोम अदायगी तथा 2000/रू0 बतौर वादव्यय अदा करें। ''
अपीलार्थी की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया गया है कि मृत्यु दुर्घटना में आयी चोटों के कारण नहीं हुई। इस मामले में विद्वान जिला आयोग ने बीमा की धनराशि 04.00 लाख रू0 और 2,000/- रू0 बतौर वाद व्यय अदा करने का आदेश दिया है।
माले की परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा वाद व्यय की आदेशित धनराशि 2,000/- रू0 को कम करते हुए 500/- रू0 किया जाना उपयुक्त होगा, किन्तु प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के शेष भाग में किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
तदनुसार वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-72/2011 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-08-2013 मात्र इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि वाद व्यय की धनराशि 2,000/- रू0 के स्थान पर मात्र 500/- रू0 देय होगी। निर्णय के शेष भाग की यथावत् पुष्टि की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
राज्य उपभोक्ता आयोग के निबन्धक से अपेक्षा की जाती है कि अपीलार्थी प्राधिकरण द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उस धनराशि को अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में सम्बन्धित जिला आयोग को प्रेषित किया जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्त धनराशि का विधि अनुसार प्रश्नगत निर्णय के अनुपालन के सन्दर्भ में निस्तारण किया जा सके।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(विकास सक्सेना) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 07-03-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.