जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
1. सत्य प्रकाष षर्मा पुत्र श्री राम मेहर षर्मा, आयु 63 वर्ष
2. श्री तरूणा षर्मा पुत्री सत्य प्रकाष षर्मा
निवासियान 1- परिवहन नगर, न्यू केसरी काॅलोनी, बालुपूरा रोड़, आदर्षनगर, अजमेर ।
- प्रार्थीगण
बनाम
राज होण्डा, एसबीआई ट्रेनिग सेन्टर के सामने, सिविल लाईन्स, अजमेर जरिए प्रबन्धक, रघु षर्मा
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 243/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री रामचन्द्र षर्मा , अधिवक्ता, प्रार्थीगण
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 23.08.2016
1. प्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि प्रार्थी संख्या 1 ने एक एटरनों स्कूटर संख्या आर.जे.एस.सी. 2420 अप्रार्थी से क्रय किया । प्रार्थी संख्या 2 जब दिनांक 5.4.2014 को प्रष्नगत वाहन की सर्विस कराने अप्रार्थी के यहां गई तो अप्रार्थी ने एनवल मैंटिनेस कान्ट्रेक्ट होण्डा षील्ड के नाम से एक योजना बताई । जिसके अनुसार एक वर्ष में 4 सर्विस व 2 फ्री वाषिंग की सुविधा दी जानी थी । प्रार्थी संख्या 2 ने उक्त योजना के अनुसार अप्रार्थी से तथाकथित बुकलेट क्रय की और उक्त बुकलेट के अनुसार क्रमषः दिनंाक 5.4.2014 , 22.11.2014 व 3.3.2015 को प्रष्नगत वाहन की फ्री सर्विस करवाई । उक्त कराई गई 2 सर्विस के दौरान स्कूटर के आयल चैम्बर में आयल ठहरना बन्द हो गया व आयल इन्जन में जमा होने लगा । इस समस्या का पता तीसरी सर्विस दिनंाक 3.3.2015 के दौरान लगा । इस कमी को दूर करने के साथ साथ स्कूटर की बाॅडी से कवर को जोडने के नटों की वैल्डिंग को ठीक करने व आगे के ब्रैक लीवर को जो ढीला हो गया था, को सही करने के लिए अप्रार्थी को सर्विस से पहले नोट कराए जिसका इन्द्राज अप्रार्थी ने रसीद पर किया और वाहन षाम को देने के लिए कहा । प्रार्थी संख्या 2 को उक्त वाहन दिनंाक 4.4.2015 की षाम को 6.00 बजे दिया गया किन्तु बताए कार्यो को पूर्ण नहीं किया यथा स्कूटर की बाॅडी से कवर को जोडने के नटों की वैल्डिंग को ठीक नहीं किया व ब्रैक लीवर को जो ढीला हो गया था, को सही नहीं किया , स्कूटर का आॅयल चैक करने पर उसमें आॅयल नहीं पाया गया । अप्रार्थी ने प्रार्थी सं. 2 से स्कूटर देते समय उक्त कार्य की राषि भी चार्ज कर ली । चैथी सर्विस दिनंाक 4.4.2015 को प्रार्थी संख्या 2 जब अप्रार्थी के सर्विस सेन्टर पर गई तो अप्रार्थी के कर्मचारियों ने गाड़िंया आवष्यकता से अधिक आ जाने के कारण तथा 5 तारीख का रविवार होने के कारण अगले दिन 6 तारीख को वाहन लाने के लिए कहा । इस पर प्रार्थी संख्या 2 ने एनवल कान्ट्रेक्ट दिनंाक 5.4.2015 को समाप्त हो जाने की ओर ध्यान दिलाया तो सर्विस सेन्टर के इन्चार्ज द्वारा 6 तारीख को वाहन लाने पर स्कूटर की सर्विस करने का आवष्वासन दिया । प्रार्थी संख्या 2 जब प्रष्नगत वाहन अप्रार्थी के यहां दिनांक 6.5.2015 को सर्विस कराने के लिए ले गई तो अप्रार्थी के कर्मचारियों ने यह कहते हुए फ्री सर्विस करने से इन्कार कर दिया कि एक वर्ष की अवधि समाप्त हो चुकी है और अगले साल के लिए एनवल कान्ट्रेक्ट कूपन बुक क्रय करने की सलाह दी गई । प्रार्थी संख्या 2 ने अप्रार्थी के इन्चार्ज/मैनेजर को उक्तानुसार ष्षर्त लिखकर देने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया । प्रार्थीगण ने अप्रार्थी को नोटिस दिनंाक 15.4.2015 को भेजते हुए उन्हें हुई मानसिक, ष्षारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति की भरपाई करने के लिए कहा किन्तु अप्रार्थी ने कोई ध्यान नहीं दिया । इस प्रकार अप्रार्थी द्वारा एनवल कान्ट्रेक्ट बुकलेट के अनुसार चैथी फ्री सर्विस करके नहीं देना एवं राषि प्राप्त कर कार्य पूर्ण नहीं करना सेवा में कमी का परिचायक है । प्रार्थीगण ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थीगण का तर्क है कि उन्होने अप्रार्थी से एक एटरनो स्कूटर क्रय किया जिसकी सर्विस कराने के लिए अप्रार्थी के यहां जाने पर अप्रार्थी ने एक एनवल कान्ट्रेक्ट सर्विस कुपन बुक क्रय करने की सलाह इसलिए दी कि उसके अनुसार एक वर्ष में 4 फ्री सर्विस व 2 वाषिंग सर्विस दी जावेगी । अप्रार्थी की सलाहनुसार उसने उक्त बुकलेट अप्रार्थी से क्रय की और प्रार्थी संख्या 2 ने वाहन की 3 सर्विस कराई । तीसरी सर्विस दिनांक 3.3.2015 को कराने पर यह पता चला कि वाहन के अगले ब्रेक लीवर खराब है तथा वाहन की बाडी को जोड़ने वाले नट की वेल्डिग टूट गई है जिन्हें भी सर्विस कराने से पहले दिए गए वाउचर में नोट करवाया दिया गया किन्तु जब वाहन प्राप्त किया गया तो पाया कि अप्रार्थी ने उक्त दोनो कार्य राषि प्राप्त करके भी नहीं किए । इसी प्रकार चैथी फ्री सर्विस कराने दिनांक 4.4.2015 को गए तो अप्रार्थी ने आवष्यकता से अधिक वाहन आ जाने की कहते हुए दिनंाक 5.4.2015 का रविवार होने के कारण 6.4.2015 को वाहन लाने के लिए कहा । इस पर प्रार्थी संख्या 2 ने एनवल कान्ट्रेक्ट दिनंाक 5.4.2015 को समाप्त होने जा रहा है, की ओर ध्यान दिलाया तो अप्रार्थी सर्विस सेन्टर के इन्चार्ज ने 6.4.2015 को वाहन लाने पर सर्विस किए जाने का वचन दिया किन्तु दिनंाक 6.4.2015 को वाहन की सर्विस यह कहते हुए करने से इन्कार कर दिया कि एनवन कान्ट्रेक्ट की समय सीमा समाप्त हो गई है और यदि फ्री सर्विस करनी है तो नया एनवल कान्ट्रेक्ट बुकलेट क्रय कर लो । प्रार्थी संख्या 2 ने उक्त बात लिखकर देने के लिए कहा तो अप्रार्थी सर्विस सेन्टर के इन्चार्ज/ मैनेजर ने ऐसा करने से मना कर दिया । इस प्रकार अप्रार्थी ने एनवल कान्ट्रेक्ट बुकलेट के अनुसार फ्री सर्विस करके नहीं देना उसकी सेवा में दोष का परिचायक है ।
4. हमने प्रार्थीगण के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।
5. प्रार्थीगण ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- एनवल मेन्टीनेन्स कान्ट्रेक्ट की मूल बुक लेट, अप्रार्थी द्वारा जारी स्लिप संख्या 1706 दिनंाक 3.3.2015, टैक्स इन्वाईस दिनंाक 4.3.2015, नोटिस दिनांक 15.4.2015 की प्रति इत्यादि से की है । ये सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है। मंच की राय में अप्रार्थी द्वारा प्रार्थीगण प्रष्नगत वाहन को एनवन कान्ट्रेक्ट के तहत फ्री सर्विस नहीं देने व राषि प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद भी प्रार्थी संख्या 2 द्वारा बताए अनुसार कार्य नहीं कर मंच की राय में सेवा दोष किया है ।
6. प्रार्थीगण के कथन एवं प्रार्थी गण द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थीगण के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । ऐसी स्थिति में प्रार्थीगण का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है । प्रार्थीगण को उदाहरणीय क्षतिपूर्ति दिलाया जाना न्यायोचित है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थीगण अप्रार्थी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 10,000 /- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000 /- प्राप्त करने के अधिकारी होगें ।
(2) क्रम संख्या 1 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थीगण को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 23.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष