जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
प्रदीप कुमार षर्मा पुत्र श्री श्रीकिषन षर्मा, निवासी-, सोमनाथ काॅलोनी, काॅलेज रोड, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. राजस्थान आवासन मण्डल जरिए आवासीय अभियंता, वैषाली नगर, अजमेर
2. राजस्थान आवासन मण्डल जरिए परियोजना अभियंता वरिष्ठ, गढी थोरियान योजना, श्री सीमेंट रोड, ब्यावर
3. राजस्थान आवासन मण्डल जरिए अध्यक्ष, षासन सचिवालय,जयपुर ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 240/2012
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. विजेन्द्र कुमार मेहता सदस्य
3. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री विभौर गौड, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री उमाकान्त अग्रवाल, अधिवक्ता अप्रार्थीगण
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः- 23.02.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी राजस्थान आवासन मण्डल(जो इस निर्णय में आगे मात्र मण्डल ही कहलाएगा) की ब्यावर में योजना गढी थोरियान में विज्ञप्ति अनुसार कमजोर आय वर्ग में आवेदन किया एवं रू. 5000/- पंजीकरण राषि दिनांक 31.12.2004 को जरिए चालान जमा कराई । अप्रार्थी संख्या 1 ने रू. 3000/- पूर्वग्रहण राषि के रूप में ओर जमा कराने हेतु कहा जो राषि भी प्रार्थी ने दिनंाक 4.9.2006 को जमा करा दी । इस योजना में किराया क्रय पद्वति के आधार पर आवास की निर्धारित लागत जमा करानी थी जो अप्रार्थी मण्डल द्वारा मांग नहीं की गई । वर्ष 2010 के अगस्त माह में प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क कर आवाटन पत्र जारी करने का निवेदन किया लेकिन अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी को न तो आवंटन पत्र जारी किया और ना ही उपरोक्त मांगपत्र दिया । व्यक्तिगत सम्पर्क करने पर यह जानकारी दी कि प्रार्थी को आवास सख्ंया 2/154 डी नांमाकित है लेकिन इस संबंध में कोई लिखित में आवंटन पत्र या अन्य कोई विवरण अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी को नहीं दिया । इस पर हैरान परेषान होकर प्रार्थी ने दिनांक 6.9.2010 को एक लिखित आवेदन अप्रार्थी संख्या 2 को दिया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला । प्रार्थी ने दिनांक 5.8.2011 व 17.8.2011 को अप्रार्थी संख्या 1 को स्मरण पत्र दिया जिस पर भी कोई ध्यान नही ंदिया गया । प्रार्थी ने अप्रार्थी मण्डल के अजमेर कार्यालय व ब्यावर कार्यालय में इस संबंध में ओर सम्पर्क किया तब प्रार्थी को मात्र यहीं बतलाया गया कि उसे आवंटन दिनांक 16.4.2008 को हो चुका है लेकिन लिखित में कुछ भी नहीं बतलाया जिस पर प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 3 को भी लिखा एवं अप्रार्थी संख्या 3 द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 व 2 से तथ्यात्मक टिप्पणी मांगी गई जो उन्हें भेजी गई एवं उसकी एक प्रति प्रार्थी को भी प्रेषित की गई लेकिन इसके उपरान्त भी कोई आवास आवंटन नहीं किया । अन्ततः अप्रार्थी संख्या 1 ने अपने पत्र दिनांक 2.9..2011 जारी कर प्रार्थी का आवंटन व पंजीकरण निरस्त किए जाने की सूचना दी जबकि प्रार्थी को अप्रार्थी मण्डल द्वारा कोई आवंटन पत्र ही जारी नहीं किया गया । पत्र दिनंाक 2.9.2011 में अप्रार्थी मण्डल ने यह आधार लिया कि प्रार्थी ने आवंटन पत्र के अनुसार दिनांक 15.5.2008 तक राषि जमा नहीं कराई इसलिए आवंटन व पंजीकरण निरस्त किया जाता है । इस तरह से अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी को कोई पत्र आवास आवंटन का व राषि जमा कराए जाने बाबत् नहीं भेजा और ना ही ऐसा कोई पत्र प्रार्थी को प्राप्त हुआ । इन सब के उपरान्त भी अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी के इस आवंटन को निरस्त कर दिया है जो उसके पक्ष में सेवा में कमी दर्षाते हुए यह परिवाद पेष किया है एवं परिवाद में वर्णित अनुतोष की मांग की है ।
2. अप्रार्थी मण्डल की ओर से जवाब पेष हआ जिसमें परिवाद की चरण संख्या 1 व 2 को सहीं होना स्वीकार किया । प्रार्थी को आवंटन पत्र जरिए क्रमांक 277 दिनांक 16.4.2008 जरिए स्पीड पोस्ट भेजना दर्षाया जो प्रार्थी को मिल भी चुका था लेकिन प्रार्थी द्वारा आवंटन पत्र में वर्णित अवधि में राषि जमा नहीं करवाई अतः उसके आवंटन को निरस्त कर दिया गया तथा जमा राषि प्रार्थी को लौटा दी गई । इस तरह से प्रार्थी बावजूद सूचना के राषि जमा नहीं कराए जाने से उसके आवंटन को निरस्त किया गया जो सहीं रूप से निरस्त किया गया है एवं अपने पक्ष में किसी तरह से सेवा में कमी से इन्कार करते हुए यह परिवाद खारिज होने योग्य दर्षाया ।
3. साक्ष्य में पक्षकारान ने पत्रावली के संलग्न दस्तावेज पेष किए एवं स्वयं के ष्षपथपत्र पेष किए । हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।
4. जहां तक प्रार्थी ने गढी थोरियान योजना आवास हेतु आवेदन किया एवं उसके द्वारा पंजीकरण राषि रू. 5000/- व रू. 3000/- की पूर्वग्रहण राषि भी जमा करवाई गई, तथ्य स्वीकृतषुदा है । प्रकरण में प्रार्थी का कथन रहा है कि अप्रार्थी मण्डल ने इस संबंध में प्रार्थी को कभी सूचित नहीं किया गया एवं प्रार्थी लगातार अप्रार्थी मण्डल के कार्यालय में आवेदन दे रहा है एवं सम्पर्क करता रहा है । प्रार्थी द्वारा दिनांक 5.8.2011 व पुनः दिनंाक 17.8.2011 को स्मरण पत्र दिया । प्रार्थी को लिखित में कुछ भी नहीं बतलाया गया था । अप्रार्थी मण्डल के कार्यालय से मात्र यह बतलाया गया कि प्रार्थी को आवास का आवंटन दिनांक 16.4.2008 को हो चुका है । इस संबंध में प्रार्थी को कोई सूचना या मांग पत्र आदि जारी नहीं किए जाने पर प्रार्थी द्वारा दिनंाक 11.1.2012 को अप्रार्थी संख्या 3 को लिखा गया एवं अप्रार्थी संख्या 3 को अप्रार्थी संख्या 1 व 2 द्वारा जो तथ्यात्मक टिप्पणी भेजी गई उसकी प्रति प्रार्थी को दिनांक 16.1.2012 को प्राप्त हुई इसके बाद दिनंाक 2.9.2011 को प्रथम बार प्रार्थी को उसके आवंटन व पंजीकरण को निरस्त किए जाने की सूचना दी गई जिसके संबंध में प्रार्थी का कथन है कि इससे पूर्व उसे आवंटन की सूचना व राषि जमा कराने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई । इसके उपरानत भी आवंटन रद्द किया जो गलत रद्द किया है । इस संबंध में अप्रार्थी मण्डल का कथन रहा है कि प्रार्थी को आवेदन पत्र में दर्षाए पते पर आवंटन पत्र की सूचना दिनांक 16.4.2008 के जरिए स्पीड पोस्ट से भेजी गई थी । उक्त स्पीड पोस्ट का लिफाफा प्रार्थी को प्राप्त हो चुका है क्योंकि वह पुनः अप्रार्थी मण्डल के कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ। इसके उपरान्त पत्र दिनंाक 16.4.2008 में वर्णित राषि जमा नहीं कराई अतः प्राथी्र्रका आवंटन निरस्त कर दिया गया ।
5. उपरोक्त विवेचन से हमारे समक्ष निर्णय हेतु यही बिन्दु है कि क्या अप्रार्थी मण्डल द्वारा दिनांक 16.4.2008 का आवंटन पत्र जरिए क्रमांक 277 के स्पीड पेास्ट से प्रार्थी द्वारा उसके आवेदन पत्र में वर्णित पते पर भेजा अर्थात सहीं पते पर भेजा जो प्रार्थी को प्राप्त हो गया तथा क्या प्रार्थी द्वारा इस आवटन पत्र से मांग की गई राषि जमा नहीं करवाई । अतः उसका आवंटन निरस्त किया गया जो सही रूप से निरस्त किया गया ?
6. हमने कायम किए गए निर्णय बिन्दु पर पक्षकारान को सुना ।
7. अप्रार्थी मण्डल ने दिनंाक 16.4.2008 का आवंटन पत्र प्रार्थी को मिल चुका का आधार यह बतलाया है कि उक्त पत्र का लिफाफा स्पीड पोस्ट से एवं रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया था जो अप्रार्थी कार्यालय में पुनः प्राप्त नहीं हुआ । अतः प्रार्थी को मिल चुका था । अप्रार्थी मण्डल की ओर से लिफाफा भेजा उसकी पोस्टल रसीद भी पेष हुई है । प्रार्थी ने लिफाफा प्राप्त होने के इस तथ्य से इन्कार किया है । उसका यह भी कथन रहा है कि आवेदन में उसने अपना पता 2, सोमनाथ काॅलोनी, कालेज रोड, ब्यावर दर्षाया था तथा आवंटन पत्र दिनांक 16.4.2008 में भी यहीं पता अंकित है किन्तु पोस्टल रसीद जो अप्रार्थी मण्डल की ओर से पेष हुई है, में प्रार्थी का पता 2 सोमनाथ काॅलोनी, ब्यावर ही अंकित है एवं इस पते में काॅलेज रोड अंकित नहीं है । अतः प्रार्थी का यह पता अपूर्ण एवं अधूरा था ।
8. हमाने विनम्र मत में आवंटन पत्र दिनांक 16.4.2008 अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी के पूर्ण पता 2 सोमनाथ काॅलोनी, काॅलेज रोड, ब्यावर पर भेजा सिद्व नहीं कर पाया है । पोस्टल रसीद जो पेष हुई है उसमें मात्र 2 सोमनाथ काॅलोनी, ब्यावर ही अंकित है एवं इस पते में काॅलेज रोड अंकित नहीं है । अतः प्रार्थी का यह पता अपूर्ण एवं अधूरा था ।
9. हमारी राय में आवंटन पत्र दिनांक 16.4.2008 अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी के पूर्ण पता सोमनाथ काॅलोनी, काॅलेज रोड, ब्यावर पर भेजा यह तथ्य अप्रार्थी सिद्व नहीं कर पाया है । पोस्टल रसीद जो पेष हुई उसमें मात्र 2 सोमनाथ काॅलोनी, ब्यावर ही अंकित है ,काॅलेज रोड अंकित नहीं हे । इसके अतिरिक्त अप्रार्थी मण्डल की ओर से इस पत्र की प्रार्थी की कोई प्राप्ति रसीद भी पेष नहीं की है। चूंकि लिफाफा अप्रार्थी मण्डल कार्यालय को पुनः प्राप्त नहीं हुआ,मात्र इस आधार से यह लिफाफा प्रार्थी को प्राप्त हो जाने की अवधारणा नहीं ली जा सकती ।
10. प्रकरण में यह तथ्य भी गौर किए जाने योग्य है कि जब प्रार्थी को दिनंाक 16.4.2008 को आवंटन पत्र जारी कर दिया गया था एवं अप्रार्थी मण्डल के अनुसार उक्त लिफाफा प्रार्थी को प्राप्त हो चुका था तो प्रार्थी द्वारा दिनांक 6.9.2010,
5.8.2011 एवं 17.8.2011 आदि को पत्र जो अप्रार्थी मण्डल को आवंटन पत्र जारी करने हेतु दिए एवं इन पत्रों पर अप्रार्थी मण्डल की प्राप्ति स्वरूप हस्ताक्षर भी है तो ऐसे पत्र जो बार बार प्रार्थी की ओर से प्रेषित किए तब अप्रार्थी मण्डल के कार्यालय द्वारा प्रार्थी को यह क्यों नहीं बतला दिया गया कि उसे आवंटन पत्र दिनंाक 16.4.2008 को ही जारी किया जा चुका है । इस प्रकरण में यह तथ्य भी गौर करने लायक है कि प्रार्थी के इस आवंटन को उपरोक्त पत्रों को प्रस्तुत करने की तिथियों के बाद दिनंाक 2.9.2011 को आवंटन निरस्त किया गया है ।
11. अप्रार्थी ने अपने जवाब के पैरा संख्या 9 में प्रार्थी द्वारा जमा कराई गई राषि प्रार्थी को लौटा दी गई, का भी उल्लेख किया है । इस तथ्य से प्रार्थी ने इन्कार किया है । अप्रार्थी मण्डल की ओर से इस राषि की प्राप्ति रसीद पेष नहीं की है । अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी को राषि कब भेजी और कैसे भेजी, संबंधी भी कोई उल्लेख नहीं किया है । अतः अप्रार्थी मण्डल का यह कथन कि आवंटन निरस्तीकरण के बाद जमा राषि प्रार्थी को लौटा दी गई जो प्रार्थी को प्राप्त हो गई, तथ्य भी सिद्व नहीं हुआ है ।
12. उपरोक्त सारे विवेचन से हमारा मत है कि अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी को भेजे गए आवंटन पत्र दिनांक 16.4.2008 प्रार्थी को प्राप्त हो चुका है, बिन्दु अप्रार्थी मण्डल सिद्व नहीं कर पाया है एवं अप्रार्थी मण्डल ने प्रार्थी के आवंटन को इसी आधार पर अस्वीकार किया । अतः हम अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी के आवंटन को जिन आधारों से निरस्त किया है उसे उचित नहीं मानते है एवं अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी के आवंटन निरस्ती पत्र को अपास्त होने योग्य पाते है तथा प्रार्थी का यह आवंटन बहाल होने योग्य पाया जाता है । इस निर्णय बिन्दु का निर्णय इसी अनुरूप किया जाता है ।
13. अनुतोष:- अप्रार्थी मण्डल द्वारा प्रार्थी का आवंटन जो दिनांक 16.4.2008 प्राप्त हो जाने के उपरान्त प्रार्थी द्वारा आवंटन पत्र से मांगी गई राषि जमा नहीं कराई जाने के आधार पर प्रार्थी के आवंटन को निरस्त करने का पत्र दिनंाक 2.9.2011 जारी किया है वह अपास्त होने योग्य है तथा प्रार्थी का आवंटन पुनः बहाल होने योग्य पाया जाता है । आवंटन पत्र दिनांक 16.4.2008 के अनुसार प्रार्थी को पत्र से मांगी गई रााषि रू. 32,250/- दिनंाक 16.4.2008 से 30 दिन के भीतर जमा करानी थी जो राषि अब तक जमा नही ंहुई है एवं आवंटन जो निरस्त किया गया को 6 वर्ष बाद पुनः बहाल होने योग्य पाया गया है । अतः हमारे विनम्र मत में प्रार्थी अब यह राषि रू. 32,250/- दिनंाक 16.4.2008 से जमा कराने की दिनांक तक मय 6 प्रतिषत वार्षिक ब्याज के अप्रार्थी मण्डल के यहां इस निर्णय की तिथी से 30 दिन में जमा कराएगा । यदि प्रार्थी द्वारा उपरोक्तानुसार राषि जमा करवा दी जाती है तो अप्रार्थी मण्डल प्रार्थी को उसे पूर्व में आवंटित आवास , राषि जमा होने के भीतर 1 माह में पुनः आवंटित करेगा एव ंनियमानुसार कब्जा सम्भलवाएगा , ऐसा आदेष किया जाना हम उचित समझते है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
14. (1) प्रार्थी अप्रार्थी मण्डल के यहां आवंटन पत्र दिनंाक 16.4.2008 से मांगी गई राषि रू. 32,250/- मय ब्याज दिनंाक 16.4.2008 से आज निर्णय तक की अवधि के लिए 6 प्रतिषत वार्षिक की दर से जोडते हुए इस निर्णय की तिथी से भीतर 30 दिन में जमा करावएगा ।
(2) प्रार्थी द्वारा क्रम संख्या 1 में वर्णित राषि जमा कराए जाने के बाद अप्रार्थी मण्डल प्रार्थी को आवंटन पत्र दिनंाक 16.4.2008 में आवंटित आवास पुनः आवंटित करते हुए उसे नियमानुसार 1 माह में कब्जा सम्भलवाएगा ।
(3) प्रार्थी अप्रार्थी मण्डल से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 5000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(4) क्रम संख्या 3 में वर्णित राषि अप्रार्थी मण्डल प्रार्थी को इस निर्णय की दिनांक से 1 माह के भीतर अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(5) एक माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थी मण्डल से उक्त राषि पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(विजेन्द्र कुमार मेहता) (श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
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15. आदेष दिनांक 23.02.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
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