राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-२०५/२०१८
(जिला मंच, फतेहपुर द्वारा परिवाद सं0-१९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-०९-२०१७ के विरूद्ध)
श्याम सुन्दर पुत्र श्री नन्द किशोर दुबे निवासी ग्राम आशापुर, परगना बिन्दकी जिला फतेहपुर।
............. अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
१. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0, विद्युत नगर, भिखारीपुर, डी0एल0डब्ल्यू वाराणसी द्वारा प्रबन्ध निदेशक।
२. विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय, पटेल नगर, अन्नपूर्णा लाज के पास नगर व जिला फतेहपुर द्वारा अधिशासी अभियन्ता।
............ प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री महेश चन्द, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री मोहन अग्रवाल विद्वान अधिवक्ता के सहयोगी श्री
रमन श्रीवास्तव।
दिनांक :- २६-०४-२०१८.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज पत्रावली प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर0के0 गुप्ता तथा प्रत्यर्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री मोहन अग्रवाल के सहयोगी श्री रमन श्रीवास्तव उपस्थित हैं। उभय पक्ष के अधिवक्तागण को सुना गया।
अपील समयावधि के अन्दर योजित नहीं की गई है।
अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। प्रार्थना पत्र के समर्थन में अपीलार्थी का शपथ पत्र संलग्न किया है। प्रत्यर्थीगण की ओर से विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की
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गई। अपीलार्थी द्वारा अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने का प्रस्तुत कारण पर्याप्त पाते हुए अपील के प्रस्तुतीकरण में हुआ विलम्ब क्षमा किया जाता है।
अपील सुनवाई हेतु अंगीकृत किए जाने योग्य है। अपील सुनवाई हेतु अंगीकृत की जाती है।
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, फतेहपुर द्वारा परिवाद सं0-१९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-०९-२०१७ के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत आदेश के अवलोकन से यह विदित होता है कि परिवादी की अनुपस्थिति में परिवाद निरस्त किया गया है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी की आयु लगभग ८४ वर्ष है। ऑंखों की रोशनी में कमी हो जाने के कारण आने-जाने में परेशानी होती है। अधिवक्ता के इस आश्वासन पर कि प्रत्येक तिथि पर उन्हें आने की आवश्यकता नहीं है वह स्वयं पैरवी करते रहेंगे, परिवादी द्वारा विश्वास किया गया किन्तु अधिवक्ता द्वारा नियत तिथि पर उपस्थित न हो पाने के कारण परिवाद निरस्त कर दिया गया। अधिवक्ता अपीलार्थी ने परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किए जाने का अनुरोध किया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई आपत्ति नहीं की गई।
मामले की परिस्थितियों को देखते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किया जाना न्यायोचित होगा। अधिवक्ता अपीलार्थी/परिवादी द्वारा सूचित किया गया कि प्रस्तुत प्रकरण में प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है। ऐसी परिस्थिति में परिवाद गुणदोष के आधार पर निस्तारण हेतु सम्बन्धित जिला मंच को प्रतिप्रेषित किया जाना न्यायोचित होगा। अपील तद्नुसार स्वीकार किए जाने योग्य है तथा जिला मंच का प्रश्नगत आदेश अपास्त करते हुए प्रकरण जिला मंच को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, फतेहपुर द्वारा परिवाद सं0-१९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ११-०९-२०१७ अपास्त करते हुए प्रकरण जिला
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मंच फतेहपुर को इस निर्देश्ा के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि प्रश्नगत परिवाद मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए पक्षकारों को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुणदोष के आधार पर यथाशीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें। पक्षकारों को निर्देशित किया जाता है कि वे दिनांक २६-०७-२०१८ को विद्वान जिला मंच के समक्ष उपस्थित हों।
उभय पक्ष इस अपील का व्यय-भार स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(महेश चन्द)
सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-१.