राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या– 1015/2019
हीरो मोटोकार्प लिमिटेड द्धारा अथराइज सिग्नेचरी श्री राज कुमार श्रीवास्तव कार्यालय 34 कम्यूनिटी सेन्टर, बसन्त लोक, बसन्त बिहार, न्यू देलही 110057
बनाम
- राहुल पुत्र मुन्ना लाल निवासी- 58 महावीर पुरा ललितपुर।
- श्रीवास्तव आटो मोबाइल्स अधिकृत डीलर हीरो मोटोकार्प नियर नवीन गल्ला मंडी, झांसी रोड, ललितपुर 284403
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री प्रशान्त कुमार, विद्धान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री हरेन्द कुमार श्रीवास्तव,
विद्धान अधिवक्ता।
दिनांक 07.05.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्धारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, ललितपुर द्धारा परिवाद संख्या– 15/2017 राहुल बनाम श्रीवास्तव आटोमोबाइल व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.07.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में परिवाद के तथ्य यह है कि परिवादी ने दिनांक 16.10.2016 को एक मोटर साइकिल जिसका इंजन नं० जेएफ33एजीजीके04258 चेचिस नं० एमबीएलजेएफ33एएजीजीके02605 विपक्षी संख्या-1 से क्रय किया था। परिवादी ने विपक्षी संख्या-01 से गाड़ी से सर्विस दिनांक 05.11.2016 को करवाया और वापस घर पहॅुचने पर गाड़ी अचानक बन्द हो गई। काफी प्रयास के बाद भी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तत्पश्चात परिवादी ने दिनांक 07.11.2016 को वाहन विपक्षी संख्या-01 के शोरूम में जमा किया जिस पर विपक्षी संख्या-01 द्धारा बताया गया कि इंजन की बैरिंग टूट जाने के कारण छर्रे इंजन में घुस गये है, कम्पनी से मैकेनिक आने के बाद ही गाड़ी ठीक होगी।
दिनांक 11.11.2016 को विपक्षी संख्या-1 ने परिवादी को सूचित किया कि गाड़ी ठीक हो गई है। जब परिवादी गाड़ी लेने विपक्षी संख्या-1 के यहां पहॅुचा तो देखा कि गाड़ी ज्यो की त्यों हालत में थी और ठीक नहीं कराई गई और परिवादी के साथ विपक्षी के मैनेजर द्धारा अभद्र व्यवहार किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है।
विपक्षी ने जवाबदावा में कहा है कि परिवादी ने वाहन विपक्षी संख्या-1 से दिनांक 16.10.2016 को क्रय किया था। दिनांक 05.11.2016 को 553 किलोमीटर पर वाहन की प्रथम सर्विस कराई गई। दिनांक 07.11.2016 से परिवादी का वाहन उनके यहां जमा है। जांचोपरान्त वाहन में कोई कमी नहीं पाई गई। परिवादी को दिनांक 09.11.2016 को वाहन ले जाने हेतु फोन पर सूचित किया गया परन्तु वह वाहन लेने नहीं आया।
विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
‘’ परिवाद संख्या-15/2017 आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को यह निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादी के वाहन संख्या-यू0पी0 94 क्यू 9862 का दोषयुक्त इंजन हटाकर नया दोषमुक्त इंजन मय वारण्टी/गारण्टी अन्दर 01 माह में स्थापित कर वादी को वाहन प्राप्त करावे।
इसके अलावा परिवादी विपक्षीगण से खर्चा मुकदमा रू0 5,000.00 एवं मानसिक कष्ट हेतु रू0 10,000.00 कुल रू0 15,000.00 (पन्द्रह हजार रूपये) पाने का अधिकारी होगा।
तय समय सीमा में अनुपालन न करने की दशा में परिवादी विपक्षीगण से वाहन की कीमत रू0 52330.00 तथा रू0 15,000.00 एवं उस पर 10 प्रतिशत साधारण ब्याज भी पाने का अधिकारी होगा। ‘’
पीठ द्धारा अपीलार्थी बीमा कम्पनी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री प्रशान्त कुमार तथा प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता श्री हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन किया गया। अपीलार्थी द्धारा अपील में कथन किया गया है कि जिला मंच द्धारा पारित निर्णय/आदेश में तथ्यों को सही रूप से विश्लेषित नहीं किया गया है।
पीठ द्धारा जिला मंच के प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश का सम्यक अवलोकन किया गया। उभय पक्षों को यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी से दिनांक 16.10.2016 वाहन खरीदा तथा दिनांक 05.11.2016 को प्रथम सर्विस अपीलार्थी/विपक्षी से करायी।
जिला आयोग ने अपने निर्णय में इस तथ्य का उल्लेख कियाहै कि दिनांक 07.11.2016 को परिवादी वाहन में खराबी की शिकायत के साथ विपक्षी के वर्कशाप में लाया । इस बात पर भी कोई विवाद नहीं है कि वाहन वारण्टी अवधि में था तथा दिनांक 07.11.2016 से अभी तक वाहन विपक्षी संख्या-01 के कब्जे में है।
निर्णय में इस तथ्य का भी उल्लेख भी विपक्षी कम्पनी द्धारा किया गया है कि ‘’ पार्ट आ रहे है कुछ पार्ट निकल चुका है जैसे ही पार्ट प्राप्त हो जायेगा वाहन की डिलेवरी परिवादी को दे दी जायेगी।‘’ अपीलार्थी/विपक्षी के उक्त कथन से यह पुष्ठ हो जाता है कि परिवादी के वाहन में मैकेनिकल डिफेक्ट था।‘’
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्चात हमारे अभिमत से जिला आयोग ने उभय पक्षों द्वारा दाखिल सभी अभिलेखों व शर्तो का अवलोकन करते हुए साक्ष्यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्नगत परिवाद में विवेच्य निर्णय पारित किया है, जो कि तथ्यों एवं साक्ष्यों से समर्थित एवं विधि-सम्मत है एवं उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तद्नुसार प्रस्तुत अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेगें।
प्रस्तुत अपील योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्धारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
रंजीत, पी.ए.
कोर्ट न0- 1