Uttar Pradesh

StateCommission

RP/75/2024

Dr Rajiv Gupta - Complainant(s)

Versus

Pushpendra Saini (dead) Smt Mamta Devi - Opp.Party(s)

Rajesh Chadha

04 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/75/2024
( Date of Filing : 16 Aug 2024 )
(Arisen out of Order Dated 03/07/2024 in Case No. Complaint Case No. CC/64/2022 of District Saharanpur)
 
1. Dr Rajiv Gupta
kumti devi memorial hospital lukmidham new madhao nagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Pushpendra Saini (dead) Smt Mamta Devi
akashpuram chakharti janta road thana janakpuri saharanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Sep 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

(सुरक्षित)

पुनरीक्षण संख्‍या-75/2024

डा0 राजीव गुप्‍ता, कुन्‍ती देवी मेमोरियल हास्पिटल, लक्ष्‍मीधाम,      न्‍यू माधो नगर, सहारनपुर

........................पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी

बनाम

पुष्‍पेन्‍द्र सैनी (मृतक), पुत्र स्‍व0 मेलाराम,

द्वारा विधिक उत्‍तराधिकारी,

श्रीमती ममता देवी, पत्‍नी स्‍व0 पुष्‍पेन्‍द्र सैनी,

अंकुर सैनी, पुत्र स्‍व0 पुष्‍पेन्‍द्र सैनी,

रोहित सैनी, पुत्र स्‍व0 पुष्‍पेन्‍द्र सैनी,

प्रियंका सैनी, पुत्री स्‍व0 पुष्‍पेन्‍द्र सैनी,

समस्‍त निवासीगण-आकाशपुरम, चकहरती, जनता रोड, थाना जनकपुरी, सहारनपुर

........................विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा,  

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 04.09.2024

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका जिला उपभोक्‍ता आयोग, सहारनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-64/2022 पुष्‍पेन्‍द्र सैनी बनाम डा0 राजीव गुप्‍ता में पारित निम्‍न आदेश दिनांक 03.07.2024 के विरूद्ध योजित की गयी:-

''पत्रावली पेश हुयी। परिवादीगण की ओर से परिवादनी श्रीमती ममता देवी अपने विद्वान अधिवक्ता सहित उपस्थित है। बार-बार पुकार पर भी विपक्षी की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं है।

 

 

 

 

 

-2-

यह पत्रावली विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये प्रार्थनापत्र 35सी व 37सी के निस्तारण हेतु नियत है। लेकिन इन दोनो प्रार्थनापत्रों पर बल देने के लिये विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

हमारे द्वारा पत्रावली का अध्ययन किया।

जहां तक विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये प्रार्थनापत्र 35 सी का प्रश्न है तो इस प्रार्थनापत्र में विपक्षी की ओर से मूल परिवादी / मृतक पुष्पेन्द्र सैनी के ईलाज से संबंधित अभिलेखों का उल्लेख करते हुये श्रीमान् मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर से विशेषज्ञ रिपोर्ट मंगाये जाने का कथन किया गया है तथा 37सी प्रार्थनापत्र में भी पुनः यही कथन किये गये है। परिवादी की ओर से विपक्षी के उक्त दोनो प्रार्थनापत्रों के विरूद्ध अपनी संयुक्त आपत्ति 39सी दाखिल की गयी। जिसमें मुख्य रूप से इस बात को कहा गया कि प्रस्तुत मामले के संबंध में श्रीमान् गुख्य चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट पूर्व में ही आ चुकी है। जिसकी प्रमाणित प्रति पत्रावली पर दाखिल है।

विपक्षी के प्रार्थनापत्र 35सी व 37सी तथा आपत्ति परिवादी 39सी के परिपेक्ष्य में हमारे द्वारा पत्रावली का अध्ययन किया।

स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत मामले की घटना के संबंध में विपक्षी के विरूद्ध आपराधिक चिकित्सकीय लापरवाही की बाबत संबंधित मैजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष परिवाद योजित किया गया था। जिसमें मैजिस्ट्रेट के आदेशानुसार श्रीमान् मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर से ईलाज में बरती गयी लापरवाही के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट तलब की गयी थी और जिसमें श्रीमान् मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर द्वारा अपनी विशेषज्ञ रिपोर्ट दिनांकित 19-01-17 संबंधित मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की गयी थी। जिसकी प्रमाणित प्रति 9सी/9 के रूप में पत्रावली पर दाखिल है। पत्रावली से यह भी स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा अपने ईलाज के संबंध में विपक्षी द्वारा की गयी चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हुयी शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति की पूर्ति के लिये यह परिवाद योजित किया है और जिसमें आयोग को विपक्षी द्वारा परिवादी के किये गये ईलाज में किसी चिकित्सकीय लापरवाही के संबंध में ही विचार किया जाना है और जिसमें पत्रावली पर उपलब्ध श्रीमान् मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति 9सी/9 सहायक सिद्ध हो सकती है। अतः ऐसी स्थिति में हमारी राय में विपक्षी द्वारा परिवादी के किये गये ईलाज के संबंध में श्रीमान् मुख्य चिकित्साधिकारी, सहारनपुर से पुनः विशेषज्ञ रिपोर्ट मंगाये जाने का कोई औचित्य नहीं है। जिस कारण विपक्षी की ओर से प्रस्तुत

 

 

 

 

-3-

प्रार्थनापत्र 35सी व 37सी गुण दोष के आधार पर ही स्वीकार होने योग्य नहीं है।

तदानुसार विपक्षी की ओर से प्रस्तुत प्रार्थनापत्र 35सी व 37सी गुण दोष के आधार पर निरस्त किये जाते है।

पत्रावली दिनांक 02-08-24 को बहस हेतु पेश हो।''

     मेरे द्वारा पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा को सुना तथा प्रश्‍नगत आदेश का सम्‍यक परीक्षण व परिशीलन किया गया।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता को सुनने तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश का परीक्षण व परिशीलन करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश विधिसम्‍मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है, अतएव प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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