Uttar Pradesh

Bareilly-II

CC/299/2009

SHALABH - Complainant(s)

Versus

RAILWAY - Opp.Party(s)

23 Nov 2024

ORDER

1. परिवादी/निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार अनुपस्थित।
2. विपक्षी/निर्णीत ऋणी/मद्यून डिक्रीदार अनुपस्थित।
3. दिनॉक 07.12.2009 को प्रस्तुत व दिनॉक 17.04.2012 को निर्णीत इस परिवाद प्रकरण में विपक्षी/निर्णीत ऋणी की ओर से मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील क्रमॉक - ए/1016/2012 में पारित स्थगन आदेश दिनॉक 21.05.2012 प्रस्तुत करने पर यह परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 299/2009 पुनः नम्बर पर लिया गया था।
4. इस आयोग द्वारा परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 299/2009 में पारित डिक्री के अनुसार विपक्षी/निर्णीत ऋणी/मद्यून डिक्रीदार से क्षतिपूर्ति 5,000/-रु., वाद व्यय 2,000/-रु. तथा गलत तरीके से वसूल की गई राशि 700/-रु. की वसूली कार्यवाही की जानी थी।
5. उक्त निष्पादन की कार्यवाही मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील प्रकरण क्रमॉक - ए/1016/2012 में पारित स्थगन आदेश दिनॉक 21.05.2012 के पालन में स्थगित है।
6. पक्षकार निष्पादन कार्यवाही में स्थगन के पश्चात् से ही लगातार अनुपस्थित हैं।
7. अपील निराकृत होने अथवा स्थगन समाप्त होने की कोई अधिकृत सूचना मान्नीय राज्य आयोग की ओर से अब तक प्राप्त नहीं हुई है और न ही किसी पक्षकार की ओर से प्रस्तुत की गई है।
8. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में निष्पादन कार्यवाही समाप्त हो जावेगी तथा इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में निष्पादन कार्यवाही में स्थगन समाप्त होकर निष्पादन की कार्यवाही आगे जारी रखी जावेगी।
9. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील स्वीकार किये जाने की दशा में परिवादी/निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार का इस निष्पादन प्रकरण में कोई हित शेष न रहने के कारण निष्पादन कार्यवाही में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती। इसके विपरीत मान्नीय राज्य आयोग द्वारा अपील खारिज किये जाने की दशा में स्थगन स्वतः समाप्त होने पर परिवादी/निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार उपस्थित होकर निष्पादन की कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु इस आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
10. अतः पक्षकारों की लगातार अनुपस्थिति तथा निष्पादन कार्यवाही में स्थगन समाप्त होने की सूचना न होने के कारण इस निष्पादन प्रकरण को वर्तमान् स्तर अनावश्यक रूप से बार-बार तारीखें नियत किये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता। 
11. मान्नीय अपील न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने की सूचना दिये जाने अथवा परिवादी/निष्पादनकर्ता/डिक्रीदार द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने के समबन्ध में प्रमाण पेश किये जाने की दशा में निष्पादन प्रकरण में दर्ज किया जाकर यह निष्पादन कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जावेगी।
12. यह परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 299/2009 पुनः पंजी से निरस्त किया जावे तथा अभिलेख के शीर्ष में लाल स्याही से अभिलेख सुरक्षित रखे जाने की टीप लगाते हुये फिलहाल इस परिवाद प्रकरण का अभिलेख अभिलेखागार भेजा जावे।

 

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