(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-700/2023
जीएम, आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इं0कं0लि0 व अन्य बनाम राज कुमार शर्मा (मृतक) पुत्र सोरन लाल, प्रतिस्थापित वारिसान :- मनोज कुमार शर्मा पुत्र सोरन लाल शर्मा
दिनांक:-31.5.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-180/2021 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24.12.2022 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया कि वह बीमित धनराशि रू0 21,23,436.00 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा रू0 10,000.00 वाद व्यय परिवादी को अदा करें।
जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री प्रसून कुमार राय तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री पियूष मणि त्रिपाठी को सुना गया तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के
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परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधि सम्मत है, परन्तु जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने प्रश्नगत आदेश में बीमित धनराशि पर जो 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज की देयता निर्धारित की गई है वह वाद के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है तद्नुसार उसे उभय पक्ष के अधिवक्ता द्व्य की सहमति से 09 (नौ) प्रतिशत के स्थान पर 07 (सात) प्रतिशत वार्षिक ब्याज की देयता में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है।
साथ ही प्रश्नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्पनी के विरूद्ध जो वाद व्यय के मद में रू0 3,000.00 (तीन हजार रू0) की देयता निर्धारित की गई हैं, वह भी वाद के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा उभय पक्ष के अधिवक्ता द्व्य के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत हो रही है तद्नुसार वाद व्यय की देयता रू0 10,000.00 (दस हजार रू0) के स्थान पर रू0 5,000.00 (पॉच हजार रू0) में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा।
अपीलार्थी बीमा कम्पनी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 06 (छ:) सप्ताह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्त किया जाता है।
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प्रस्तुत अपील को योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्वारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1