राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-859/2024
रेशम सिंह पुत्र स्व0 रामरूप सिंह, निवासी-14ए, आदिलनगर, कुर्सी रोड, जनपद लखनऊ।
..............अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
आर0 सन्स एसोसिऐट्स एल0जी0-21-22, केशव काम्प्लेक्स (संजय गॉधीपुरम) फैजाबाद रोड, लखनऊ द्वारा प्रबन्धक/डायरेक्टर
.............प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री आमोद राठौर
प्रत्यर्थी की अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 25.9.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी रेशम सिंह की ओर से इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-91/2020 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.6.2024 के विरूद्ध योजित की गई है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी
द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी की लुभावनी स्कीम जे०डी०सी० ग्रुप-ए के अन्तर्गत 1000 वर्गफुट के भूखण्ड को प्राप्त करने हेतु खाता संख्या 166 के द्वारा दिनांक 29.8.2016 को बुकिंग धनराशि बाउचर नम्बर 61144 बिल संख्या-64 द्वारा रू0 3,600.00 जमा किये गये तथा प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा आवासीय भूखण्ड आवंटित किये जाने हेतु समय-समय पर अन्य वांछित धनराशि जमा कराते हुए कुल धनराशि 1,44,000.00 रूपये जमा की गई। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा धनराशि
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जमा किये जाने के बाद प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा न तो संदर्भित भूखण्ड पर कब्जा देने की प्रक्रिया अमल में लायी गयी और न ही कोई संतोषजनक उत्तर ही दिया गया। अपीलार्थी/परिवादी प्रत्यर्थी/विपक्षी के कार्यालय गया तो प्रत्यर्थी/विपक्षी एवं उसके कर्मचारियों द्वारा लापरवाही व सेवा में त्रुटि अपनाते हुए कोई उत्तर नहीं दिया गया। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी से लगातार भूखण्ड देने हेतु अनुरोध किया गया, परन्तु प्रत्यर्थी/विपक्षी सदैव नजरंदाज एवं टालमटोल करते रहे, अत्एव अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी को अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनॉक 28.12.2019 को विधिक नोटिस भेजा गया, लेकिन प्रत्यर्थी/विपक्षी ने लापरवाही व सेवा में त्रुटि अपनाते हुए कोई सार्थक उत्तर नहीं दिया। प्रत्यर्थी/विपक्षी की लापरवाही व सेवा में त्रुटि से परिवादी को अत्यधिक मानसिक कष्ट पहुँचा और आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ी अत्एवं क्षुब्ध होकर परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
प्रत्यर्थी/विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया अत्एव जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रत्यर्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से अग्रसारित की गई।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्य पर विस्तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को निरस्त कर दिया है, जिससे क्षुब्ध अपीलार्थी/परिवादी की ओर से प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
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मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के कथनों को विस्तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि प्रस्तुत मामले में अपीलार्थी द्वारा जे0डी0सी0 ग्रुप-ए के अन्तर्गत 1000 वर्गफुट के भूखण्ड को प्राप्त करने हेतु खाता संख्या-166 के द्वारा दिनॉक 29.8.2016 को बुकिंग धनराशि बाउचर नम्बर-61144 बिल संख्या-64 द्वारा 3,600.00 रूपये जमा किये तथा प्रत्यर्थी द्वारा आवासीय भूखण्ड आवंटित किये जाने हेतु समय-समय पर अन्य वांछित धनराशि जमा करते हुए कुल धनराशि 1,44,000.00 रुपये जमा की गई। प्रत्यर्थी आर. सन्स. एसोसिएट्स की रसीद के अनुसार दिनॉक 29.8.2016 को 3,600.00 रुपये 1000 वर्गफुट भूखण्ड प्राप्त करने हेतु रेशम सिंह द्वारा एडवांस के रूप में जमा किये गये, जिसमें अपीलार्थी ने यह कहा कि प्रत्यर्थी ने न तो जमीन दी और न ही जमा पैसा दिया गया।
अपीलार्थी द्वारा मात्र 3600.00 रुपये की ही रसीद की छायाप्रति दाखिल की गई है, जबकि उनके द्वारा 1,44,000.00 रूपये जमा करने की बात की गयी है। परन्तु उसका कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। अपीलार्थी द्वारा 1,44,000.00 रूपये के भुगतान किए जाने का साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण ही प्रत्यर्थी द्वारा अपीलार्थी को भूखण्ड आवंटित नहीं किया गया। अपीलार्थी द्वारा 1,44,000.00 रूपये का भुगतान किया गया यह साक्ष्य से प्रमाणित
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नहीं होता है और जिसके लिए प्रत्यर्थी की सेवा में कमी प्रमाणित नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश मेरे विचार से पूर्णत: विधि सम्मत है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में किसी प्रकार कोई अवैधानिकता अथवा विधिक त्रुटि अपीलीय स्तर पर नहीं पायी जाती है, तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1