Rajasthan

Ajmer

EA/43/2014

MADU SUDAN - Complainant(s)

Versus

R.H.B - Opp.Party(s)

ADV.SANJAY AGARWAL

27 Sep 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Execution Application No. EA/43/2014
In
87/2012
 
1. MADU SUDAN
AJMER
...........Appellant(s)
Versus
1. R.H.B
AJMER
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Sep 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री मधुसूदन उर्फ पप्पू पुत्र श्री सेाहन लाल जी जाति- अग्रवाल, निवासी- 2/91, साकेतनगर, ब्यावर, जिला-अजमेर । 
                                                -         प्रार्थी


                            बनाम

1. श्री केे.एल.निन्याणिया,आवासीय अभियंता, राजस्थान आवासन मण्डल, 4-क-24, वैषालीनगर, अजमेर ।
2. श्री रमेष जी  महावर, सहायक अभियंता, राजस्थान आवासन मण्डल, गढ़ी थोरियान, ब्यावर, जिला-अजमेर । 
                                                -       अप्रार्थीगण
            अवमानना परिवाद संख्या 43/2014  
                            
                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री तेजभान भगतानी, अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री उमाकान्त अग्रवाल,  अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 13.10.2016
 
1.       प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत  अवमानना परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके द्वारा प्रस्तुत परिवाद संख्या  87/12 मधुसूदन उर्फ पप्पू बनाम आवासीय अभियंता, राजस्थान आवासन मण्डल व अन्य  में मंच द्वारा दिनांक 13.3.2014 को निम्नानुसार आदेष  पारित किया गया - 
         ’’ (1)  अप्रार्थीगण प्रार्थी को परिपत्र दिनंाक 12.4.2006 के पैरा संख्या 4 के अनुसार प्रकाषित होने वाली आम सूचना की  विज्ञप्ति  जिसकी प्रति अप्रार्थीगण स्वयं ने  पत्रावली पर प्रस्तुत की है, को प्रकाषन हेतु जारी कर इस निर्णय की तिथी के भीतर  15 दिन में प्रार्थी को उपलब्ध करावें एवं सूचना के प्रकाषन के उपरान्त मामले में आगे की कार्यवाही  सम्पन्न करें । 
           (2)  प्रकरण की पस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेगें । ’’
अप्रार्थीगण ने नियत दिवस तक  मंच के आदेष की पालना में  आम सूचना  की विज्ञप्ति प्रार्थी को उपलब्ध नही ंकरवाई जिससे  उसे समाचार पत्र में प्रकाषित करवा पाता । विज्ञप्ति की प्राप्ति हेतु उसने अप्रार्थीगण के कार्यालय में कई चक्कर भी लगाए  जाने के बाद माह- अप्रेल, 2014 में प्रार्थी को जरिए डाक विज्ञप्ति का प्रफोर्मा प्रेषित किया।जिसे अखबार में प्रकाषित करवाते हुए उसकी प्रति  अप्रार्थीगण  को प्रेषित की गई ।  इसके बाद  आगामी कार्यवाही सम्पादित करने हेतु अप्रार्थीगण से निवेदन किया गया। किन्तु अप्रार्थीगण उसके पक्ष में मकान की रजिस्ट्री करवाने  तथा आगामी कार्यवाही हेतु बार बार मांग एवं  ताकाजा किए जाने पर उसे किसी न किसी बहाने टालते ही चले आ रहे हैॅ।  प्रार्थी ने अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को  मंच के आदेष की अवेहलना  बताते हुए अवमानना परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । अवमानना परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थीगण की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए  प्रार्थी द्वारा मंच में उक्त उनवानी प्रकरण प्रस्तुत किया जाना व मंच द्वारा दिनंाक 13.3.2014 को आदेष पारित किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि अप्रार्थीगण द्वारा मंच के आदेष की पालना मे ंजरिए पत्र क्रमांक 5590 दिनंाक 28.3.2014 के साथ विज्ञप्ति अखबार में प्रकाषित करवाने हेतु जारी कर दी गई थी ।  जो प्रार्थी द्वारा दिनांक 8.4.2014 को प्रकाषित करवाई गई एवं प्रकाषित हुई ।  अप्रार्थीगण का कथन है कि प्रार्थी की मूल पत्रावली कार्यालय में गुम हो जाने व काफी तलाष करने के उपरान्त भी नहीं मिलने से प्रार्थी को उसके पास उपलब्ध दस्तावेजात उन्हें देने का निवेदन कई बार किया गया ताकि डुप्लीकेट पत्रावली  तैयार कर मंच के आदेष की पालना की जा सके। किन्तु प्रार्थी ने वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए । अप्रार्थीगण ने अवमानना परिवाद खारिज किए जाने की  प्रार्थना करते हुए यह  भी प्रार्थना की है कि प्रार्थी को आदेष दिया जावे कि उसके पास उपलब्ध दस्तावेजात की फोटोप्रतियां उन्हें उपलब्ध कराए ताकि  डुप्लीकेट पत्रावली तैयार कर  मंच के आदेष की ष्षीघ्र अनुपालना की जा सके । जवाब के समर्थन में  श्री राममूर्ति, उप आवासन आयुक्त का षपथपत्र पेष हुआ है । 
3.    प्रार्थी का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि इस मंच के आदेष की अनुपालना में अप्रार्थीगण ने  नियत दिवस तक मंच के आदेष की कोई पालना नहीं की और ना ही कोई आम सूचना की विज्ञप्ति प्रार्थी को उपलब्ध कराई है ताकि समाचार पत्र में प्रकाषित करवाई जा सके । अप्रार्थीगण से बार बार मांगे जाने पर अप्रेल, 2014 में उसे जरिए डाक विज्ञप्ति का प्रफोर्मा प्रेषित किया गया था जिसकी अनुपालना में मंच के आदेष की पालना करते हुए समाचार पत्र में आम सूचना प्रकाषित करवाते हुए उसे अप्रार्थी को सौंपा गया था ।  उसके बाद लगातार  बावजूद सम्पर्क  के अप्रार्थीगण द्वारा  मचं के आदेष की अनुपालना में कोई कार्यवाही नहीं की गई है । प्रार्थी द्वारा उसके पक्ष में मकान की रजिस्ट्री करवाने  तथा आगामी कार्यवाही हेतु बार बार मांग एवं  ताकाजा किए जाने पर उसे किसी न किसी बहाने टालते ही चले आ रहे हैॅ ।  इससे स्पष्ट है कि  मंच के आदेष की  अवेहलना की जा रही है । ऐसी स्थिति में उनके विरूद्व अवमानना की कार्यवाही की जाकर इनकी चल व अचल सम्पति  कुर्क कर नीलामी की जाए व दण्डित किया जाकर इन्हें जेल भेजा जाए ।   
4.    खण्डन में अप्रार्थी्रगण ने  मंच के आदेष को स्वीकार किया व तर्क प्रस्तुत किया कि उनके द्वारा आदेष के 15 दिवस में  अपने पत्र दिनंाक 28.3.2014 के द्वारा विज्ञप्ति अखबार में प्रकाषित  करवाने हेतु जारी कर दी गई थी तथा यह विज्ञप्ति दिनांक 8.4.2014 को  प्रकाषित भी हुई है ।  वास्तव में अप्रार्थीगण मंच के आदेष की पालना हेतु तत्पर है। किन्तु प्रार्थी की मूल पत्रावली कार्यालय में गुम हो जाने व काफी तलाष किए जाने के उपरान्त भी  नहीं मिलने के कारण निवेदन किया गया कि प्रार्थी अपने पास जो भी दस्तावेज उपलब्ध है , उन्हें उपलब्ध करावे ताकि डुप्लीकेट पत्रावली बना कर मंच के आदेष की पालना की जा सके ।  
5.    हमें परस्पर तर्क सुन लिए हैं तथा पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
6.    स्वीकृत रूप से इस मंच के आदेष  दिनांक 13.3.2014 के क्रम व अनुपालना में विज्ञप्ति, दैनिक नवज्योति , अजमेर के दिनंाक 13.3.2014 के अंक में प्रकाषित हो चुकी है । अब षेष कार्यवाही  अप्रार्थीगण अर्थात आवासन मण्डल  के जिम्मे रहती है । इस संबंध में उनका तर्क रहा है कि प्रार्थी की पत्रावली गुम हो जाने  के कारण  उपलब्ध नहीं हो रही है । बहस के दौरान विद्वान अधिवक्ता प्रार्थी  ने बताया है कि अप्रार्थी आवासन मण्डल द्वारा कई बार मांगे जाने पर उन्हें दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए गए किन्तु बार बार उनकी ओर से इनकी मांग की जा रही है ।  वे इन दस्तावेजात को अब उपलब्ध नहीं करवाना चाहते हैं ।
7.    हमने सुना एवं विचार किया । 
8.          स्वीकृत रूप से  अप्रार्थी आवासन मण्डल के अनुसार प्रार्थी की पत्रावली उनके पास उपलब्ध नहीं है । अब यदि मंच द्वारा बार बार उन्हें उक्त प्रलेखों के संदर्भ में प्रार्थी ने संबन्धित पत्रावली का समन्वित रख रखाव विपक्षी द्वारा नहीं किया जाना उसकी कार्यप्रणाली पर प्रष्न चिन्ह लगाता है,इसमें कोई संदेह नहीं है।  निर्देषित किया जाएगा तो सम्भवतया प्रकरण में  देर लगने की सम्भावना हो ।  न्याय हित में इस हेतु निम्नानुसार आदेष पारित किया जाना उचित रहेगा एवं आदेष है कि 
                        :ः- आदेष:ः-
9.    (1)       अप्रार्थीगण इस आदेष की तिथि से 7 दिवस के अन्दर अन्दर प्रार्थी को लिखित में वांछित प्रलेखों की सूची उपलब्ध कराएगा व इसकी प्रति इस मंच को प्रेषित करेगा । 
    (2)        प्रार्थी उक्त 7 दिवसों के बाद अगले 7 दिवस में अप्रार्थीगण को वांछित प्रलेख जों उसके पास उपलब्ध है, की प्रतियां उपलब्ध करवाते हुए  इस मंच को सूचित करेगा । 
    (3)       उक्त 7 दिवस की अवधि गुजरने के बाद  अगले 15 दिवस के अन्दर अन्दर  अप्रार्थीगण वांछित कार्यवाही करेगा और की गई कार्यवाही से  इस मंच को सूचित करेगा । 
          आदेष दिनांक 13.10.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    
 
 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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