CMHO, Tanay sharma filed a consumer case on 07 Jan 2016 against R.N.C., Registar in the Kota Consumer Court. The case no is CC/1/2008 and the judgment uploaded on 08 Jan 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा।
पीठासीन अधिकारी:-श्री नन्दलाल षर्मा,अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।
प्रकरण संख्या- 1/2008
चिकित्सा स्वास्थ्य विकास समिति (टी टी अस्पताल एवं जनरल नर्सिंग स्कूल) 5 ए 1 तलवंडी, कोटा जरिये व्यवस्थापक तनय षर्मा पुत्र श्री डा0 आर पी षर्मा निवासी- 5 ए 4 तलवंडी, कोटा जिला कोटा (राज0)।
-परिवादी।
बनाम
1 राजस्थान नर्सिंग काॅन्सिल जयपुर जरिये रजिस्ट्रार।
2 राजस्थान सरकार जरिये प्रमुख षासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिवालय, जयपुर।
3 इण्डियन नर्सिंग काॅंन्सिल, नई दिल्ली द्वारा कोटा।
-विपक्षीगण।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
10 श्री रमेष राठौर,अधिवक्ता ओर से परिवादी।
11 श्री षंभूदयाल विजय,अधिवक्ता ओर से विपक्षी-1 व 2
12 विपक्षी-3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
निर्णय दिनांक 07.01.2016
यह पत्रावली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, कोटा में पेष की गई तथा निस्तारण हेतु जिला मंच झालावाड केम्प कोटा को प्राप्त हुई है।
प्रस्तुत परिवाद ब्च् ।बज 1986 की धारा 12 के तहत दिनांक 07-01-2008 को परिवादी संस्था ने इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि वह मान्यता प्राप्त संस्था है जो नर्सिंग एजूकेषन के सम्बन्ध में जानी जाती है। विपक्षी-1 संस्थान की ख्याति सुनकर परिवादी ने भी अपने चिकित्सा कोर्स में विपक्षी-1 से मान्यता प्राप्त करने के संबंध में 15,000/-रूपये जमा कराये जिसकी रसीद 8658 दिनंाक 01-07-2002 दी गई। विपक्षी-1 विपक्षी-2 व 3 के अधीन कार्यरत है। विपक्षी-1 ने पत्र आर एनसी /2004/9048 दिनंाक 17-09-2004 को भेजा जिसकी परिपूर्ति कर दी गई। इसके बाद भी परिवादी समिति को सभी मापदण्डों पर मान्यता प्रदान किये जाने योग्य मानते हुए भी मान्यता प्रदान करने के संबंध में कोई कार्यवाही
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नहीं की गई है। परिवादी संस्थान ने अपनी जमा राषि की मांग की तो यह राषि भी अदा नहीं की गई। जो विपक्षीगण का सेवादोश है। तत्पष्चात परिवादी संस्थान ने एक विधिक नोटिस दिनांक 08-02-2007 को विपक्षी-1 को प्रेशित कराया जो प्राप्त हो गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है। परिवादी संस्थान ने विपक्षीगण से जमा राषि मय ब्याज एवं क्षतिपूर्ति के दिलाये जाने का अनुतोश चाहा है।
विपक्षी-1 ने परिवाद का यह जवाब दिया है कि परिवादी व विपक्षी के मध्य विवाद उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में नहीं आता है। विपक्षी का कार्यालय जयपुर में ही स्थित है परन्तु मंच को गुमराह करने के लिए विवाद कोटा में प्रस्तुत किया है। परिवादी का आवेदन प्राप्त होने पर राजस्थान नर्सिंग काॅंसिल जयपुर से दिनंाक 06-07-2002 कोक प्रपत्र संख्या 906 के जरिये उक्त संस्थान को सूचित किया गया था कि संस्थान ने टीचिंग स्टाफ एवं उनकी योग्यता क्लास रूम, लाइब्रेरी,हाॅल,आॅफिस इत्यादि व्यवस्था के भौतिक सत्यापन हेतु इंडियन नर्सिंग काॅंसिल दिल्ली के निर्धारित मापदंड के अनुरूप होना आवष्यक है इस बाबत निर्धारित समय पर संस्थान द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। लेकिन परिवादी संस्थान ने निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति नहीं की है इसलिए मान्यता प्रदान नहीं की गई है। विपक्षी ने कोई सेवामें कमी नहीं की है। परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई है।
परिवाद के समर्थन में तनय षर्मा,व्यवस्थापक का षपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.3 दस्तावेज तथा विपक्षीगण की ओर से जवाब के समर्थन में केषव स्वर्णकार,नर्सिंग अधीक्षक, का षपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्गक.1 लगायत म्गक.3 दस्तावेज प्रस्तुत किये हंै।
उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-
1 क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी का परिवाद,विपक्षीगण का जवाब,दस्तावेजात की फोटो काॅपी आदि के आधार पर परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता प्रमाणित पाया जाता है।
2 क्या विपक्षीगण ने सेवामें कमी की है ?
उभयपक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी का तर्क है कि परिवादी ने विपक्षी-1 से चिकित्सा कोर्स के लिए 15,000/-रूपये सिक्योरिटी फीस जमा की थी। सिक्योरिटी राषि की रसीद पत्रावली में संलग्न है। विपक्षीगण ने मान्यताप्रदान करने का आष्वासन दिया लेकिन काफी तलब ओर तकाजे केक बाद मान्यता प्रदान नहीं की इसलिए
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परिवादी चिकित्सा कार्य के क्षेत्र में काफी पिछड गया। अतः जमा राषि मय ब्याज और अन्य क्षति दिलवायी जाये।
विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और परिवादी द्वारा उठाये गये तर्क अखंडित हैं अतः प्रार्थी को नियत समय पर चिकित्सा कोर्स के लिए मान्यताप्रदान नहीं करने से विपक्षीगण का सेवादोश प्रमाणित होता है।
3 अनुतोश ?
प्रार्थी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण संयुक्तः व पृथकतः स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
आदेष
परिणामतः परिवादी का परिवाद खिलाफ अप्रार्थीगण संयुक्तः व पृथकतः आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेष दिया जाता है:-
1 अप्रार्थीगण प्रार्थी को संयुक्तः व पृथकतः 15,000/-रूपये(पन्द्रह हजार रूपये) सिक्योरिटी राषि क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करें।
2 अप्रार्थीगण प्रार्थी को संयुक्तः व पृथकतः 25,000/-रूपये मानसिक और षारीरिक क्षति के और 5,000/-रूपये परिवाद व्यय के अदा करें।
3 अप्रार्थीगण आदेषित राषि को निर्णय सुनाये जाने की दिनंाक से दो माह में अदा करना सुनिष्चित करें अन्यथा ताअदाएगी सम्पूर्ण भुगतान 9ः वार्शिक ब्याज दर से ब्याज भी अदा करने के लिए दायित्वाधीन होंगें।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच
झालावाड केम्प,कोटा (राज0) झालावाड केम्प,कोटा (राज0)
निर्णय आज दिनंाक 07.01.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच
झालावाड केम्प,कोटा (राज0) झालावाड केम्प,कोटा (राज0)
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