राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-127/2016
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या 28/2016 में पारित आदेश दिनांक 29.08.2016 के विरूद्ध)
Union Bank of India, Nationalized Bank constituted under the Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertaking Act 1970) having its registered office at 239, Vidhan Bhawan Marg, Nariman Point, Mumbai-400021 and branches elsewhere including the one known as Union Bank of India, Siyana Branch, District-Bulandshahar through its Principal Officer and Constituted Attorney Sri Kuldeep Kumar, Branch Manager.
....................पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
Raj Jindal, son of Ashok Kumar, resident of Near Co-operative Bank, Aapka Bazar, Main Market, Post and Tehsil-Siyana, District-Bulandshahar. ................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री पंकज कुमार सिन्हा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 05.10.2016
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान पुनरीक्षण याचिका धारा-17 (1) (बी) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या-28/2016 राज जिन्दल बनाम शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा स्याना में पारित आदेश दिनांक 29.08.2016 के विरूद्ध उपरोक्त परिवाद के विपक्षी यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की ओर से प्रस्तुत की गयी है।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता श्री पंकज कुमार सिन्हा उपस्थित आए। हमने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश का अवलोकन किया है।
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जिला फोरम के समक्ष उपरोक्त परिवाद में पुनरीक्षणकर्ता, जो कि उपरोक्त परिवाद का विपक्षी है, की ओर से प्रार्थना पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया गया कि परिवादी का ए0टी0एम0, बी0एन0पी0एल0एस0पी0हब अग्री पाड़ा मुम्बई/सीनियर सुपरिन्टैन्डेन्ट ऑफ पोस्ट ऑफिस मुम्बई जी0पी0ओ0 मुम्बई से पंजीकृत डाक द्वारा स्याना ब्रांच जनपद बुलन्दशहर को प्रेषित किया गया था, परन्तु अब तक स्याना ब्रांच जनपद बुलन्दशहर में प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए डाक विभाग को परिवाद में पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है। जिला फोरम ने उभय पक्ष को सुनकर आक्षेपित आदेश के द्वारा पुनरीक्षणकर्ता का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है और यह माना है कि डाक विभाग को पक्षकार बनाया जाना उचित नहीं है।
परिवादी की शिकायत पुनरीक्षणकर्ता से है। परिवादी का कोई सम्बन्ध डाक विभाग से नहीं है। अत: परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद में डाक विभाग को पक्षकार बनाया जाना कानूनन उचित नहीं है। जिला फोरम द्वारा पारित आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं दिखती है। अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1