nand lal prajapat filed a consumer case on 30 Oct 2015 against r.k.electronics rajesh sadan251, in the Kota Consumer Court. The case no is CC/219/2010 and the judgment uploaded on 06 Nov 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-219/10
नंद लाल प्रजापत पुत्र रामनाथ प्रजापत निवासी मानव सेवा समिति हाॅस्पिटल के पास गोबरिया बावडी, कोटा। -परिवादी।
बनाम
आर0 के0 इलेक्ट्रोनिक्स राजेश सदन 251,शोपिंग सेन्टर, कोटा जिला कोटा। -विपक्षी
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : महावीर तंवर
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
2 श्री विवेक नंदवाना, अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से।
निर्णय दिनांक 30.10.15
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि उससे दिनांक 16.10.09 को विडियोकोन कंपनी का फ्रिज 190 लीटर नकद 8,290/- रूपये अदा करके खरीदा था। 4 माह पश्चात ही वह बंद हो गया, जिसकी शिकायत 2 बार की गई, विपक्षी ने कर्मचारी भेजकर उसे चालू करवाया, लेकिन अप्रेल माह में पुनः खराब हो गया। फ्रीजर ने काम करना बंद कर दिया, जिसकी शिकायत 4 बार विपक्षी को की गई, लेकिन उसने ठीक नहीं करवाया। फ्रिज में निर्माण-दोष है उसे बदलने के लिये कहा गया तो नही बदला। विपक्षी को अधिवक्ता के जरिये कानूनी नोटिस 19.05.10 को भेजा गया जिसका झूंठा जवाब भेजा दिया कि फ्रिज व्यवसायिक कार्य के लिये लिया गया। फ्रिज को न तो ठीक किया न बदला। इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी के जवाब का सार है कि विपक्षी मात्र विक्रेता है। निर्माता कंपनी आवश्यक पक्षकार है उसे पक्षकार नहीं बनाया है। किसी भी वस्तु में निर्माण-दोष के संबंध में निर्माता ही उत्तरदायी होता है यह भी कहा गया है कि फ्रिज में कोई दोष नहीं है। स्वयं परिवादी ने फ्रिज ठीक करवाने से मना किया। सर्विस सेन्टर को भी पक्षकार नहीं बनाया है। परिवाद झूंठा पेश किया गया है।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा फ्रिज खरीद बिल, जोबशीट, विपक्षी को प्रेषित नोटिस, पोस्टल रसीद, ए/डी व प़त्र दिनांक 07.05.10 आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है।
विपक्षी ने साक्ष्य में प्रो0 राकेश शर्मा के शपथ-पत्र के अलावा परिवादी द्वारा फ्रिज ठीक नहीं करवाने का दस्तावेज पेश किया है।
अंतिम बहस की स्टेज पर परिवादी या उसके अधिवक्ता 22.09.15,07.10.15 को पेशी पर उपस्थित नहीं हुये , इसलिये विपक्षी की बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया ।
परिवादी ने फ्रिज में निर्माण-दोष बताया है, लेकिन इस बाबत् किसी मेकेनिक विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट पेश नहीं की है। र्निविवाद रूप से सेवा-दोष के लिये विक्रेता उत्तरदायी नहीं होकर निर्माता ही उत्तरदायी हो सकता है जबकि निर्माता को पक्षकार ही नहीं बनाया है। इसलिये निर्माण-दोष संबंधी शिकायत को परिवादी सिद्ध करने में विफल रहा है। जहाॅ तक फ्रिज की मरम्मत नहीं किये जाने का प्रश्न है ? स्वयं परिवादी ने ऐसा दस्तावेज पेश किया है जिसमंे उसने अंकित कर रखा है कि वह फ्रिज ठीक नहीं कराना चाहता है। ऐसी स्थिति में फ्रिज ठीक नहीं करने के लिये विपक्षी को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। उसने विपक्षी को शिकायत करना परिवाद में अंकित किया है लेकिन उसका कोई प्रमाण पेश नहीं किया है। इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी विपक्षी का यह दोष भी सिद्ध नहीं कर सका है कि फ्रिज में किसी प्रकार खराबी की शिकायत की हो तथा उसका निवारण नहीं किया हो।
अतः परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। निर्णय आज दिनंाक 30.10.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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