Uttar Pradesh

StateCommission

A/2002/2276

UPPCL - Complainant(s)

Versus

Raj Bahadur - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

25 Jan 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2002/2276
( Date of Filing : 17 Sep 2002 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. UPPCL
Sultanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Raj Bahadur
Sultanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Jan 2023
Final Order / Judgement

                                                  (मौखिक)

'' विशिष्‍ट लोक अदालत''

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या- 2276/2002

यू0पी0 स्‍टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड व अन्‍य बनाम राज बहादुर विश्‍वकर्मा

 

     दिनांक: 25.01.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

       प्रस्‍तुत अपील आज '' विशिष्‍ट लोक अदालत '' में सूचीबद्ध की गयी, जो इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद संख्‍या- 349/1997 राज बहादुर विश्‍वकर्मा बनाम उ०प्र० राज्‍य विद्युत परिषद व अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 20.02.2001 के विरूद्ध योजित की गयी है। प्रस्‍तुत अपील विगत लगभग 21 वर्षों से लम्बित है।

        जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

    " परिवाद स्‍वीकार स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह आज से तीस दिन के अन्‍दर परिवादी के प्रार्थना पत्र पर दिनांक 27-07-97 पर किये गये दूसरे सर्वे द्वारा बनाए गये स्‍टीमेट धन को जमा कराकर उसे विद्युत कनेक्‍शन कथित स्‍थान पर दें दे तथ परिवादी को 5000/-रू० क्षतिपूर्ति तथा 200/-रू० वाद व्‍यय भी अदा करें।"

       प्रस्‍तुत अपील जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्‍त आदेश के विरूद्ध योजित की गयी है।

    मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

    

 

2

 

     मेरे विचार से उपरोक्‍त आदेश में जो हर्जाना की धनराशि 5000/-रू० अदा करने हेतु जिला आयोग द्वारा आदेशित किया गया है उसे संशोधित करते हुए 1000/-रू० किया जाता है एवं वाद व्‍यय की धनराशि 200/-रू० को संशोधित करते हुए 100/-रू० किया जाता है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित शेष निर्णय का अनुपालन अपीलार्थी द्वारा एक माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित किया जावे। अन्‍तरिम आदेश य‍दि हो तो उसे समाप्‍त किया जाता है।

        आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।. .

                          

                         

      (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

    अध्‍यक्ष

           

          कृष्‍णा–आशु0 कोर्ट नं0 1

         

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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