Uttar Pradesh

StateCommission

A/3064/2017

N I C Ltd - Complainant(s)

Versus

Pushpa Devi - Opp.Party(s)

Alok Kumar Singh

15 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/3064/2017
( Date of Filing : 08 Nov 2017 )
(Arisen out of Order Dated 16/12/2013 in Case No. C/18/2012 of District Mirzapur)
 
1. N I C Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Pushpa Devi
Mirzapur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Vikas Saxena PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 May 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक)

अपील सं0- 3064/2017

                    दि नेशनल इंश्‍योरेंस कं0लि0

बनाम

पुष्‍पा देवी।

समक्ष:-

   मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य। 

   मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री आलोक कुमार सिंह,

                             विद्वान अधिवक्‍ता।  

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     : श्री एस0पी0 पाण्‍डेय,

                             विद्वान अधिवक्‍ता।        

                    

दिनांक:- 15.05.2024

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

           परिवाद सं0- 18/2012 पुष्‍पा देवी बनाम नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व 02 अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मीरजापुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 16.12.2013 के विरुद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

           विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश के माध्‍यम से परिवाद एकपक्षीय रूप से आंशिक तौर पर स्‍वीकार करते हुये निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है:-

           ‘’परिवाद एकपक्षीय रूप से आंशिक तौर पर स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदिष्‍ट किया जाता है कि वह परिवादिनी को 5,00,000/-रू0 की धनराशि तथा उस पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि 6.1.12 से अदायगी की तिथि तक 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज तथा 1500/-रू0 वाद व्‍यय के रूप में अदा कर दें। उक्‍त अदायगी इस निर्णय की ति‍थि से 45 दिन के अन्‍दर किया जाना सुनिश्चित किया जाय।‘’

           प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी का परिवाद पत्र में संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि उसके पति मंगलाप्रसाद ने नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से अपना बीमा गोल्डेन मल्टी सर्विसेज कलब लि0 में दि0 08.11.2004 को कराया था जिसका पॉलिसी नं0- 100300/42/04/82/30119 है जो दि0 08.11.2004 से 07.11.2014 के मध्य रात्रि तक के लिये वैध थी। मंगला प्रसाद की मृत्‍यु दुर्घटना में दि0 08.07.2010 को हो गई। प्रत्‍यर्थी/परिवादनी उक्त पॉलिसी बाण्ड में बतौर नामिनी है और पॉलिसी की धनराशि 5,00,000/-रू0 पाने की अधिकारिणी है। दि0 25.10.2010, 11.02.2011 के पत्र में माध्यम से जिन कागजातों की मांग प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी से की गई, उसे प्रत्‍यर्थी/परिवादनी ने दि0 22.07.2011, 12.10.2010, तथा दि0 16.03.2011 को अपीलार्थी/विपक्षीगण के कार्यालय को प्राप्त करा दिया। प्रत्‍यर्थी/परिवादनी ने दावे के रूप में रूपया प्राप्त करने के लिये अपीलार्थी/विपक्षी को नोटिस दि0 05.09.2011 को दिया जिसके जबाब में परिवाद के विपक्षी सं0- 1 ने दि0 12.09.2011 को यह जानकारी दिया कि उक्त पॉलिसी से परिवाद के विपक्षी सं0- 1 की कोई जिम्मेदारी नहीं है। परिवाद के विपक्षी सं0- 2 द्वारा मांगे गये कागजातों को भी उपलब्ध कराया गया, परन्तु कोई भुगतान नहीं किया गया, जिससे व्‍यथित होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादनी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

           अपीलार्थी/विपक्षीगण को नोटिस जारी की गई, परन्तु तामीला पर्याप्त होने के बावजूद अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया। सुनवाई के समय भी कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरुद्ध एकपक्षीय रूप से सुनवाई की गई।

           हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक कुमार सिंह तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0पी0 पाण्‍डेय को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परीक्षण व परिशीलन किया।

           अभिलेखों के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि अपीलार्थी/विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वरा पत्र दिनांकित 24.06.2011 में कतिपय दस्‍तावेजों की मांग की थी, जिनमें प्रथम सूचना रिपोर्ट, राशन कार्ड तथा फाइनल पुलिस रिपोर्ट इत्‍यादि अन्‍य दस्‍तावेजों की मांग की गई थी जिनके न दिये जाने पर प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को कारण बताओ नोटिस दिया है कि क्‍यों न इस आधार पर उनका बीमे का क्‍लेम निरस्‍त किया जाये। प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी ने अपने शपथ पत्र के साथ बीमे का प्रमाण पत्र, प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट आदि प्रस्‍तुत की है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने यह भी निर्णीत किया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी के पति मंगला प्रसाद ने ग्रुप पर्सनल एक्‍सीडेंट पालिसी नं0- 100300/42/4/8200012 ली थी जिसमें प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी नामिनी थी तथा बीमाधारक मंगला प्रसाद की मृत्‍यु बीमा अवधि के दौरान दुर्घटना में हो गई जिस पर दोनों पक्षों द्वारा कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई है। इस प्रकार पालिसी को देय मानते हुये विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को 5,00,000/-रू0 की अदायगी ब्‍याज सहित दिलवायी है। अत: प्रश्‍नगत निर्णय एवं अभिलेखों से स्‍पष्‍ट है कि यह धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को देय प्रतीत होती है। अत: इस बिन्‍दु पर प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश में हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं प्रतीत होती है।     

           अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अन्‍य तर्कों के साथ-साथ यह भी कथन किया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, जो अत्‍यधिक है।

           पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश साक्ष्‍य पर आधारित है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है, परन्‍तु प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को देय राशि पर ब्‍याज 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक अत्‍यधिक उच्‍च दर से लगाया गया है। अत: ब्‍याज दर 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से सुनिश्चित किया जाना विधिसम्‍मत है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।           

आदेश

           अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 16.12.2013 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी को देय राशि पर ब्‍याज 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक के स्‍थान पर ब्‍याज 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से देय होगी। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।   

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।

           आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।   

 

  (सुधा उपाध्‍याय)                               (विकास सक्‍सेना)

      सदस्‍य                                       सदस्‍य

    

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 3

 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.