राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2327/2002
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, रायबरेली द्वारा परिवाद वाद संख्या-299/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-08-2002 के विरूद्ध)
- Union of India through G.M.Boroda House Norther Railway, New Delhi.
- Divisional Railway Manager, (N.R) Hazratganj, Lucknow.
- Divisional Railway Manager, Central Railway Bhopal, M.P.
अपीलार्थी/विपक्षीगण
बनाम
Radhey Shyam Mishra Advocate, House No.387, Firoz Gandhi Colony, Raebarely.
प्रत्यर्थी/परिवादी
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - कोई नहीं।
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
दिनांक : 26-05-2015
मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित:
अपीलार्थी ने यह अपील विद्धान जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, रायबरेली द्वारा परिवाद वाद संख्या-299/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-08-2002 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है, जिसमें विद्धान जिला मंच द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है :-
''परिवादको अंशत: स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को यह निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में मु0 3,000/-रू0 तथा वाद व्यय के रूप में 100/-रू0 तीस दिन के अंदर अदा करें, से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
संक्षेप में इस केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी अपनी पत्नी के साथ अपने पुत्र के यहॉं मध्य प्रदेश के गुना जिले में गया था। वापसी हेतु दिनांक 26-06-1998 को साबरमती एक्सप्रेस के थ्री टायर डिब्बे में गुना रेलवे स्टेशन मध्य प्रदेश से लखनऊ के लिए आरक्षण कराया और उसे बर्थ संख्या-44 तथा पत्नी को बर्थ संख्या-45 आवंटित थी। परिवादी के डिब्बे में कोई कोच कन्डेक्टर नहीं था और न ही कोई सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था थी। इसलिए डिब्बा पूरी तरह भरा था इसलिए परिवादी व उसकी पत्नी नित्य क्रिया भी नहीं कर सका और न ही कुल्ला आदि भी नहीं कर सका। परिवादी ने इस असुविधा के संबंध में गार्ड से सम्पर्क किया लेकिन उनकी ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसलिए यह परिवाद योजित किया गया है।
विपक्षीगण ने अपना प्रतिवाद पत्र योजित किया और जिसमें धारा-01 ता 10 को अस्वीकार किया है। विपक्षीगण ने परिवादिनी को एल-ढलीपर क्लास में उज्जैन जंक्शन से बीना तक श्री एम0के0 पुरोहित हेड टी0टी0 ई0 कार्यरत थे जिनके द्वारा इसी कोच में अन्य पॉंच यात्रियों को गुना से बीना के मध्य खाली बर्थों पर आरक्षण दिया गया और बीना जंक्शन से झॉसी के मध्य श्री सुनील कुमार तिवारी टिकट परीक्षण बीना भी इसी कोच में कार्यरत थे। दिनांक 26-06-1998 को उक्त गाड़ी के 35 मिनट के ठहराव के दौरान बीना स्टेशन पर समस्त डिब्बों में पानी भरा गया था तथा बीना से प्रस्थान के उपरान्त झॉसी स्टेशन पर भी समस्त डिब्बों में दुबारा पानी भरा गया। इस संबंध में वरिष्ठ खण्ड अभियन्ता (यान) के0वे0 मध्य रेल झॉंसी का प्रमाण दिनांकित 25-10-1999 एवं वरिष्ठ अनुभाग इंजीनियर के0वे0 बीना मध्य रेलने का प्रमाण दाखिल है । परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में किसी भी सह यात्री का टिकट नम्बर, यात्री का नाम एवं यात्रा का विवरण नहीं दाखिल किया है। परिवादी के परिवाद का कारण यदि गुना स्टेशन से टिकट क्रय कर यात्रा करनेपर उत्पन्न हुआ जो कि मध्य प्रदेश के क्षेत्र के अन्तर्गत आता है तो परिवादी को यह शिकायत मध्य प्रदेश राज्य के जिला फोरम में प्रस्तुत करना चाहिए। परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्य है।
पीठ के समक्ष उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण अनुपस्थित।
हमने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों एवं जिला मंच द्वारा पारित निर्णय का अवलोकन किया।
केस के तथ्यों और परिस्थितियों में हम यह पाते है कि जिस प्रकार की कमी परिवादी की तरफ से उठायी गयी है उस संबंध में जो 3,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलायी गयी है वह किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं प्रतीत होती और इसी प्रकार के केस रेलवे ट्रिव्यूनल के अन्तर्गत आते हैं । केस के तथ्यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए हम यह समीचीन पाते है कि विद्धान जिला मंच ने जो निर्णय पारित किया है वह विधि सम्मत नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, रायबरेली द्वारा परिवाद वाद संख्या-299/1998 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-08-2002 निरस्त किया जाता है।
उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
( राम चरन चौधरी ) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा