Uttar Pradesh

StateCommission

R/2012/280

Uco Bank - Complainant(s)

Versus

Rafiq Khan - Opp.Party(s)

Avdhesh Shukla

07 Jul 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. R/2012/280
( Date of Filing : 31 Dec 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Uco Bank
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Rafiq Khan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Jul 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

पुनरीक्षण संख्‍या-280/2012

यूको बैंक

बनाम

रफीक खान

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित     : श्री अवधेश शुक्‍ला,

                                 विद्वान अधिवक्‍ता           

विपक्षी की ओर से उपस्थित          : श्री जे.पी. सक्‍सेना,

                                                    विद्वान अधिवक्‍ता।                      

दिनांक : 07.07.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-173/2012, रफीक खान बनाम यूको बैंक में विद्वान जिला आयोग, फर्रूखाबाद द्वारा अंतरिम आवेदन पर पारित आदेश दिनांक 25.9.2012 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई पुनरीक्षण याचिका पर पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अवधेश शुक्‍ला तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री जे.पी. सक्‍सेना को सुना गया तथा प्रश्‍नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि विद्वान जिला आयोग को ब्‍याज की दर सुनिश्चित करने का अधिकार प्राप्‍त नहीं है, परन्‍तु परिवाद पत्र के पैरा संख्‍या-10 के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा ब्‍याज की गलत गणना के आधार पर परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। ब्‍याज दर या ब्‍याज की गणना दो भिन्‍न विषय हैं। निश्‍िचत  रूप  से ब्‍याज दर क्‍या होनी चाहिए और क्‍या नहीं होनी चाहिए,

 

-2-

इस बिन्‍दु पर विद्वान जिला आयोग द्वारा निष्‍कर्ष नहीं दिया जा सकता, परन्‍तु ब्‍याज की गलत गणना के संबंध में विपक्षी बैंक के कर्मचारियों की लापरवाही के बिन्‍दु को विचार में लिया जा सकता है, इसलिए विद्वान जिला आयोग का आदेश विधिसम्‍मत है। तदनुसार प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

3.         प्रस्‍तुत पुनरीक्षण खारिज किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

           प्रस्‍तुत प्रकरण अत्‍यधिक पुराना हो चुका है, इसलिए विद्वान जिला आयोग को इस आदेश की एक प्रति इस आशय से प्रेषित की जाए कि वह प्रश्‍नगत परिवाद का निस्‍तारण गुणदोष पर 03 माह के अंदर करना सुनिश्चित करें। यहां यह भी स्‍पष्‍ट किया जात है कि किसी भी पक्षकार का नियंत्रण से बाहर की स्थिति में कोई स्‍थगन स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

          

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 लक्ष्‍मन, आशु0, 

   कोर्ट-3

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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