राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-414/2020
(जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, फिरोजाबाद द्धारा परिवाद सं0-60/2019 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 29-09-2020 के विरूद्ध)
बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड रजिस्टर्ड एण्ड हैड आफिस जी.ई. प्लाजा, एयरपोर्ट रोड, यरवदा पुणे द्वारा बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, तृतीय तल, नारायण बिल्डिंग, 4 शाहनजफ रोड़, लखनऊ (यू.पी.) द्वारा आफिस इन-चार्ज।
........... अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम
राहुल कुमार पुत्र श्री गिरीश कुमार, निवासी 31, इन्दिरा नगर, टूण्डला, जिला फिरोजाबाद (यू.पी.)।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री दिनेश कुमार विद्वान अधिवक्ता के कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक :- 19-01-2023.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग, फिरोजाबाद द्धारा परिवाद सं0-60/2019 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 29-09-2020 के विरूद्ध योजित की गई है।
वाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी मोटर साईकिल सं0- यू0पी0 83 ए0डी0 0610 अपाचे से अपने रिश्तेदार के यहॉं दिनांक 08-05-2017 को शादी में शामिल होने के लिए आया था। परिवादी ने अपने वाहन को रामबाबू मैरिज होम रहना
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रोड, फिरोजाबाद में लॉक लगाकर खड़ा कर दिया। दिनांक 08-05-2017 को समय करीब रात्रि 9.00 बजे जब लौटकर वह थोड़ी देर बाद मैरिज होम से बाहर आया तो उसको अपनी मोटर साईकिल नहीं मिली अर्थात् उसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा चोरी कर ले जाया गया। इस सम्बन्ध में परिवादी ने दिनांक 09-05-2017 को थाना उत्तर, फिरोजाबाद में मु0अ0सं0-0557/2017 अं0धा0 379 भा0दं0सं0 व धारा 197 एम0वी0 एक्ट के तहत पंजीकृत कराया। प्रश्नगत वाहन चोरी के दिनांक को बीमित था। परिवादी द्वारा वाहन चोरी के सम्बन्ध में विपक्षी को जानकारी दी गई और क्लेम की धनराशि प्राप्त करने हेतु समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण की गईं परन्तु क्लेम का निस्तारण नहीं किया गया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस भी दिनांक 14-02-2019 को विपक्षी को भिजवायी। अत: परिवादी द्वारा परिवाद प्रस्तुत कर अनुतोष की मांग की गई।
विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से प्रतिवाद पत्र विद्वान जिला आयोग के सम्मुख दाखिल किया गया और कथन किया गया कि विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई बल्कि बीमा पालिसी की शर्तों के अधीन कार्यवाही की गई। प्रश्नगत वाहन बीमित होना विपक्षी ने स्वीकार किया। तत्काल सर्वेयर की नियुक्ति की गई। क्लेम निस्तारण के दौरान् निरीक्षक द्वारा पाया गया कि परिवादी द्वारा वाहन से सम्बन्धित दो चाभियॉं उपलब्ध कराई गईं, वह अप्रयुक्त हैं। विपक्षी द्वारा परिवादी से इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण मांगा गया परन्तु परिवादी द्वारा कोई स्पष्टीकरण न दिए जाने पर विपक्षी ने अपने पत्र दिनांक 23-12-2017 के द्वारा परिवादी का दावा निरस्त कर दिया।
तदनुसार उभय पक्ष द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्यों एवं पक्षकारों के कथनों/अभिकथनों के आधार पर विस्तार से विचार करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया :-
‘’ परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि प्रश्नगत वाहन के बीमा क्लेम के रूप में धनराशि मु0 57000/- रू0 इस निर्णय के 30 दिन के भीतर परिवादी को अदा करे। अवहेलना करने पर परिवादी उपरोक्त धनराशि मय ब्याज 6 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से निर्णय
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की तिथि से ताअदायगी तक विपक्षी से पाने का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त बतौर क्षतिपूर्ति मु0 8000/- रू0 एवं परिवाद व्यय के लिए मु0 2000/- रू0 भी विपक्षी उक्त अवधि में परिवादी को अदा करेगा। ‘’
उक्त निर्णय से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
मेरे द्वारा अपीलार्थी बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार के कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता श्री आनन्द भार्गव को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन व परीक्षण किया गया।
अपील की सुनवाई के दौरान् अपीलार्थी बीमा कम्पनी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि बीमा कम्पनी को कथित दुर्घटना की सूचना विलम्ब से दी गई और दुर्घटनाग्रस्त वाहन की जो चाभी प्राप्त कराई गईं वह बीमित वाहन की न होकर अन्य किसी वाहन की होना पाया गया।
उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न निर्णयों में सुस्थापित की गई विधि व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29-09-2020 में निम्न संशोधन किया जाना उपयुक्त एवं न्यायोचित है:-
जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय में जो बीमा दावा के रूप में 57,000/- रू0 के भुगतान हेतु आदेश पारित किया गया है, उसे संशोधित करते हुए बीमित धनराशि रू0 57,000/- का नॉन स्टेण्डर्ड बेसिस पर 75 प्रतिशत का भुगतान किए जाने हेतु आदेशित किया जाता है। साथ ही बतौर क्षतिपूर्ति जिला आयोग द्वारा आदेशित धनराशि 8,000/- रू0 एवं परिवाद व्यय हेतु आदेशित धनराशि 2000/- रू0 के स्थान पर क्रमश: 2,000/- रू0 बतौर क्षतिपूर्ति एवं बतौर वाद व्यय 1,000/- रू0 के भुगतान किए जाने हेतु आदेशित किया जाता है। अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि वह उपरोक्त आदेश का अनुपालन 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करे। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
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इस आयोग के निबन्धक से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रस्तुत अपील योजित करते समय जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को विधि अनुसार निस्तारण हेतु एक माह की अवधि में प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1,
कोर्ट नं0-1.