जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री रामकुमार सेठ पुत्र श्री रामस्वरूप सेठ, निवासी- 125, सीताकुंज, आदर्षनगर, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
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- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 138/2014
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री जितेन्द्र उपाध्याय, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 21.10.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी बीमा कम्पनी से आन लाईन दिनंाक 27.11.2012 को जो जूसर रू. 3999/- में क्रय किया उसकी डिलीवरी लिए जाने के बाद पार्सल को खोल की देखने पर यह ज्ञात हुआ कि उसके साईड का लाॅक टूटा हुआ है और पार्सल के साथ भेजी गई निर्देषिका पुस्तिका मराठी भाषा में थी । उसने दिनाक 28.11.2013 को अप्रार्थी के ई-मेल पर षिकायत करते हुए टूटे हुए साईड लाॅक की फोटो भी भेज दी । तत्पष्चात् अप्रार्थी द्वारा दिए गए निर्देषानुसार उसने रू. 600/- व्यय करते हुए नन्दन कोरियर से उक्त जूसर को अप्रार्थी कम्पनी को भिजवा दिया । किन्तु बावजूद पत्राचार व टेलीफोनिक व्यवहार के आज दिनंाक तक अप्रार्थी ने त्रुटिपूर्ण उक्त जूसर को न तो बदल कर दिया है और ना ही उसकी कीमत राषि लौटाई है । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थी की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक 20.7.15 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थी का तर्क है कि उसके द्वारा अप्रार्थी से आॅन लाईन के जरिए जूसर खरीदने का आर्डर दिए जाने व कीमत अदा किएजाने के बाद भिजवाए गए जूसर का लाॅक खराब होने व निर्देषिका पुस्तिका मराठी में होने के कारण इसकी षिकायत की गई व अप्रार्थी के निर्देषानुसार उक्त जूसर कोरियर के जरिए उन्हें भिजवाया भी गया ।। किन्तु मात्र कोरियर के खर्चे के अलावा न तो नया जूसर भिजवाया गया और ना ही इसकी कीमत अदा की गई है । अपितु अनावष्यक रूप से पत्र व्यवहार करते हुए खराब माल भिजवाया जाकर उसे तंग व परेषान किया गया । उनके द्वारा पुनः प्रार्थी का खाता नम्बर चाहा गया है जो कि पूर्व में दिया जा चुका है । परिवाद स्वीकार कर वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए ।
4. चूंकि अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई जा चुकी है तथा उनका पत्र व्यवहार अभिलेख पर उपलब्ध है । अतः प्रकरण में गुणावगुण के आधार पर निर्णय पारित किया जा रहा है ।
5. प्रार्थी द्वारा आॅनलाईन ष्षापिंग के जरिए जूसर बुक करवाया जाकर खरीदा गया व इसकी कीमत आॅनलाईन ट्रांजेक्षन के जरिए बैंक द्वारा दिनांक 25.11.2013 को अदा की गई तथा इस खरीद की सूचना अप्रार्थी को प्राप्त हुई, यह पत्रावली में उपलब्ध आॅनलाईन ट्रांजेक्षन की आर्डर स्लिप व अप्रार्थी के पत्र व्यवहार से सिद्व है । यह जूसर दिनंाक 25.11.2013 को जरिए कोरियर प्रार्थी को डिस्पेच किया गया तथा यह प्रार्थी को प्राप्त भी हो गया जैसा परिवाद से स्पष्ट है । प्रार्थी को डिलीवर किए गए उत्पाद के पार्सल को खोलने व इसमें भेजे गए जूसर का साईड लाॅक टूटे होने तथा निर्देषिका पुस्तिका के मराठी भाषा में होने की षिकायत जरिए ई-मेल दिनंाक 28.11.2013 को की गई है, जैसा उक्त ई-मेल की प्रति से स्पष्ट व सिद्व है ।
6. अप्रार्थी के ई-मेल दिनंाक 20.11.2013 से यह भी सिद्व है कि प्रार्थी द्वारा भेजी गई षिकायत उन्हें प्राप्त हुई तथा उन्होनें प्रार्थी को हुई असुविधा पर खेद व्यक्त करते हुए उक्त जूसर को 7 दिवस के अन्दर अन्दर सेलर को दिए गए पते के अनुसार उसे भिजवाने हेतु प्रार्थी को निर्देषित करते हुए सूचित किया गया । इस पर प्रार्थी ने उक्त जूसर को सेलर को भेजने में असमर्थता व्यक्त की है तथा अप्रार्थी कम्पनी द्वारा ही इसे प्रार्थी से प्राप्त करने हेतु किसी व्यक्ति को भेजने की गुहार की है, जैसा कि प्रार्थी के ई-मेल दिनांक 1.12.2013 से स्पष्ट व सिद्व पाया जाता है। इस पर कम्पनी ने अपने ई-मेल दिनांक 3.12.13 के जरिए प्रार्थी को सूचित किया है कि वे अपने ई-काॅम एक्सप्रेस के माध्यम से उक्त जूसर को प्राप्त करने की व्यवस्था कर रहे हैं । पत्रव्यवहार से यह भी सिद्व है कि अप्रार्थी कम्पनी ने उक्त जूसर प्रार्थी से अपने प्रतिनिधि के माध्यम से काफी लम्बे समय तक नहीं मंगवाया है । इस संदर्भ में ई-मेल पत्र व्यवहार से इस तथ्य की पुष्टि होती है । अन्त में प्रार्थी द्वारा उक्त जूसर को कोरियर के जरिए कम्पनी को भिजवाया गया है व इसमें लगे ष्षुल्क की राषि रू. 600/- अप्रार्थी कम्पनी ने प्रार्थी को लौटाई है व यह राषि उसके बैंक खाते में जमा हुई है । इस तथ्य की पुष्टि भी कोरियर की रसीद, ई-मेल व बैंक खाते की फोटोप्रति से होती है, जिसके अनुसार कोरियर द्वारा उक्त जूसर दिनंाक 2.1.2014 को भेजा गया व इसमें लगे रू. 600/- की राषि अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी के बैंक खाते में दिनंाक 27.1.2014 को जमा की है । इसके बाद लगातार किए गए पत्र व्यवहार के बावजूद भी अप्रार्थी कम्पनी ने न तो प्रार्थी को जूसर लौटाया है और ना ही इसकी कीमत अदा की है । प्रार्थी के विधिक सलाहकार की ओर से दिनंाक 16.9.2014 को इस संबंध में अप्रार्थी को नोटिस भी भिजवाया गया है जैसा की उपलब्ध प्रति से स्पष्ट है । इस पर अप्रार्थी कम्पनी ने अपने पत्रों दिनंाक 23.9.2014 व 8.11.2014 के द्वारा उक्त विधिक सलाहकार को नोटिस प्राप्ति की सूचना देते हुए पुनः सूचित किया है कि उनके द्वारा प्रार्थी को फोन पर रिफण्ड के बारे में सूचित किया गया तथा उसका बैंक खाता मय पूर्ण विवरण के उपलब्ध करवाने हेतु भी लिखा गया है । किन्तु उसके द्वारा ऐसी सूचना उपलब्ध कराए जाने से इन्कार किया है । ऐसी अवस्था में उन्होने रिफण्ड किए जाने में असमर्थता व्यक्ति की है तथा इस आषय का इस मंच को पत्र भिजवाया गया है ।
7 उपरोक्त विवेचन व स्थिति से यह स्पष्ट है कि अप्रार्थी द्वारा प्रार्थी को उसकी मांग व कीमत के अनुरूप उत्पाद जूसर उपलब्ध नहीं करवाया गया । जिसके फलस्परूप उसने जूसर अप्रार्थी कम्पनी को लौटाया और अप्रार्थी कम्पनी ने खेद प्रकट करते हुए रिफण्ड दिए जाने की बात की । दूसरे ष्षब्दांे में अप्रार्थी द्वारा अपनी इस गलती को स्वीकार किया गया है । अतः यह सिद्व पाया जाता है कि ऐसा करते हुए अप्रार्थी कम्पनी ने दोषपूर्ण सेवाओं का परिचय दिया है । मंच की राय में प्रार्थी को जूसर की कीमत व उसे हुई मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में एक मुष्त राषि दिलाया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है । अतः परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
8. (1) प्रार्थी अप्रार्थी कम्पनी से जूसर की कीमत व मानसिक क्षतिपूर्ति पेटे राषि रू. 11,000/- प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थी कम्पनी से ं परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने के अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थी को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 21.10.2016 लखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष