Rajasthan

Ajmer

CC 326/2012

BAJRANG LAL - Complainant(s)

Versus

RAIWAY - Opp.Party(s)

ADV AMAR SINGH RATHORE

04 Aug 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC 326/2012
 
1. BAJRANG LAL
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. RAIWAY
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 04 Aug 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

 
श्री बजरंग लाल अग्रवाल पुत्र श्री रामगोपाल अग्रवाल, उम्र- 64 वर्ष, जाति-अग्रवाल, निवासी- पट््टी कटला, अजमेर ।  
                                                        -    प्रार्थी

                            बनाम

1.  मण्डल  रेल प्रबन्धक, उत्तर पष्चिम रेल्वे, मण्डल कार्यालय, अजमेर । 
2.  प्रबन्धक, वाणिज्य , उत्तर पष्चिम रेल्वे, महाप्रबन्धक कार्यालय, जयपुर । 
 
                                                        -   अप्रार्थीगण 
                 परिवाद संख्या  326/2012

                            समक्ष
                   1.  विनय कुमार गोस्वामी     अध्यक्ष
            2.  श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
                   3.   नवीन कुमार             सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अमर सिंह राठौड़, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री विभौर गौड़, अधिवक्ता अप्रार्थीगण 

मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः-    04.08.2016

1.        परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 25.9.2011  की  अजमेर से हरिद्वार की यात्रा हेतु उसने स्वयं का व अपनी पत्नी का   अहमदाबाद-हरिद्वार सवारी गाड़ी से दिनांक 3.9.2011 को रू. 336/- अदा कर अप्रार्थी रेल्वे  से अग्रिम आरक्षण करवाया  ।  उसे अप्रार्थी रेल्वे द्वारा  आरएसी-4 व 5 सीट आवटित की गई ।  जिसे यात्रा दिनंाक 25.09.2011 को कोच नं. 6 में कन्फर्म सीट संख्या 53 व आर. 31 परिवर्तित किया गया ।  उसकी यात्रा दिनांक 25.9.2011 को पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी  । इस कारण ट्रेन में प्रतियोगी  छात्रों की काफी भीड़ थी ।  उसकी सीट वाला आरक्षित डिब्बा  भीड़ से भरा हुआ था । इस कारण उसे  अपनी आरक्षित सीट प्राप्त नहीं हो सकी  और उसे व उसकी पत्नी को बड़ी मुष्किल से खड़े रहने को जगह मिली ।  गाड़ी के रवाना होने से पूर्व उसे स्टेषन पर छोड़ने आए उनके पुत्रों ने  स्टेषन अधीक्षक, टी.टी., स्टेषन मास्टर , सुरक्षा कर्मियों आदि से सीट दिलवाने का काफी निवेदन किया ।  किन्तु उन्हें सीट उपलब्ध नहीं हुई और ना ही  षिकायत पुस्तिका उपलब्ध कराई गई ।  यात्रा के दौरान टिकिट चैक करने आए टीटी से भी सीट दिलवाने का निवेदन किया  लेकिन उसने भी कोई परवाह नहीं की । प्रार्थी  व उसकी पत्नी वरिष्ठ नागरिक है और वे मधुमेह व गठिया रोग से पीड़ित हैं । प्रार्थी व उसकी पत्नी को खडे़ खड़े  अलवर तक यात्रा करनी पड़ी । ट्रेन के टायलेट में भी काफी गंदगी थी  और पानी नहीं था ।  इसलिए प्रार्थी व उसकी पत्नी को षौचालय आदि जाने में  काफी परेषानी का सामना करना पड़ा ।  इसके संबंध में भी टीटी से षिकायत की ।  किन्तु उसने कोई ध्यान नहीं दिया ।  यात्रा समाप्ति के उपरान्त उसने उसे व अपनी पत्नी को हुई परेषानी  के लिए क्षतिपूर्ति हेतु दिनांक 2.10.2011 को अप्रार्थी रेल्वे को नोटिस दिया ।  किन्तु उसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया ।  प्रार्थी ने अप्रार्थी रेल्वे के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया ।
2.    अप्रार्थी रेल्वे ने जवाब प्रस्तुत कर  परिवाद की चरण संख्या 1  व 2 को रिकार्ड का विषय बताते हुए परिवाद की चरण संख्या 3 व 4 में अंकित कथनों को  असत्य, आधारहीन, मनगढ़न्त होने से अस्वीकार करते हुए दर्षाया है कि  ट्रेन में भीड़ होना यात्रीगणों की संख्या पर निर्भर करता है । प्रष्नगत दिनांक को जिन यात्रियों को सीट आरक्षित  हुई थी उनके द्वारा यथापूर्वक यात्रा की गई ।  किसी प्रकार की कोई षिकायत  ना तो ट्रेन की यात्रा के दौरान, ना ही तुरन्त बाद उत्तरदाता को दर्ज कराई गई । प्रष्नगत कोच में कोई अनाधिकृत व्यक्ति उपस्थित नहीं था ।  यदि षिकायत प्राप्त होती तो उसका निवारण किया जाता ।  प्रार्थी व उसकी पत्नी को  विभिन्न रोगों से ग्रसित होने की जानकारी उत्तरदाता को नहीं है । प्रार्थी द्वारा यात्रा के दौरान किस स्टेषन पर, किस स्थान पर, किस टीटी से षिकायत की, यह नहीं बताया है  और कोच के षौचालय में गंदगी व पानी नहीं होने की कोई भी ष्किायत  लिखित व मौखिक रूप में  टीटी को  दर्ज नहीं करवाई । परिवाद में अंकित षेष कथनों को भी  गलत व आधारहीन होना बताते हुए परिवाद निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । जवाब के समर्थन में  श्री लक्ष्मीकान्त व्यास, मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक का षपथपत्र  पेष किया है । 
3.    प्रार्थी का तर्क है कि उसने दिनंाक 25.9.2011 को अजमेर से हरिद्वार यात्रा हेतु अहमदाबाद मेल सवारी गाड़ी में दिनंाक 3.9.2011 को अग्रिम आरक्षण करवाया था व टिकिट प्राप्त करने के बाद यात्रा की तिथि को रेल्वे स्टेषन पहुचनें पर रेल्वे स्टाफ द्वारा  उसे  कोच नम्बर 6 में सीट संख्या  53 व 31 आवंटित की  गई ।  यात्रा की दिनांक 25.9.2011 को  पटवारी भर्ती परीक्षा  के कारण प्रतियोगियों की काफी भीड़ थी । आरक्षित कोच भीड़ से भरा हुआ था । अत्यधिक भीड़ होने के कारण वह  अपनी पत्नी के साथ निर्धारित आरक्षित सीट पर यात्रा नहीं कर सका ।  स्टेषन पर मौजूद  रेल्वे स्टाफ भी  आरक्षित सीटों पर यात्रा नहीं करा सके ।  स्टेषन पर मौजूद  रेल्वे स्टाफ  व सुरक्षा कर्मियों से से सीट दिलवाने का निवेदन किया । किन्तु किसी ने भी उसके निवेदन को नहीं सुना । मांग किए जाने के बावजूद षिकायत पुस्तिका भी उपलब्ध नहीं करवाई गई ।   ट्रेन के रवाना होने पर उसने अपनी पत्नी के साथ  अलवर तक खडे़ खडे़ यात्रा करनी पड़ी  । वह स्वयं वरिष्ठ नागरिक है  व मधुमेह रोग से पीड्ति है व उसकी पत्नी भी वरिष्ठ नागरिक है व गठिया रोग से पीड़ित है ।  उसने यात्रा के दौरान  टीटी  को आरक्षित सीट दिलवाने का निवेदन किया  किन्तु उसने  भी कोई ध्यान नहीं दिया ।  परिणामस्वरूप रेल्वे स्टाफ  को की गई षिकायत का उल्लेख करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि रेल्वे का उक्त कार्य स्पष्ट रूप से सेवा में कमी व लापरवाही का द्योतक है ।  वह वांछित अनुतोष प्राप्त करने का  अधिकारी है ।  
4.     अप्रार्थी ने इन तथ्यों का खण्डन किया व  अन्य यात्रीगण द्वारा किसी प्रकार की कोई षिकायत नहीं किया जाना बताया ।  कोच में अनाधिकृत व्यक्ति  की उपस्थिति को  नकारा । षिकायत पुस्तिका की मांग को असत्य बताते हुए अस्वीकार किया ।  परिवाद खारिज होने योग्य बताया । 
5.    हमने परस्तपर तर्क सुने व पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया । 
6.     प्रार्थी का दिनंाक 25.9.2011 को अजमेर से हरिद्वार के आरक्षित टिकिट  की प्रति को देखने से यह स्पष्ट व सिद्व है कि उक्त तिथि के लिए उसने उक्त सीट उक्त ट्रेन में आरक्षित की थी ।  प्रार्थी के प़त्र दिनंाक 2.10.2011 जो उसके द्वारा रेल्वे को षिकायत के रूप में भेजा गया है ,  जिसके प्रति उत्तर में रेल्वे बोर्ड का पत्र दिनंाक 14.12.2011 जो चीफ कमिषर््िायल  उत्तर पष्चिम रेल्वे, जयपुर को भिजवाया गया था, में क्रम संख्या 4 पर प्रार्थी की इस आषय की षिकायत, उत्तर पष्चिम रेल्वे , मण्डल कार्यालय अजमेर के पत्र दिनंाक 30.5.2012 जो वरिष्ठ  मण्डल वाणिज्यक प्रबन्धक, जयपुर को लिखा गया है, में इस आषय का उल्लेख है कि उक्त विषय में जांच करने पर पाया गया कि उस दिन राज्य सरकार की ओर से पटवार  भर्ती का आयोजन किया गया था व  हजारों की संख्या में बेरोजगार युवक सम्मिलित होने अजमेर आए थे । स्टेषन पर रेल्वे  द्वारा जन घोषणा प्रसारित कर आवष्यक निर्देष दिए जा रहे थे व नियमानुसार आरपीएफ व जीआरपी  के कर्मचारी उपस्थित थे, को देखते हुए यह सिद्व रूप से प्रकट है कि तत्समय तथाकथित  यात्रा में हुंई असुविधा बाबत् प्रार्थी द्वारा अप्रार्थी रेल्वे को षिकायत भेजी गई व यह षिकायत रेल्वे विभाग में प्राप्त होने पर इस पर हलचल हुई ।  यह भी सिद्व रूप से प्रकट हुआ कि उक्त दिनांक को राज्य सरकार की ओर से पटवारी परीक्षा का आयोजन हुआ था  तथा रेल्वे स्टेषन पर अत्यधिक भीड़ थी  । चूंकि प्रार्थी द्वारा उक्त प्रस्तावित यात्रा के दौरान आरक्षित कोच में सीट नहीं मिलने  के कारण की गई षिकायत के  तथ्य का कोई पुख्ता खण्डन  सामने नहीं आया है  व यह स्वीकार किया गया है कि पटवारी भर्ती परीक्षा के कारण रेल्वे स्टेषन पर अत्यधिक भीड़  थी । फलतः  प्रार्थी का यह  आक्षेप कथन स्वीकार किए जाने येाग्य है कि उक्त दिवस को उसके द्वारा  आरक्षित  टिकिट होने के बावजूद आरक्षित डिब्बे में यात्रा नहीं की गई । इस हेतु उसके द्वारा रेल्वे स्टाफ को तत्समय षिकायत भी  गई  व बाद में लिखित षिकायत उच्चाधिकारियों को भेजी गई  । प्रार्थी को हुई उक्त परेषानी अप्रार्थी रेल्वे  की सेवाओं में कमी  होना व समुचित सुरक्षा व्यवस्था का माकूल इन्तजाम नहीं  होने का ज्वलंत उदाहरण है । 
7.    आए दिन विभिन्न विभागों की प्रतियोगी परीक्षा में अनियंत्रित भीड़ की  खबरें अखबारों में पढने व देखने को मिलती  है । ऐसी अनियंत्रित भीड़  द्वारा सार्वजनिक स्थानों यथा- रेल्वे स्टेषन,  बस स्टेण्ड आदि में जनमानस से दुव्र्यवहार की  खबरों व  आम जन को परेषानी की षिकायत देखते  व सुनने को मिलती है ।  प्रषासन ऐसी अव्यवस्था को रोकने में समर्थ है  और  प्रषासन द्वारा किसी प्रकार की कोई व्यवस्था कर दी गई  थी , किन्तु यह नाकाफी प्रतीत होती है ।  हस्तगत मामले में भी उक्त यात्रा की तिथि को परीक्षार्थियों   की भीड़  ने प्रार्थी व उसकी पत्नी को आरक्षित टिकिट होने के बावजूद अत्यधिक असुवधिाजनक तरीके से यात्रा करने के लिए मजबूर किया है । रेल्वे प्रषासन इस प्रकार की  अव्यवस्था को  रोकने में नाकाम रहा है । यहां यह उल्लेख करना भी उचित होगा कि विभिन्न विभागों द्वारा ऐसी परीक्षाओं की तिथि एकदम निष्चित नहीं की जाती बल्कि अखबार व अन्य साधनों से प्रचारित व प्रसारित  की जाती है । किन्तु संबंधित विभाग यथा रेल्वे व रोड़वेज उक्त परीक्षाओं की तिथि  में  अपने  उपभोक्ताओं/ यात्रियों को समुचित सुरक्षा व  सेवा  उपलब्ध नहीं करा पता जबकि  वे उपभोक्ताओं / यात्रियों से  गन्तव्य स्थान तक   सुरक्षित यात्रा करवाने हेतु पर्याप्त राषि प्राप्त करते हैं ।   प्रार्थी पक्ष को आरक्षित डिब्बे में यथासमय सुरक्षित यात्रा नहीं करवा उकर रेल्वे ने सेवा में दोष का परिचय दिया है । परिवाद इन्हींे तथ्यों  एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                             :ः- आदेष:ः-
8.    (1)       प्रार्थी अप्रार्थी रेल्वे से उसे हुए मानसिक संताप के पेटे रू. 25,000/-  एवं परिवाद व्यय पेटे रू. 5000/-  प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
           (2)       क्रम संख्या  1  में वर्णित राषि अप्रार्थी  रेल्वे   प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 04.08.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

     


    

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.