राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2769/1998
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-1100/1994 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15-09-1998 के विरूद्ध)
- Union of India through The General Manager, Northern Railway, Baroda House, New Delhi.
- Divisional Railway Manager, Northern Railway, Lucknwo.
अपीलार्थीगण बनाम्
- Sri. R.K. Tandon, aged about 48 years, R/o 2/63, Vishwas Khand, Gomtinagar, Lucknow.
- Smt. R.K. Tandon, aged about 40 yeears, R/o 2/63, Vishwas Khand, Gomtinagar, Lucknow.
प्रत्यर्थीगण
समक्ष :-
1- मा0 उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित - श्री पी0 पी0 श्रीवास्तव।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - श्री आर0के0 टण्डन।
दिनांक : 23-08-2017
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय :
प्रस्तुत अपील जिला मंच प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-1100/1994 में पारित प्रश्नगत निर्णय दिनांक 15-09-1998 के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादिनी के कथनानुसार दिनांक 29-11-1994 को परिवादी अपने पत्नी के साथ 4308 डाऊन बरेली मुगलसराय पैसेन्जर से लखनऊ से विन्ध्याचल के लिए रिजर्व टिकट पर यात्रा कर रहा था। दिनांक 30-11-1994 को प्रयाग स्टोशन पर यह ट्रेन परिवादी को बिना किसी पूर्व सूचना के निरस्त कर दी गयी। जिससे परिवादी व उसकी पत्नी को शारीरिक एवं मानसिक प्रताड़ना हुई अत: क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु परिवाद योजित किया गया।
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अपीलकर्ता द्वारा विद्धान जिला मंच के समक्ष प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया।
अपीलकर्ता के कथनानुसार अप्रत्याशित परिस्थितियों में अपीलकर्ता ट्रेन रद्द कर सकता है। प्रत्यर्थी/परिवादी प्रयाग रेलवे स्टेशन पर अपना पैसा प्राप्त कर सकता था किन्तु उसके द्वारा ऐसा नहीं किया गया अत: यह परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
विद्धान जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय में यह मत व्यक्त करते हुए कथन किया कि अपीलकर्ता ने अप्रत्याशित परिस्थितियों को स्पष्ट नहीं किया है अत: बिना किसी पूर्व सूचना के ट्रेन निरस्त किया जाना सेवा में त्रुटि मानते हुए क्षतिपूर्ति 1,000/-रू0 परिवादीगण को दिलाये जाने एवं वाद व्यय के रूप में 300/-रू0 दिलाये जाने हेतु आदेशित किया है, किन्तु किराये की धनराशि की वापसी से संबंधित अनुतोष प्रदान नहीं किया गया है। इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री पी0पी0 श्रीवास्तव उपस्थित। प्रतयर्थी श्री आर0के0 टण्डन स्वयं उपस्थित आए।
हमने उभयपक्ष को विस्तारपूर्व सुना है।
अपीलकर्ता ने प्रत्यर्थी द्वारा दिनांक 29-11-1994 को 4308 डाऊन बरेली मुगलसराय पैसेन्जर से रिजर्व टिकट पर लखनऊ से विध्याचल की यात्रा किये जाने के तथ्य को अस्वीकार नहीं किया है और यह भी अस्वीकार नहीं किया है कि यह ट्रेन प्रयाग रेलवे स्टेशन पर रद्द कर दी गयी। इसके साथ ही यह भी अस्वीकार नहीं किया गया है कि परिवादीगण को यात्रा करने से पूर्व इस तथ्य से अवगत कराया गया था कि यह ट्रेन निरस्त कर दी गयी है।
अपील के आधारों में अपीलकर्ता द्वारा मात्र यह अभिकथित किया गया है कि रेलवे प्रशासन को यह अधिकार प्राप्त है कि किसी अप्रत्याशित परिस्थिति में ट्रेन कैंसिल की जा सकती है किन्तु किन अप्रत्याशित परिस्थितियों में ट्रेन निरस्त की गयी यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
विद्धान जिला मंच ने टिकट की धनराशि की वापसी का अनुतोष परिवादी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन न किये जाने के कारण प्रदान नहीं किया है।
मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में हमारे विचार से अपील में बल नहीं है और निरस्त किये जाने योग्य है।
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आदेश
अपील निरस्त की जाती है।
उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयंवहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-2 प्रदीप मिश्रा, आशु0