राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-1602/1995
(जिला उपभोक्ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्या 1044/1993 में पारित आदेश दिनांक 08.08.1995 के विरूद्ध)
Syndicate Bank, Chandra Shekhar Azad Market, Sardar Patel Marg, Civil Lines, Allahabad, through its Constituted Attorney.
....................अपीलार्थी/विपक्षी सं012
बनाम
Mr. Radhey Shyam Patel, Son of Sri Gazi, R/o. Dabhaon, P.O. Dandi, Tehsil Kerchana District Allahabad & others.
............प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षीगण सं01 ता 11
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री हरेन्द्र कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं08 की ओर से उपस्थित : सुश्री अर्चना श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं012 की ओर से उपस्थित : श्री योगेश चन्द्र भट्ट,
विद्वान अधिवक्ता।
एवं
अपील संख्या-1603/1995
(जिला उपभोक्ता फोरम, इलाहाबाद द्वारा परिवाद संख्या 1147/1993 में पारित आदेश दिनांक 08.08.1995 के विरूद्ध)
Syndicate Bank, Chandra Shekhar Azad Market, Sardar Patel Marg, Civil Lines, Allahabad, through its Constituted Attorney.
....................अपीलार्थी/विपक्षी सं012
बनाम
Lalji Patel, major, Son of Late Jamuna Prasad Patel, R/o. Prayagpur, P. Sahvai, Tehsil Meza, Allahabad & others.
............प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षीगण सं01 ता 11
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं08 की ओर से उपस्थित : सुश्री अर्चना श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं012 की ओर से उपस्थित : श्री योगेश चन्द्र भट्ट,
विद्वान अधिवक्ता।
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
3. माननीय श्री राम चरन चौधरी, सदस्य।
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दिनांक: 22-07-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या-1146/1993 होरी लाल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि और परिवाद संख्या-1147/1993 लालजी पटेल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि तथा परिवाद संख्या-1044/1993 राधे श्याम पटेल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि जिला उपभोक्ता फोरम, इलाहाबाद ने संयुक्त निर्णय और आदेश दिनांक 08.08.1995 के द्वारा निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''प्रतिवादीगण को आदेशित किया जाता है कि वाद सं0 1146/93 में वादी श्री होरी लाल को 12650 रू0 तथा उस पर 30-6-91 से 12 प्रतिशत ब्याज, वाद सं0 1147/93 में वादी लालजी पटेल को 12650 रू0 तथा उस पर 13-6-91 से 12 प्रतिशत ब्याज व वाद सं0 1044/93 में वादी राधे श्याम पटेल को 80,000 व उस पर 16-8-93 से 12 प्रतिशत ब्याज आदेश प्राप्त करने के दो माह के भीतर वादी गण को दे दें। प्रतिवादीगण तीनों ही वादी गण को 500-500रू0 वाद व्यय तथा 1000-1000रू0 मानसिक पीड़ा, दौड़धूप परेशानी के लिए देगें। यदि दो माह के भीतर सभी राशि का भुगतान नहीं हो जाता तो वादी गण 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज प्राप्त करने के अधिकारी होगें। इस निर्णय की मूल प्रति वाद सं0 1146/93 में रखी जायेगी तथा उसकी कापी 1147/93 व 1094/93 में रखी जायेगी।''
जिला फोरम के उपरोक्त निर्णय और आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-12 सिण्डीकेट बैंक की ओर से धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत उपरोक्त परिवाद
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संख्या-1044/1993 राधे श्याम पटेल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि के सम्बन्ध में अपील संख्या-1602/1995 और उपरोक्त परिवाद संख्या-1147/1993 लालजी पटेल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि के सम्बन्ध में अपील संख्या-1603/1995 आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है। उपरोक्त दोनों अपीलों के अतिरिक्त अपील संख्या-1604/1995 उपरोक्त विपक्षी सिण्डीकेट बैंक की ओर से परिवाद संख्या-1146/1993 होरी लाल बनाम लोक प्रिया सेविंग्स एण्ड इनवेस्टमेन्ट कम्पनी आदि में पारित निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी थी, जो निर्णय और आदेश दिनांक 09.02.2016 के द्वारा निरस्त की जा चुकी है।
वर्तमान अपील सं0-1602/1995 और अपील सं0-1603/1995 आज दिनांक 22.07.2017 को विशेष रूप से आयोजित न्यायालय में सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की गयी है और उभय पक्ष को नियत तिथि की सूचना दी गयी है, परन्तु दोनों अपीलों में अपीलार्थी सिण्डीकेट बैंक की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अपील संख्या-1602/1995 में प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री हरेन्द्र कुमार सिंह, प्रत्यर्थी संख्या-8 अजय कुमार सक्सेना की ओर से विद्वान अधिवक्ता सुश्री अर्चना श्रीवास्तव तथा प्रत्यर्थी संख्या-12 कारपोरेशन बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री योगेश चन्द्र भट्ट उपस्थित आए हैं। अपील संख्या-1603/1995 में प्रत्यर्थी संख्या-8 अजय कुमार सक्सेना की ओर से विद्वान अधिवक्ता सुश्री अर्चना श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी संख्या-12 कारपोरेशन बैंक की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री योगेश चन्द्र भट्ट उपस्थित आए हैं।
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वर्तमान दोनों अपीलें वर्ष 1995 से लम्बित हैं और करीब 22 वर्ष पुरानी हैं। अत: उपस्थित उपरोक्त पक्षों को सुनकर और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा आधार अपील एवं पत्रावली का अवलोकन कर अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
इसी निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत उपरोक्त अपील संख्या-1604/1995 सिण्डीकेट बैंक बनाम होरी लाल आदि राज्य आयोग के निर्णय और आदेश दिनांक 09.02.2016 के द्वारा निरस्त की जा चुकी है। वर्तमान दोनों अपील में आक्षेपित निर्णय और आदेश को उसी आधार पर चुनौती दी गयी है, जिस आधार पर अपील संख्या-1604/1995 में आक्षेपित निर्णय और आदेश को चुनौती दी गयी है। आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली के अवलोकन से आक्षेपित निर्णय और आदेश में किसी हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं दिखता है। अत: वर्तमान दोनों अपील संख्या-1602/1995 एवं अपील संख्या-1603/1995 निरस्त की जाती है।
इस निर्णय की एक प्रति अपील संख्या-1603/1995 में भी रखी जाए।
दोनों अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी) (राम चरन चौधरी)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1