Uttar Pradesh

StateCommission

A/147/2021

Pachimanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Raj Bala Devi - Opp.Party(s)

Issar Husain

23 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/147/2021
( Date of Filing : 01 Mar 2021 )
(Arisen out of Order Dated 24/01/2018 in Case No. Complaint Case No. CC/42/2017 of District Jyotiba Phule Nagar)
 
1. Pachimanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd
through its Managing Director
...........Appellant(s)
Versus
1. Raj Bala Devi
W/o Sheesh pal Singh, R/o Village-Kokapur, Post Saundhan, Distt. Amroha
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-345/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अमरोहा द्धारा परिवाद सं0-42/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.01.2018 के विरूद्ध)

श्रीमती राजबाला देवी पत्‍नी शीशपाल सिंह उम्र लगभग 35 वर्ष, निवासी ग्राम कोकापुर पोस्‍ट सौधन (मोहम्‍मदपुर चक सूरत) जनपद अमरोहा।

                                              ........... अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम          

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, विद्युत वितरण मण्‍डल अमरोहा द्वारा अधिशासी अभियंता अमरोहा।

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

अपील संख्‍या:-147/2021

1-    पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0, मेरठ द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

2-    पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0, इलैक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन सर्किल, द्वारा अधिशासी अभियंता, अमरोहा।

                                              ........... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम          

श्रीमती राजबाला देवी पत्‍नी शीशपाल सिंह उम्र लगभग 35 वर्ष, निवासी ग्राम कोकापुर पोस्‍ट सौधन (मोहम्‍मदपुर चक सूरत) जनपद अमरोहा।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थी/परिवादिनी के अधिवक्‍ता         : श्री अश्‍वनी कुमार पाण्‍डेय

प्रत्‍यर्थी/विद्युत विभाग के अधिवक्‍ता        : श्री इसार हुसैन

दिनांक :- 23.9.2022

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादिनी श्रीमती राजबाला देवी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, अमरोहा द्वारा परिवाद सं0-42/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.01.2018 के विरूद्ध योजित की गई है।

-2-

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा भी उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 24.01.2018 के विरूद्ध अपील सं0-147/2021 योजित की गई है।

दोनों अपीलों में अपीलार्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अश्‍वनी कुमार पाण्‍डेय तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन किया।

अपीलार्थी/परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत अपील सं0-345/2022 में जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश के निम्‍न तथ्‍यों की ओर मेरा ध्‍यान आकृष्‍ट किया:-

''समस्‍त पत्रावली के अवलोकन एवं परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्को से स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र और शपथपत्र में जो कथन किये गये हैं उसका कोई खण्‍डन विपक्षीगण की ओर से नहीं किया गया है। क्‍योंकि विपक्षीगण की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं आया अत: दिनांक 30.11.17 को विपक्षीगण के विरूद्ध कार्यवाही एकपक्षीय चलाने का आदेश हुआ। पत्रावली पर कागज नम्‍बर 15ग परिवादिनी के पति शीशपाल द्वारा टयूववेल हेतु विद्युत कनेक्‍शन लेने की रसीद की छायाप्रति दाखिल है जिससे स्‍पष्‍ट है कि वह विपक्षीगण का उपभोक्‍ता था तथा परिवादिनी का कथन है कि उसके पति की मृत्‍यु दिनांक 02.11.17 को उस समय हुई वह अपने खेत की फसल में पानी लगा रहा था और ऊपर से विद्युत का तार टूटकर गिर गया। पत्रावली पर विद्युत करंट से मृत्‍यु होने के सम्‍बन्‍ध में थाने में दी गयी सूचना की प्रति की छायाप्रति 7ग है और पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट भी पत्रावली पर कागज नम्‍बर 8ग व 9ग है जिसमें विद्युत करंट के कारण मृतक शीशपाल का जख्‍मी होकर उसकी मृत्‍यु

 

-3-

होना दर्शाया गया है। इस प्रकार परिवादिनी अपनी साक्ष्‍य द्वारा कथित परिवाद पत्र के कथन को साबित करने में सफल रही है।''

यह तथ्‍य निर्विवादित है कि अपीलार्थी/परिवादिनी के पति की मृत्‍यु दिनांक 02.11.2017 को जब वह अपने खेत की फसल में पानी लगा रहा था, तब विद्युत के तार टूट कर गिरने से हुई अर्थात विद्युत करेंट से मृत्‍यु प्रमाणित पाई गई, जिस सम्‍बन्‍ध में थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करायी गई, जिसका सम्‍यक विवरण ऊपर उल्लिखित जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय में किया गया है। यह भी तथ्‍य निर्विवादित रूप से पक्षकार को स्‍वीकृत है कि मृतक शीशपाल जो कि अपीलार्थी/परिवादिनी के पति थे, उनकी मृत्‍यु के समय उनकी उम्र करीब 34 वर्ष थी, जिस सम्‍बन्‍ध में मृत्‍यु प्रमाण पत्र 28ग भी पत्रावली पर जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया, तदोपरांत जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा मा0 राष्‍ट्रीय आयोग के द्वारा पारित निर्णय एवं देशों को उल्लिखित करते हुए अपीलार्थी/परिवादिनी को विपक्षीगण से 3,00,000.00 रू0 क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने का अधिकार पाते हुए विपक्षी विद्युत विभाग को उपरोक्‍त धनराशि रू0 3,00,000.00 मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया, साथ ही क्षतिपूर्ति हेतु 3,000.00 रू0 और वाद व्‍यय हेतु 3,000.00 रू0 प्रदान किये जाने का आदेश दिया। विपक्षी पश्चिमांचल निगम द्वारा उपरोक्‍त निर्णय/आदेश दिनांक 24.01.2018 को अपास्‍त किये जाने हेतु प्रार्थना की तथा यह कथन किया कि उपरोक्‍त निर्णय एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है तथा यह कि जो मुआवजा अपीलार्थी/परिवादिनी को जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया गया है, वह अविधिक एवं स्‍वीकृत किये जाने योग्‍य नहीं है।

मेरे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य को सुना। श्री ए0के0 पाण्‍डेय अपीलार्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा मेरा ध्‍यान अपील के

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संलग्‍नक-6 की ओर आकर्षित किया गया, जो उत्‍तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप दिनांक 13.10.2016 है, जिसमें पावर कार्पोरेशन द्वारा स्‍पष्‍टत: य‍ह उल्लिखित किया गया है कि मानवीय दुर्घटना में रू0 4,00,000.00 के स्‍थान पर रू0 5,00,000.00 हर्जाना अनुमन्‍य किया जायेगा।

     अपीलार्थी/परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा उपरोक्‍त कार्यालय ज्ञाप पर विशेष रूप से बल देते हुए यह कथन किया कि उक्‍त उल्लिखित कार्यालय ज्ञाप के अनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्राप्‍त कराया गया मुआवजा अनुचित है, जबकि कार्यालय ज्ञाप के अनुसार रू0 5,00,000.00 का मुआवजा अनुमन्‍य किया गया था, जो प्राप्‍त कराया जाना था।

     समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए विशेष रूप से उपरोक्‍त कार्यालय ज्ञाप को तथा ऊपर उल्लिखित निर्विवादित तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए अपील सं0-345/2022 श्रीमती राजबाल देवी बनाम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड स्‍वीकृत की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-42/2017 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.01.2018 में मात्र मुआवजे की धनराशि रू0 3,00,000.00 के स्‍थान पर उपरोक्‍त धनराशि रू0 5,00,000.00 की देयता निर्धारित की जाती है, अन्‍य क्षतिपूर्ति हेतु जो आदेश विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित किया गया है, वह मेरे विचार से उचित प्रतीत होता है।

अपील सं0-147/2021 पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व अन्‍य बनाम श्रीमती राजबाल देवी, जो कि अपीलार्थी/विपक्षी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से प्रस्‍तुत की गई है, में बल नहीं पाया जाता है, अत्एव उपरोक्‍तानुसार अपील सं0-147/2021 निरस्‍त की जाती है।

इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील सं0-345/2022 में रखी जाए एवं

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इस निर्णय/आदेश की एक प्रमाणित प्रतिलिपि अपील सं0-147/2021 में भी रखी जाए।

अपील सं0-147/2021 में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को नियमानुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                            (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                    

                                               अध्‍यक्ष                                                                                                          

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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