Uttar Pradesh

StateCommission

A/2028/2015

Cholamandalam MS General Insurance C. Ltd - Complainant(s)

Versus

Rafiq - Opp.Party(s)

Tarun Kumar Misra

25 Sep 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2028/2015
(Arisen out of Order Dated 26/08/2015 in Case No. c/323/2013 of District Agra-II)
 
1. Cholamandalam MS General Insurance C. Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Rafiq
Agra
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 25 Sep 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 2028/2015

                                   (मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम द्वितीय, आगरा द्वारा परिवाद सं0- 323/2013 में पारित आदेश दि0 26.08.2015 के विरूद्ध)

Cholamandalam Ms General insurance company ltd. Regional, 2nd  floor, 4 Marry gold, Shahnajaf road, Sapru marg, Lucknow through its Assistant general manager.

                                     .....……….. Appellant

Versus  

Rafiq son of jatifa resident of village Kagaraul, Tehsil and District- Agra.

                                                                        …………..Respondent                                                       

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री टी0के0 मिश्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :  श्री एच0के0 श्रीवास्‍तव, विद्वान अधिवक्‍ता।  

दिनांक:-  25.09.2017

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित

                                                     

निर्णय

 

  परिवाद सं0- 323/2013 रफीक बनाम चोला मण्‍डलम एम0एस0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में जिला फोरम द्वितीय, आगरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 26.08.2015 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी चोला मण्‍डलम एम0एस0 जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 की ओर से धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

  जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

  परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह वाहन की मरम्‍मत के लिये 2,14,500/-रू0 (दो लाख चौदह हजार पांच सौ रूपया) मय 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज दिनांक 25.05.2013 से वास्‍तविक अदायगी त‍क परिवादी को एक माह के अन्‍दर अदा करे। इसके अतिरिक्‍त मानसिक कष्‍ट वेदना एवं वाद व्‍यय के रूप में 4,000/-रू0 (चार हजार रूपया) परिवादी को विपक्षीगण एक माह के अन्‍दर अदा करे।

  विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह निर्णय/आदेश के दिनांक से एक माह के अन्‍दर उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि जिला फोरम द्वितीय, आगरा में चैक अथवा ड्राफ्ट द्वारा जमा करे।“

  अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री टी0के0 मिश्रा और प्रत्‍यर्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री एच0के0 श्रीवास्‍तव उपस्थित आये हैं।   

  मैंने उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

  अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसका वाहन सं0- यू0पी0 80 वी0टी0 2750 अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी से बीमाकृत था और बीमा अवधि में ही दि0 30.12.2012 को एक ट्रक से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया जिसकी सूचना प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षीगण को दी और क्‍लेम प्रस्‍तुत किया, परन्‍तु आवश्‍यक अभिलेख उपलब्‍ध कराने के बाद भी विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने उसका दावा पत्र दि0 28.05.2013 के द्वारा बिना किसी उचित कारण के निरस्‍त कर दिया। अत: क्षुब्‍ध होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

  अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत कर कहा गया है कि फाइनेंसर चोला मण्‍डलम को परिवाद में आवश्‍यक पक्षकार नहीं बनाया गया है। अत: परिवाद दोष पूर्ण है। लिखित कथन में विपक्षी की ओर से यह भी कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी आवश्‍यक अभिलेख प्रस्‍तुत नहीं कर सका है। इसलिए उसका दावा नो क्‍लेम किया गया है।

  जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन और उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह निष्‍कर्ष निकाला है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का दावा नॉन स्‍टैण्‍डर्ड के आधार पर स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश्‍ा उपरोक्‍त प्रकार से पारित किया है।

  अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि जिला फोरम ने जो ब्‍याज 08 प्रतिशत की दर से दिया है वह अधिक है। उनका यह भी तर्क है कि जिला फोरम ने जो वाद व्‍यय 4,000/-रू0 दिलाया है वह भी अधिक है।

  प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है।

  मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।

  उभयपक्ष के अभिकथन एवं उनकी ओर से किये गये तर्क से यह स्‍पष्‍ट है कि अपीलार्थी/बीमा कम्‍पनी को यह स्‍वीकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी आयशर केन्‍टर ट्रक सं0- यू0पी0 80 बी0टी0 2750 का पंजीकृत स्‍वामी है और उसका यह वाहन अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से दुर्घटना के समय बीमाकृत था। परिवाद पत्र में कथित दुर्घटना से भी अपीलार्थी/बीमा कम्‍पनी को इनकार नहीं है। अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी के अनुसार ट्रक पर प्रश्‍नगत दुर्घटना के समय सवारियां बैठी थीं और इस बात को जिला फोरम ने अपने निर्णय और आदेश में माना है। अत: जिला फोरम ने नॉन स्‍टैण्‍डर्ड बेसिस पर 25 प्रतिशत की कटौती कर क्षतिपूर्ति की धनराशि निर्धारित की है जो उचित है।

  जिला फोरम ने अपने निर्णय में उल्‍लेख किया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने प्रेम आटो इण्‍टर प्राइजेज आगरा मथुरा रोड बाईपास सिकन्‍दरा से वाहन की मरम्‍मत करने के अभिलेख प्रस्‍तुत किये हैं जिससे स्‍पष्‍ट है कि वाहन की मरम्‍मत में 3,07,000/-रू0 खर्च हुआ है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा वाहन की मरम्‍मत में हुए खर्च की बतायी गई उपरोक्‍त धनराशि को अविश्‍वसनीय मानने हेतु अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी कोई उचित आधार दर्शित नहीं कर सकी है। अत: जिला फोरम ने वाहन की मरम्‍मत में आये खर्च की धनराशि जो 3,07,000/-रू0 माना है उसे अनुचित नहीं कहा जा सकता है।

  उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर मैं इस मत का हूँ कि जिला फोरम ने जो वाहन की मरम्‍मत के लिए 2,14,500/-रू0 की धनराशि अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी को प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करने हेतु आदेशित किया है वह उचित है।

  जिला फोरम ने 08 प्रतिशत की दर से ब्‍याज दिया है ब्‍याज दर को घटाकर 06 प्रतिशत किया जाना उचित है। जिला फोरम ने जो 4,000/-रू0 वाद व्‍यय दिया है उसे कम कर 1,000/-रू0 किया जाना उचित है।

  उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम के निर्णय और आदेश को संशोधित कर जिला फोरम द्वारा निर्धारित ब्‍याज दर को कम कर 06 प्रतिशत किया जाता है। साथ ही जिला फोरम ने जो वाद व्‍यय 4,000/-रू0 दिलाया है उसे कम कर 1,000/-रू0 किया जाता है।

  जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश का शेष अंश यथावत कायम रहेगा।

  धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारित करने हेतु प्रेषित की जाए।     

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                                           

                                      अध्‍यक्ष                         

 

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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