(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1553/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, फैजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-157/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.05.2015 के विरूद्ध)
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्स कंपनी लिमिटेड, निकट पब्लिक हॉस्पिटल बाईपास रायबरेली रोड, उसरू, फैजाबाद, द्वारा अथराइज्ड रिप्रिजेंटेटिव।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
पुष्पा सिंह पत्नी विजय सेन सिंह, निवासिनी ग्राम व पोस्ट पिठला, परगना खंडासा, तहसील मिल्कीपुर, फैजाबाद।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार , सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सौरभ सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री गिरीश कुमार,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक: 17.03.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-157/2013, पुष्पा सिंह बनाम प्रबंधक श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेन्स कं0लि0 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, फैजाबाद द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 13.05.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने वाहन संख्या-यू.पी. 43 टी. 2775 को जबरन खेंचने के कारण अंकन 02 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश पारित किया है।
2. इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अवैध, मनमाना निर्णय पारित किया है। फैजाबाद स्थित न्यायालय को प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है, क्योंकि पक्षकारों के मध्य निष्पादित करार में स्पष्ट उल्लेख है कि केवल लखनऊ स्थित न्यायालय को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। प्रत्यर्थी/परिवादी एक व्यापारिक कार्य में संलग्न है, इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं था, इसलिए यह निर्णय एवं आदेश अपास्त होने योग्य है।
3. अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. परिवाद पत्र के तथ्यों के अनुसार बीमार होने के कारण परिवादिनी इलाज के लिए बाहर चली गई और दो किश्तों का समय से भुगतान नहीं किया गया तथा वह इस ट्रक का प्रयोग करने लगी तथा टैक्स भी जमा नहीं किया गया और न ही प्रश्नगत वाहन वापस किया गया। बकाया धनराशि की भी सूचना नहीं दी गई।
5. अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की गई, इसलिए एकतरफा सुनवाई करते हुए उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया।
6. परिवादिनी ने सशपथ साबित किया है कि ट्रक की कीमत अंकन 08 लाख रूपये थी, जबकि परिवादिनी द्वारा अंकन 4,30,000/-रू0 का ऋण प्राप्त किया गया और परिवादिनी ने अंकन 3,06,950/-रू0 दिनांक 31.08.2010 तक जमा कर दिए। विपक्षी ने बगैर सूचना के ट्रक खेंचवा लिया। परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र में केवल दो किश्तें चूक जाने का कथन किया गया है, जिसका कोई खण्डन नहीं किया गया। मात्र दो किश्तों की चूक होने पर बगैर नोटिस दिए ट्रक को परिवादिनी के कब्जे से खेंचवाना और अन्यत्र प्रयोग कर लेना अपीलार्थी का गैर कानूनी कृत्य है। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्य का कोई खण्डन चूंकि अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। जहां तक क्षेत्राधिकार का प्रश्न है। चूंकि विपक्षी का कार्यालय फैजाबाद में भी स्थित है। अत: वाद कारण फैजाबाद में भी उत्पन्न हुआ है। अत: फैजाबाद स्थित विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को इस वाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त था। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
7. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में संबंधित जिला आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2