(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-275/2020
राहुल श्रीवास्तव पुत्र श्री महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, निवासी बी-25, सेक्टर-52, नोयडा, जिला गौतम बुद्ध नगर, वर्तमान पता काटघर महबूबा गंज, निकट लक्ष्मी नारायण गर्ल्स इण्टर कालेज, मुरादाबाद, यू0पी0।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम्
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0, रजिस्टर्ड एण्ड हेड आफिस जी.ई. प्लाजा, ऐयरपोर्ट रोड, यर्वदा पूणे एण्ड नोयडा आफिस सी-31, द्वितीय तल, निरूलास होटल नोयडा, कैप्टन विजयंत थापर मार्ग, गौतम बुद्ध नगर तथा दो अन्य।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
एवं
अपील संख्या-187/2020
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0, रजिस्टर्ड एण्ड हेड आफिस जी.ई. प्लाजा, ऐयरपोर्ट रोड, यर्वदा पूणे द्वारा बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0, तृतीय तल, नारायण बिल्डिंग, 4 शाहनजफ रोड, लखनऊ यू.पी. द्वारा आफिसर इन चार्ज।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
राहुल श्रीवास्तव पुत्र श्री महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, निवासी बी-25, सेक्टर-52, नोयडा, जिला गौतम बुद्ध नगर तथा दो अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2 व 3
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री राजीव कुमार श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता
विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार, विद्वान
अधिवक्ता।
-2-
विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 13.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्या-275/2020 तथा अपील संख्या-187/2020, परिवाद संख्या-686/2017, राहुल श्रीवास्तव बनाम बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 तथा दो अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.01.2020 के विरूद्ध क्रमश: परिवादी तथा विपक्षी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत की गई हैं। चूंकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गई हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय द्वारा किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्या-275/2020 अग्रणी अपील होगी।
2. परिवादी का यह कथन है कि दिनांक 24.02.2017 को 9.15 बजे रात्रि में वेव सिल्वर सिटी के सामने पार्किंग में परिवादी ने अपना वाहन मारूति बोलेरो कार पार्क की थी, जब वह एक घंटे बाद वापस आया तब वह कार पार्किंग में नहीं थी और पार्किंग कर्मी ने बताया कि गाड़ी को कोई चुराकर ले गया है, यह चोरी बीमा अवधि के दौरान हुई है, इसलिए बीमा कंपनी बीमित धन को अदा करने के लिए उत्तरदायी है।
3. बीमा कंपनी का कथन है कि परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए बीमा क्लेम देय नहीं है।
4. विपक्षी संख्या-2 व 3 का कथन है कि बीमा क्लेम अदा करने का उनका कोई दायित्व नहीं है।
5. उभय पक्ष की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि बीमा कंपनी
-3-
बीमित धन अंकन 2,82,000/- रूपये तथा वाद व्यय की मद में अंकन 15,000/- रूपये 08 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करे।
6. इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत की गई दोनों अपीलों का सार यह है कि प्रस्तुत केस में बीमा क्लेम देय नहीं है। बीमा कंपनी का यह कथन है कि बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, यह वाहन कभी भी चोरी नहीं हुआ, इसलिए बीमा कंपनी बीमा क्लेम अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
7. अपीलार्थी/परिवादी एवं प्रत्यर्थी संख्या-1/विपक्षी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए। शेष विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल परिवादी एवं विपक्षी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।
8. स्वंय परिवाद पत्र में उल्लेख है कि परिवादी ने पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी की थी यानी परिवादी द्वारा पार्किंग के कर्मी को अपनी गाड़ी सुपुर्द की गई थी, इसलिए इस वाहन को चोरी होना नहीं माना जा सकता, बल्कि जिस पार्किंग एजेन्सी को वाहन सुपुर्द किया गया, उसके कब्जे से वाहन गायब हुआ है, इसलिए पार्किंग एजेन्सी तथा इसके कर्मचारी वाहन के गुम होने के लिए उत्तरदायी हैं न कि बीमा कंपनी। नजीर ताज महल होटल बनाम यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लि0 व अन्य IV (2019) CPJ 44 (SC) में व्यवस्था दी गई है कि किसी होटल की पार्किंग में वाहन खड़ा करने के बाद यदि वाहन गायब हो जाता है तब संविदा अधिनियम की धारा 148 तथा 149 के प्रावधान लागू होते हैं यानी वाहन बेली को सुपुर्द किया गया है और बेली इस वाहन की सुरक्षा करने के लिए उत्तरदायी है। बेली की सुरक्षा में वाहन गायब हो जाता है तब बेली वाहन की कीमत बतौर क्षतिपूर्ति अदा करने के लिए उत्तरदायी है तथा वाहन के
-4-
स्वामी को बेली यानी पार्किंग की व्यवस्था करने वाली एजेन्सी/समूह के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत करना चाहिए था न कि बीमा कंपनी के विरूद्ध। अत: स्पष्ट है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अवैधानिक निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने और अपील संख्या-275/2020 निरस्त होने और अपील संख्या-187/2020 स्वीकार होने योग्य हैं।
आदेश
9. अपील संख्या-275/2020 निरस्त की जाती है तथा अपील संख्या-187/2020 स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.01.2020 अपास्त किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
इस निर्णय एवं आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-275/2020 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1