राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
परिवाद सं0- 40/2019
श्रीमती सुषमा जैन पत्नी श्री वी0के0 जैन।
बनाम
रेल विहार सहकारी अवास समिति लि0 व अन्य।
दिनांक :- 02.07.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
आदेश
प्रस्तुत परिवाद परिवादिनी द्वारा निम्न अनुतोष हेतु इस न्यायालय के सम्मुख योजित किया गया है:-
“Issue an appropriate order or direction to the respondents to handover physical and active possession of the plot no B-67B measuring about 200 squares yard i.e. 167.22 square metres, Khasra No. 226 situated in the Village Sadullabad, Pargana Loni, District Ghaziabad to the complainant.
ii. Issue an appropriate order or direction to the respondents to handover physical and actual possession of an alternative suitable plot for residential purposes to the complainant in lieu of the plot no B-67B measuring about 200 squares yard i.e. 167.22 square metres, Khasra No. 226 situated in the Village Sadullabad, Pargana Loni, District Ghaziabad.
iii. Issue an appropriate order or direction to the respondents to pay Rs. 50,000,00/- cost of the plot no B-67B
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measuring 200 squares yard i.e. 167.22 square metres, Khasra No. 226 situated in the Village Sadullabad. Pargana Loni, District Ghaziabad at the prevailing market rate to the complainant and appropriate compensation may also be paid to the complainant.
iv. to pass such other order which may be deemed necessary in the facts and circumstances of the case.”
परिवाद अंगीकृत करते हुये विपक्षीगण को नोटिस जारी किया गया जिसके अनुपालन में विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अविनाश शर्मा उपस्थित हुये जिनके द्वारा उत्तर शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसकी प्रति परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को दि0 28.03.2023 को प्राप्त करायी गई। उपरोक्त उत्तर शपथ पत्र प्राप्त कराये लगभग एक वर्ष तीन माह से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। अनेकों तिथियों पर उत्तर, प्रति उत्तर शपथ पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु समय प्रदान किये गये एवं विगत अनेकों तिथियों पर परिवादी की ओर से न तो कोई अधिकृत प्रतिनिधि और न ही कोई अधिवक्ता उपस्थित हुये। लगातार परिवाद लगभग पांच वर्षों से अधिक समय से स्थगित किया जाता रहा। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता श्री अविनाश शर्मा द्वारा कथन किया गया कि उनके द्वारा प्रस्तुत उत्तर शपथ पत्र के साथ जो प्रपत्र प्रस्तुत किये गये हैं/संलग्नित किये गये हैं, उनमें मुख्य रूप से मुख्तारआम श्रीमती सुषमा जैन पत्नी श्री वी0के0 जैन एवं श्री अमित चपराना पुत्र श्री सीताराम चपराना के पक्ष में सम्बन्धित भूखण्ड का क्रय-विक्रय एवं समस्त प्रक्रिया सुनिश्चित किये जाने का अधिकार पत्र प्राप्त कराया गया जिसके परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त श्री अमित चपराना द्वारा सम्बन्धित भूखण्ड को सर्व श्री अनिल कुमार पुत्र श्री सरदार सिंह, निवासी मैन भगत सिंह रोड, किशनगंज दिल्ली के पक्ष में विक्रीत
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किया गया जिससे सम्बन्धित प्रपत्र एवं विक्रय विलेख पत्र पत्रावली पर उपलब्ध है।
उपरोक्त समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुये विशेष रूप से इस तथ्य को कि जब परिवादिनी द्वारा सम्बन्धित भूखण्ड को किसी अन्य के पक्ष में मुख्तारआम को समस्त अधिकार पत्र प्रदान किया जा चुका है तब उस दशा में परिवाद लम्बित रखने का कोई औचित्य नहीं है। तदनुसार परिवाद निरस्त किया जाता है।
अंतरिम आदेश यदि कोई हो तो समाप्त किया जाता है।
पत्रावली दाखिल दफ्तर की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 1