जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, कोरबा (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक:- CC/14/94
प्रस्तुति दिनांक:- 17/12/2014
समक्ष:- छबिलाल पटेल, अध्यक्ष,
श्रीमती अंजू गबेल, सदस्य,
श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, सदस्य
श्रीमती मीनू पाण्डेय, उम्र- 34 वर्ष,
पति श्री संजय पाण्डेय,
एल.आई.जी.-11, आर.पी. नगर फेस-2,
तहसील व जिला-कोरबा (छ.ग.)........................................................आवेदिका/परिवादिनी
विरूद्ध
01. पुष्पक इलेक्ट्रॉनिक,
प्लाट नंबर-60, टी.पी.नगर कोरबा,
तहसील व जिला-कोरबा (छ0ग0)
02. सैमसंग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड,
ऑफिस नंबर-404, 405, चौथी मंजिल,
डी.बी. कारपोरेट पार्क, राजबंधा मैदान रायपुर,
तहसील व जिला- रायपुर (छ.ग.)पि. को.-492001,
फोन नंबर 0771-4075180 …............................अनावेदकगण /विरोधीपक्षकारगण
आवेदक द्वारा श्री एम. पी. तिवारी अधिवक्ता।
अनावेदकगण द्वारा श्री शरद कारके अधिवक्ता।
आदेश
(आज दिनांक 19/03/2015 को पारित)
01. आवेदिका श्रीमती मीनू पाण्डेय के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के संस्थान से खरीदे गये एक एल.ई.डी. सैमसंग-40 एफ.-5100 एस्का टी.वी. को वारण्टी अवधि में खारब हो जाने के बाद भी अनावेदकगण के द्वारा मरम्मत न कर सेवा में कमी किये जाने के आधार पर उक्त टी.वी. की कीमत 53,810/-रू0 तथा मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि 50,000/-रू0 एवं 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा वाद व्यय दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्तुत किया गया है।
02. यह स्वीकृत तथ्य है कि आवेदिका के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 पुष्पक इलेक्ट्रॉनिक से अनावेदक क्रमांक 02 सैमसंग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के द्वारा निर्मित एल.ई.डी. सैमसंग-40 एफ.5100 एस्का टी.वी. 53,810/-रू0 कीमती को दिनांक 09/12/2013 को नगद रूपये जमा कर क्रय किया गया था। शेष सभी बातें विवादित है।
03. आवेदिका का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि उसके द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 पुष्पक इलेक्ट्रॉनिक से अनावेदक क्रमांक 02 कंपनी सैमसंग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित एल.ई.डी. सैमसंग-40 एफ.5100 एस्का टी.वी. 53,810/-रू0 कीमती को दिनांक 09/12/2013 को नगद रूपये भुगतान कर क्रय किया गया था। आवेदिका द्वारा उक्त टी.वी. को उसी दिन घर ले जाकर उपयोग किये जाने पर उसमें झिलमिलाहट एवं धब्बे आने लगे, आवेदिका के द्वारा उसकी शिकायत अनावेदक क्रमांक 01 के शोरूम कोरबा स्थित में जाकर किया गया, तब उसके द्वारा उक्त टी.वी. को सुधार किये जाने की बात कहते हुए अपने कर्मचारी को उक्त टी.वी. को जाकर देखने का निर्देश दिया गया था। अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा भेजे गये मेकेनिक कर्मचारी के द्वारा उक्त टी.वी. को देखकर कुछ सुधार किया गया, लेकिन उक्त टी.वी. में कोई अंतर नहीं आया। आवेदिका के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के पास जाकर पुन: उसकी शिकायत की गयी और उक्त टी.वी. को बदलकर दुसरी टी.वी. देने का निवेदन किया गया, उसके बाद अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा परिवादी के घर से उक्त विवादित टी.वी. को मंगाकर अपने पास रख लिया गया। अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा उक्त टी.वी. को न तो बदला गया और न ही उसकी मरम्मत कर परिवादी को वापस किया गया है। इस प्रकार परिवादी को काफी मानसिक प्रताडना सहन करना पड रहा है। आवेदिका के उक्त विवादित टी.वी. के वारंटी अवधि में रहने के दौरान अनावेदकगण के द्वारा सेवा में कमी की गयी है। अत: आवेदिका को उपरोक्त खराब एवं गुणवत्ताविहीन टी.वी. को बदलकर नयी टी.वी. प्रदान की जावे अथवा उसके द्वारा भुगतान की गयी नगद राशि 53,810/- रू0 को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित प्रदान किया जावे तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 50,000/- एवं वाद व्यय भी दिलायी जावे।
04. अनावेदकगण के द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा स्वीकृत तथ्य के अलावा संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदिका ने अनावेदक क्रमांक 01 से एल.ई.डी. सैमसंग-40 एफ.5100 एस्का टी.वी. 53,810/-रू0 कीमती को दिनांक 09/12/2013 को उसकी गुणवत्ता को देखते हुए शोरूम में चलाकर उससे पूर्ण संतुष्ट होकर क्रय किया गया था। उसके बाद सर्विस इंजीनियर के द्वारा उक्त एल.ई.डी., टी.वी. को आवेदिका के घर के पते पर जाकर इंस्टाल किया गया था। आवेदिका को उपरोक्त टी.वी. के इंस्टालेशन के पश्चात उसे चालू करके तथा सभी कार्य प्रणाली को समझा दिया गया था। उस समय आवेदिका उपरोक्त टी.वी. के कार्य से संतुष्ट थी। आवेदिका को उक्त टी.वी. के क्रय करने पर अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा बिल तथा वारंटी कार्ड की प्रति प्रदान किया गया है, जिसमे वारंटी के नियम एवं शर्ते लिखी है, जिसके अनुसार क्रेता के द्वारा टी.वी. के संबंध में शिकायत किये जाने पर टी.वी. निर्माता कंपनी के टोल फ्री नंबर पर शिकायत किये जाने से अनावेदक क्रमांक 02 कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर के द्वारा सुधार कार्य किया जाता है। आवेदिका के द्वारा परिवाद-पत्र के साथ वारंटी कार्ड की प्रति प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिसे पेश करायी जाये। आवेदिका के द्वारा अनावेदक क्रमांक 01 के दुकान में पहली बार आकर माह अगस्त-2014 में संपर्क कर उक्त विवादित टी.वी. के संबंध में शिकायत की गयी, इस अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा उसे सूचित किया गया कि अनावेदक क्रमांक 02 के अधिकृत सर्विस सेंटर कोरबा स्थित युनाईटेड सेल्स एण्ड सर्विसेस को सूचित करें। जिसके द्वारा उक्त कंपनी के टी.वी. में शिकायत के बाबत सर्विस प्रदान किया जाता है। आवेदिका के द्वारा की गयी शिकायत को अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा काल सेंटर में शीघ्रता से दर्ज करा दिया गया था, जहां से आवेदिका के टी.वी. के शिकायत की जांच हेतु सर्विस इंजीनियर श्रीदेव सूर्यवंशी एवं फकीह आलम को निर्देशित किया गया था। जिनके द्वारा आवेदिका के निवास स्थान में जाकर उक्त टी.वी. के संबंध में जांच किया गया। उस समय उक्त विवादित एल.ई.डी. टी.वी. के पैनल पार्टस 7,000/-रू0 से भी अधिक कीमती को वारंटी सुविधा के अंतर्गत नया बदलकर लगा दिया गया। आवेदिका की उक्त टी.वी. सही ढंग से काम करने लगा और उसमें किसी प्रकार की खराबी नहीं थी। आवेदिका ने उसके बाद माह नंवम्बर 2014 में उक्त विवादित टी.वी. के संबंध में शिकायत किया तब सर्विस सेंटर के इंजीनियर श्रीदेव सूर्यवंशी तथा फकीह आलम ने दिनांक 09/11/2014 को आवेदिका के निवास स्थान पर जाकर उक्त टी.वी. की जांच करने पर उसे पूर्णत: सही ढंग कार्य करते पाया । इस प्रकार अनावेदकगण की ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है, अत: परिवाद-पत्र को सव्यय निरस्त किया जावे।
05. आवेदिका की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज तथा स्वयं का शपथ-पत्र दिनांक 17/12/2014 का पेश किया गया है। अनावेदकगण के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्तावेज तथा दो शपथ-पत्र महेश परासर दिनांक 12/02/2015 एवं फकीह आलम दिनांक 27/12/2015 के पेश किये गये है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
06. मुख्य विचारणीय प्रश्न है कि:-
क्या परिवादिनी/आवेदिका द्वारा प्रस्तुत परिवाद-पत्र स्वीकार किये जाने योग्य हैॽ
07. आवेदिका की ओर से उपरोक्त विवादित टी.वी. को अनावेदक क्रमांक 01 से क्रय किये जाने के संबंध में बिल दिनांक 09/12/2013 का प्रस्तुत किया गया है, जो दस्तावेज क्रमांक ए-2 है। उक्त दस्तावेज के अनुसार आवेदिका के द्वारा उक्त टी.वी. की कीमत 53,810/-रू0 का भुगतान किया जाना प्रमाणित होता है। आवेदिका को अनावेदक क्रमांक 01 की ओर से उक्त टी.वी. के संबंध में वारंटी कार्ड जारी किया गया था, उसकी फोटोप्रति दस्तावेज क्रमांक ए-3 तथा वारंटी की शर्तो के संबंध में दस्तावेज क्रमांक ए-3ए का प्रस्तुत किया गया है। अनावेदकगण ने उपरोक्त टी.वी. को अनावेदक क्रमांक 01 के द्वारा नगद राशि प्राप्त कर विक्रय किया जाना स्वीकार किया गया है। इस प्रकार आवेदिका उपभोक्ता है, यह भी प्रमाणित होता है।
08. आवेदिका ने अपने घर में उक्त विवादित टी.वी.को स्थापित किये जाने के बाद उसी दिन दिनांक 09/12/2013 को ही उक्त टी.वी. में झिलमिलाहट एवं धब्बे आने की शिकायत होना परिवाद-पत्र में दर्शाया है, लेकिन अनावेदकगण की ओर से जवाबदावा की कंडिका-3 में पृष्ट क्रमांक-2 पर उक्त तथ्यों से इंकार करते हुए आवेदिका के द्वारा पहली बार माह अगस्त 2014 में अनावेदक क्रमांक 01 के पास उक्त टी.वी. के संबंध में शिकायत किया जाना बताया गया है। आवेदिका के द्वारा माह अगस्त 2014 के पूर्व उक्त टी.वी. के संबंध में शिकायत किये जाने का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।
09. आवेदिका की ओर से अनावेदकगण के पास दस्तावेज क्रमांक ए-1ए का विधिक सूचना-पत्र दिनांक 02/12/2014 को अधिवक्ता के माध्यम से प्रेषित किया जाना बताया गया है। उक्त नोटिस में पुष्पक इलेक्ट्रानिक्स कोरबा एवं सैमसंग इंडिया प्रायवेट लिमिटेड को संबोधित करते हुए टी.वी. के संबंध शिकायत की गयी है। आवेदिका की ओर से उक्त नोटिस को डाक रसीद दस्तावेज क्रमांक ए-1 के द्वारा प्रेषित किया जाना बताया गया है। उक्त डाक रसीदमें दिनांक 02/12/2014 को अमित अग्रवाल बिलासपुर को कोई पत्र डाक से भेजना दर्शित है ऐसी स्थिति में डाक रसीद के माध्यम से भेजा गया पत्र अनावेदकगण को संबोधित एवं उन्हे वितरित किया गया हो इस तरह का कोई अभिस्वीकृति पावती आवेदिका की ओर से पेश नहीं है। इसलिए उक्त नोटिस का कोई जवाब अनावेदकगण की ओर से नहीं दिया गया है, तो इससे उन पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पडता है।
10. आवेदिका ने जो विवादित टी.वी. दस्तावेज क्रमांक ए-2 के अनुसार क्रय किया था उसके वारंटी कार्ड दस्तोवज क्रमांक ए-3 एवं ए-3ए का अवलोकन करने से यह स्पष्ट होता है कि उक्त टी.वी. की वारंटी 12 महिने के लिए निर्धारित रही है। आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक ए-3ए में ट्रीपल प्रोटेक्शन वारंटी से संबंधित शर्ते दर्शित है। जिसमें क्रय किये गये माल के मरम्मत किये जाने अथवा बदल दिये जाने से संबंधित प्रावधान भी दर्शित है। अनावेदकगण की ओर से वारंटी कार्ड की विवरणी प्रोफार्मा दस्तावेज क्रमांक डी-1 के रूप में प्रस्तुत है। इसके अलावा अन्य कोई दस्तोवज उनकी ओर से प्रस्तुत नहीं किया गया है।
11. अनावेदकगण ने आवेदिका के द्वारा पहली बार माह अगस्त 2014 में शिकायत किये जाने पर 7,000/-रू0 से भी अधिक कीमती टी.वी. पेनल पार्टस को वारंटी सुविधा के अंतर्गत सर्विस इंजीनियर के माध्यम से आवेदिका के घर में ही बदलकर लगा दिया जाना बताया है। यद्यपि उसके सर्विस इंजीनियर की कोई रिपोर्ट इस तरह की सर्विसिंग किये जाने के संबंध में अनावेदकगण की ओर से प्रस्तुत नहीं है। अनावेदकगण की ओर से अपने जवाबदावा में लिखा गया है कि माह नवंबर 2014 में पुन: आवेदिका के द्वारा शिकायत किये जाने पर सर्विस इंजीनियर श्रीदेव सूर्यवंशी तथा श्री फकीह आलम के द्वारा दिनांक 09/11/2014 को आवेदिका के निवास स्थान में जाकर विवादित टी.वी. की जांच करने पर उसे पूर्णत: सही कार्य किया जाना पाया था, तथा उसमें किसी प्रकार की खराबी नहीं होना पाया गया था। अनावेदकगण ने उक्त सर्विस इंजीनियर की दिनांक 09/11/2014 को दी गयी विवादित टी.वी. के संबंध में सर्विस किये जाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत नही किया है। इस प्रकार उक्त टी.वी. के संबंध में मरम्मत का कार्य कब-कब किया गया यह प्रमाणित नहीं होता है।
12. आवेदिका ने विवादित टी.वी. को अनावेदक क्रमांक 01 के पास मरम्मत के लिए दिया जाना और उसके बाद वहां से उसे वापस प्रदान नहीं किया जाना बताया है। लेकिन इस तथ्य से अनावेदकगण के द्वारा इंकार किया गया है और उक्त विवादित टी.वी. को आवेदिका के पास उसके घर में होना तथा उसका उपयोग आवेदिका के द्वारा अभी भी किया जाना बताया गया है ऐसी स्थिति में यह आवेदिका के लिए साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित करना आवश्यक है कि उसने उक्त टी.वी. को अनावेदक क्रमांक 01 के पास सर्विसिंग के लिए सौंप दिया है। इस मामले में आवेदिका ने अनावेदक क्रमांक 01 से उक्त विवादित टी.वी. की कोई पावती प्रस्तुत नहीं की है। अत: उक्त विवादित टी.वी. को अनावेदकगण के पास मरम्मत के लिए जमा किये जाने का तथ्य प्रमाणित नहीं होना पाया जाता है।
13. इस प्रकार आवेदिका के उपरोक्त टी.वी. में उसके द्वारा बतायी गयी खराबी को मरम्मत कराने के द्वारा शिकायत का निराकरण किया जाना संभव है। आवेदिका के उपरोक्त टी.वी. के संबंध में उभय पक्ष द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर इस परिवाद-पत्र को अंशत: सफल होना पाया जाता है, और मुख्य विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ‘’हॉ’’ में दिया जाता है।
14. तद्नुसार आवेदिका श्रीमती मीनू पाण्डेय की ओर से प्रस्तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम1986 के तहत अशंत: स्वीकार करते हुए उसके पक्ष में एवं अनावेदकगण के विरूद्ध निम्नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है कि:-
- आवेदिका के द्वारा उक्त विवादित टी.वी. एल.ई.डी. सैमसंग-40 एफ.5100 एस्का टी.वी. 53,810/-रू0 कीमती को अनावेदक क्रमांक 01 के पास आज से 01 माह के अंदर जमा किया जावे। आवेदिका के द्वारा उपरोक्त टी.वी. को जमा किये जाने के 01 माह के अंदर उक्त टी.वी. में आये खराबी को वारंटी अवधि के तहत मानते हुए उसमें सुधार कर आवेदिका की पूर्ण संतुष्टि पर अनावेदकगण द्वारा प्रदान किया जावे। उपरोक्त विवादित टी.वी. को मरम्मत किये जाने योग्य नहीं पाये जाने पर उसके बदले में उसी मॉडल की नयी एल.ई.डी. टी.वी. आज से 03 माह के अंदर आवेदिका को प्रदान किया जावे।
- उपरोक्त आदेश के पालन में त्रुटि किये जाने पर आवेदिका को विवादित टी.वी. की कीमत 53,810/-रू0 का भुगतान संयुक्तरूप से एवं पृथकत: अनावेदकगण करेंगे। तथा उपरोक्त राशि के संबंध में परिवाद प्रस्तुति दिनांक 17/12/2014 से भुगतान किये जाने तक 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी भुगतान करना होगा।
- आवेदिका को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू. (पांच हजार रूपये) अनावेदकगण प्रदान करें।
- आवेदिका को वाद व्यय के रूप में 2,000/- रू. (दो हजार रूपये) अनावेदकगण प्रदान करें।
(छबिलाल पटेल) (श्रीमती अंजू गबेल) (राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य