राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-3031/2001
रामपाल शर्मा पुत्र राम कुमार शर्मा, निवासी झांसी फ्राइट कैरियर मिनर्वा सिनेमा के पास झांसी।
अपीलार्थी
बनाम
1-राजेन्द्र सहगल मालिक आर0 पी0 ट्रेडर्स 12/1,चतुरयाना, झांसी जिला झांसी।
2-मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी लिमिटेड खजांची विल्िडिंग मिनर्वा टाकीज के पास झांसी।
3-जगदीश सिंह सोढ़ी, मालिक मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी लि0 51, श्रीराम कालोनी ग्वालियर, (म0प्र0)।
4-सतीश कुमार, लिपिक, मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी लि0, खजांची विल्िडिंग, मिनर्वा सिनेमा के पास झांसी।
प्रत्यर्थीगण
समक्ष:-
1-मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा पीठासीन सदस्य।
2-मा0 राम चरन चौधरी सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित। कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित। कोई नहीं।
दिनांक 11-12-2014
मा0 श्री राम चरन चौधरी, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-56/2000 राजेन्द्र सहगल बनाम मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी लिमिटेड आदि में निर्णय/आदेश दिनांक 29-10-2001 जिला मंच झांसी द्वारा निर्णय पारित करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया।
“ परिवादी का परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न प्रकार से निर्णय किया जाता।
1-विपक्षी सं0-1 लगायत 3 परिवादी को 3427/-रूपये( तीन हजार चार सौ सत्ताइस रूपये) की धनराशि कम डिलीवर किये गये माल की कीमत तथा इस धनराशि पर दिनांक 28-08-1999 से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज बतौर क्षतिपूत्रि एक माह की अवधि के अन्दर अदा करें।
2- विपक्षी सं0-1 लगायत 3 परिवादी को 500/-रूपये (पांच सौ रूपये) की धनराशि बतौर वाद परिव्यय एक माह की अवधि के अंदर अदा करें। तत्पश्चात इस धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी देय होगा।
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3-विपक्षी संख्या-4 के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया जाता है।“
उपरोक्त वर्णित आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी की ओर से वर्तमान अपील योजित है।
वर्तमान प्रकरण परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण की ट्रांसपोर्ट कम्पनी के माध्यम से भेजे गये माल में से कम डिलीवर किये गये एक नग माल की कीमत मुवलिग 3427/-रूपये की वसूली तथा मानसिक संत्रास व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति हेतु इन अभिकथनों के आधार पर योजित किया कि परिवादी ने दिनांक 21-08-1999 को मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी की लाहौरी गेट दिल्ली शाखा के माध्यम से 3 नग सामान कुल मूल्य मुवलिग 10,000/-रूपये बिल्टी सं0-6721 के माध्यम से झांसी भेजा था जिसके संबंध में विपक्षी ट्रांसपोर्ट कम्पनी को 100/-रूपये का भाड़ा अदा किया गया था। दिनांक 28-08-1999 को माल की डिलीवरी के समय परिवादी को केवल 2 नग माल की डिलीवरी दी गयी। एक नग माल जो कापर पट्टी थी जिसका मूल्य 3427/-रूपये था परिवादी को डिलीवर नहीं किया गया। परिवादी के द्वारा दिनांक 21-11-1999 को पत्र देने व दिनांक 18-03-2000 को कानूनी नोटिस देने के बावजूद भी न तो एक नग माल परिवादी को डिलीवर किया गया और न ही उसकी कीमत वापस की गई। विपक्षीगण ने माल को कम डिलीवर करके परिवादी की सेवा में कमी की। अत: परिवादी ने कम डिलीवर किये
गये माल की कीमत मुवलिग 3427/-रूपये की वसूली तथा 10,000/-रूपये मानसिक संत्रास व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति हेतु क्लेम करते हुये प्रस्तुत परिवाद योजित किया।
विपक्षी संख्या-1, 2व 4 ने परिवादी के क्लेम का इस आधार पर विरोध किया कि विपक्षी संख्या-3 राम पाल शर्मा मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कंपनी का मैनेजर नहीं था और न है। वर्तमान समय में विपक्षी संख्या-4 मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी में लिपिक के पद पर नियुक्त है। विपक्षी संख्या-2 मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक है। परिवादी का माल स्वामी (परिवादी) के जोखिम पर बुक किया गया था परिवादी के द्वारा माल की कीमत गलत अभिकथित की गई है माल बुक कराते समय साधारण लोहे की पट्टी बतायी गयी थी अत: परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
विपक्षी संख्या-3 ने अपने बचाव में यह तथ्य अभिकथित किया कि वह मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कम्पनी का मैंनेजर नहीं था और उसको परिवादी के द्वारा भेजा गया कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ। वह स्वयं झांसी फ्रंट कैरियर ट्रांसपोर्ट कंपनी चला रहा है। मध्य भारत ट्रांसपोर्ट कंपनी से उसका कोई संबंध नहीं है अत: परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
कोई पक्ष उपस्िथत नहीं है पुराना मामला है अपील समय के अन्तर्गत दाखिल किया गया है। पत्रावली के अवलोकन से जिला उपभोक्ता फोरम ने
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विधिवत निर्णय पारित किया। केस तथ्यों एवं परिस्थितियों से कि जिला उपभोक्ता फोरम ने परिवादी को विपक्षी संख्या-1 लगायत 3 से 3427/-रू0 दिलाया है और उसमें ब्याज 18 प्रतिशत दिलाया है। हम इस मत के हैं कि ब्याज की दर 18 प्रतिशत अधिक है उसको 9 प्रतिशत किया जाना न्यायोचित है और जिला फोरम द्वारा 500/-रूपये वाद व्यय लगाया है वह उचित नहीं है। अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है विपक्षी संख्या-1व 3 मु0 3427/-रूपये तथा दिनांक 28-08-1999 भुगतान की तिथि से 9 प्रतिशत ब्याज की दर से परिवादी को अदा करें और विपक्षी संख्या-1व3 पर लगाया गया 500/-रू0 का वाद व्यय निरस्त किया जाता है।
वाद व्यय पक्षकार अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय/आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि उभय पक्ष को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाये।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (राम चरन चौधरी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
मनीराम आशु0
कोर्ट- 4