Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/819/2008

Sai Construction - Complainant(s)

Versus

Pushp Honda - Opp.Party(s)

23 Mar 2017

ORDER

 
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
 
   अध्यासीनः   डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
 
                
 
 
उपभोक्ता वाद संख्या-819/2008
मेसर्स सांई कान्सट्रक्षन स्थित कार्यालय मकान नं0-710-711 ई.डब्लू.एस.बर्रा-2 थाना बर्रा व पोस्ट बर्रा-2, जिला कानपुर नगर द्वारा पार्टनर प्रदीप कुमार द्विवेदी, निवासी 710-711 ई.डब्लू.एस. बर्रा-2, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1. पुष्प हाण्डा स्मार्ट कार प्रा0लि0 स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया चौराहा दादा नगर, जनपद कानपुर नगर।
2. एच0डी0एफ0सी0 चुव्व जी0आई0सी0 लि0 पता-7/136, पार्ट-डी राज कमलबिला प्रथम तल, स्वरूप नगर, कानपुर नगर।
                           ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 11.09.2008
निर्णय तिथिः 14.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.   परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी सं0-2 से रू0 10,00,000.00 क्षतिपूर्ति दिलायी जाये एवं परिवादी की कार 15 दिन में ठीक कराकर परिवादी को विपक्षी सं0-2 से प्राप्त करायी जाये, एवं अन्य उचित उपषम दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी सांई कान्सट्रक्षन द्वारा पार्टनर प्रदीप कुमार द्विवेदी वाहन सं0- यू0पी0-78 ए0जेड0-7075 हाण्डा सिटी जी0एक्स0 आई0 इंजन संख्या- 30058000 व चेचिस नं0-231335 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी की उपरोक्त कार दिनांक 24.08.08 तक विपक्षी सं0-2 के यहां से बीमित है। परिवादी की उपरोक्त कार का एक्सीडेंट दिनांक 14.08.08 को हो गया था। उक्त क्षतिग्रस्त कार को दिनांक 14.08.08 को ही विपक्षी सं0-1 की हाण्डा सर्विस चेक सीट में जमा कर दिया था। विपक्षी सं0-2 बीमा कंपनी के सर्वेयर मिस्टर खण्डूजा के कहने पर परिवादी की कार का परिवादी की 
.........2
...2...
 
अनुपस्थिति में इंजन खोला गया था। मिस्टर खण्डूजा ने कहा कि एक माह के अंदर क्लेम पास होकर मिल जायेगा। क्लेम पास हो गया है। विपक्षी सं0-2 ने दिनांक 09.09.08 को करीब एक माह बाद बताया कि क्लेम नहीं बनता है, इंजन का क्लेम नहीं मिल सकता। विपक्षी सं0-2 की लापरवाही के कारण परिवादी की उपरोक्त कार विपक्षी सं0-1 के यहां खड़ी रहने के कारण परिवादी को अपने व्यवसाय हेतु एक कार किराये पर लेनी पड़ी तथा विपक्षी सं0-2 द्वारा कार ठीक न कराने के कारण परिवादी के व्यवसाय में रू0 10,00,000.00 की क्षति कारित हुई है। विपक्षी सं0-2 की ओर से जानबूझकर की गयी लापरवाही की गयी है। पहले क्लेम पास हो गया है, एक माह के अंदर मिल जायेगा, कथन किया गया वाद में दिनांक 09.09.08 को अचानक बताया गया कि क्लेम नहीं मिल सकता है। परिवादी की कार दिनांक 14.08.08 से विपक्षी सं0-1 के यहां खड़ी हुई। परिवादी की मार्केट में व समाज में प्रतिश्ठा व साख गिरी है तथा विपक्षी की लापरवाही व उनकी बेईमानी के कारण परिवादी का रू0 9,40,000.00 व कार का किराया करीब रू0 60,000.00 कुल रू0 10,00,000.00 का नुकसान हुआ है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, मात्र यह कहा गया है कि उसके यहां कथित वाहन खड़ा है। जिसका पूर्ण रूप से दायित्व विपक्षी सं0-2 पर निर्धारित किया गया है। इस प्रकार दावा वादी विपक्षी सं0-1 से सम्बन्धित नहीं है और न ही उसके प्रति कोई उपषम याचित किया गया है।
4. विपक्षी सं0-2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित कतिपय तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षी उत्तरदाता की ओर से सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। विपक्षी कंपनी द्वारा श्री जी.बी.एस. खण्डूजा को सर्वेयर के रूप में नियुक्त किया गया।  विपक्षी उत्तरदाता के 
.........3
...3...
 
सर्वेयर द्वारा रू0 9444.00 की क्षति अपनी रिपोर्ट में बतायी गयी, जो नियमानुसार सही है। बीमित व्यक्ति को विपक्षी बीमा कंपनी को प्रष्नगत वाहन के मरम्मत के लिए अथवा सर्वेयर को मरम्मत प्रारम्भ करने के लिए सहमति देनी चाहिए, जो कि परिवादी द्वारा नहीं दी गयी। विपक्षी बीमा कंपनी के सर्वेयर द्वारा पत्र दिनांकित 04.09.08 परिवादी को भेजा गया। इसके बावजूद परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन की मरम्मत सर्वेयर रिपोर्ट के अनुसार प्रारम्भ करने के लिए सर्वेयर को अपनी सहमति नहीं दी गयी। तदोपरान्त कंपनी द्वारा एक पत्र परिवादी को दिनांक 20.03.09 लिखते हुए यह अवगत कराया गया कि परिवादी के द्वारा उपरोक्त सहमति न देने के कारण परिवादी की पत्रावली बंद कर दी गयी है। परिवादी का क्लेम उपरोक्तानुसार नोक्लेम कर दिया गया। परिवादी का यह कथन असत्य है कि परिवादी की अनुपस्थिति में प्रष्नगत वाहन का इंजन खोला गया अथवा सर्वेयर द्वारा प्रष्नगत क्लेम के अनुमोदन से सम्बन्धित कोई सूचना दी गयी। परिवादी को किसी भी प्रकार की क्षति के लिए विपक्षी उत्तरदायी नहीं है। परिवाद सव्यय खारिज किया जाये।
5. परिवादी की ओर से जवाबुल जवाब प्रस्तुत करके, विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों, का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और स्वयं के द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों की पुनः पुश्टि की गयी है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में प्रदीप कुमार द्विवेदी का षपथपत्र दिनांकित 25.11.09, 02.12.10, 10.05.11 एवं 12.12.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के साथ संलग्न कागज 1/1 लगायत् 1/11 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-2 ने अपने कथन के समर्थन में नवीन टण्डन का षपथपत्र दिनांकित 04.10.10 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-2/1 लगायत् 2/2 व सूची कागज सं0-3 के साथ संलग्न कागज 3/1 लगायत् 3/7 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
.........4
...4...
 
निष्कर्श
8. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं उभयपक्षों द्वारा प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-6 व 7 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 से अनुतोश याचित किया गया है। विपक्षी सं0-2 के सर्वेयर पर यह आरोप लगाया गया है कि विपक्षी सं0-2 के सर्वेयर मिस्टर खण्डूजा के द्वारा परिवादी को पहले यह बताया गया कि उसका क्लेम पास हो गया और फिर दिनांक 09.09.08 को करीब एक माह बाद यह बताया गया कि परिवादी का क्लेम नहीं बनता है। इंजन का क्लेम नहीं बनता है। इस प्रकार परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 की  लापरवाही बतायी गयी है। विपक्षी सं0-2 की ओर से यह कथन किया गया है कि विपक्षी के सर्वेयर द्वारा रू0 9444.00 की क्षति अपनी रिपोर्ट में बतायी गयी है। बीमित व्यक्ति को विपक्षी बीमा कंपनी को प्रष्नगत वाहन की मरम्मत के लिए सहमति देनी चाहिए, जो कि परिवादी द्वारा नहीं दी गयी। जबकि विपक्षी के द्वारा पत्र दिनांकित 04.09.08 भेजा गया है। तदोपरान्त कंपनी द्वारा दिनांक 20.03.09 को परिवादी को यह अवगत कराया गया कि उसकी ओर से सहमति न देने के कारण परिवादी की पत्रावली बन्द कर दी गयी और क्लेम, नोक्लेम कर दिया गया। विपक्षी द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रष्नगत वाहन का इंजन परिवादी की उपस्थिति में खोला गया अथवा सर्वेयर प्रष्नगत क्लेम के अनुमोदन से सम्बन्धित कोई सूचना दी गयी।
उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-2 के सर्वेयर 
..............5
...5...
 
के प्रति लगाये गये आरोपों के सम्बन्ध में कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। विधि का यह प्रतिपादित सिद्धांत है कि जिन तथ्यों को अन्य प्रलेखीय साक्ष्यों से साबित किया जाना हो, उन तथ्यों को मात्र षपथपत्रीय साक्ष्य के आधार पर प्रमाणित नहीं माना जायेगा।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियो में यह सिद्ध होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के सर्वेयर के प्रति लगाया गया आरोप साबित नहीं किया जा सका। विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी के विरूद्ध यह आरोप लगाया गया है कि नियमानुसार परिवादी की सहमति के बिना वाहन की मरम्मत नहीं करायी जा सकती। विपक्षी सं0-2 के सर्वेयर द्वारा परिवादी की सहमति प्राप्त करने के लिए दिनांक 04.09.08 को पत्र भेजा गया, इसके बावजूद परिवादी द्वारा कोई सहमति नहीं दी गयी। तदोपरान्त परिवादी का क्लेम, नोक्लेम कर दिया गया। विपक्षी सं0-2 के द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में परिवादी को प्रेशित उपरोक्त पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है, जिससे विपक्षी सं0-2 के कथन की पुश्टि होती है। परिवादी द्वारा विपक्षी की ओर से किये गये उपरोक्त कथन व विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्य के विरूद्ध कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
उपरोक्त समस्त तथ्यों, परिस्थितियों से स्पश्ट होता है कि चूॅकि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध कोई अनुतोश याचित नहीं किया गया है और विपक्षी सं0-1 के द्वारा भी जवाब दावा प्रस्तुत करके, मात्र यह कहा गया है कि परिवादी का वाहन उसके सर्विस सेंटर में खड़ा है। जिससे यह स्पश्ट होता है कि परिवादी के द्वारा प्रष्नगत वाहन वापस प्राप्त करने के लिए कोई अवरोध किसी पक्ष के द्वारा नहीं किया गया हैं परिवादी अपना प्रष्नगत वाहन विपक्षी सं0-1 के सर्विस सेंटर से प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है। परिवादी के परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों से स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत वाहन के इंजन में खराबी है।
विपक्षी सं0-2 द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि उसके सर्वेयर द्वारा रू0 9444.0 की क्षतिपूर्ति आंकलित की गयी है।
...........6
...6...
 
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-2 के सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति रू0 9444.00 प्राप्त करने का अधिकारी है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी सं0-2 परिवादी को, सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षतिपूर्ति रू0 9444.00 अदा करे।
विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत मामले के तथ्यों, परिस्थितियों को दृश्टिगत रखते हुए यह स्पश्ट किया जाता है कि उभयपक्ष अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
 
       ( पुरूशोत्तम सिंह )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
         वरि0सदस्य                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर।
 
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
 
     ( पुरूशोत्तम सिंह )                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
         वरि0सदस्य                             अध्यक्ष
  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश               जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश       
       फोरम कानपुर नगर                         फोरम कानपुर नगर। 
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.