राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील सं0- 535/2007
Maruti Udyog Limited, 11th Floor, Jeevan Prakash, 25, Kasturba Gandhi Marg, New Delhi-110001.
………..Appellant
Versus
1. Sh. R.K.P. Sharma S/o Late Sh. K.P. Sharma R/o 441.57/1, Panchalok, Goshala Road, Balaganj, Post- Chowk, Distt. Lucknow (U.P.)
2. M/s Anand Motors Agencies Ltd. 21, Vidhan Sabha Marg, Lucknow (U.P.) Singriwala, Jallandhar Road, Hoshiarpur (PB).
……….Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अंकित श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 18.01.2023
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 459/1999 आर0के0पी0 शर्मा बनाम मारूति उद्योग लि0 व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 05.10.2006 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए तत्समय प्रचलित योजना के अनुसार गोल्ड क्वाइन की कीमत अदा करने का आदेश संयुक्त रूप से डीलर तथा अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 के विरुद्ध पारित किया है।
3. हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अंकित श्रीवास्तव को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि गोल्ड क्वाइन देने की योजना का संचालन डीलर द्वारा किया गया था, इसलिए अपीलार्थी संयुक्त रूप से इसकी कीमत अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है, यह तर्क तथ्य परक है, चूँकि डीलर द्वारा ही योजना संचालित की गई थी, इसलिए केवल डीलर ही गोल्ड क्वाइन की कीमत के भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
5. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि केवल डीलर द्वारा ही सोने के सिक्के के बराबर मूल्य की अदायगी की जायेगी न कि अपीलार्थी द्वारा। शेष निर्णय एवं आदेश का अनुपालन भी डीलर द्वारा ही किया जायेगा। प्रश्नगत निर्णय से निर्माता मारूति उद्योग लि0 को उन्मोचित किया जाता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नंं- 3