मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता आयोग, फतेहपुर द्वारा परिवाद संख्या 83 सन 2015 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.02.2021 के विरूद्ध)
अपील संख्या 215 सन 2021
विजय शंकर शुक्ला पुत्र स्व0 श्री रूप किशोर, ग्राम रेवाडीखुर्द, पोस्ट रेवाडी बुजुर्ग, तहसील बिन्दकी जिला फतेहपुर ।
.......अपीलार्थी/परिवादी
-बनाम-
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 विद्युत नगर, डी0एल0डब्लू भिखारीपुर, वाराणसी, द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं तीन अन्य ।
. .........प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष:-
मा 0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य ।
मा0 श्री विकास सक्सेना सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री विनीत सहाय बिसारिया।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - कोई नहीं ।
दिनांक:- 30.06.2021
मा 0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री विनीत सहाय बिसारिया को सुना गया।
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता आयोग, फतेहपुर द्वारा परिवाद संख्या 83 सन 2015 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.02.2021 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है ।
दिनांक 18.02.2021 को परिवाद संख्या 83 सन 2015 जिला आयोग, फतेहपुर द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति की दशा में एक पक्षीय रूप से खारिज कर दिया गया। विद्वान जिला फोरम द्वारा यह संज्ञान में लिया गया कि निश्चित तिथि दिनांक 18.02.2021 को परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं था और न ही कोई प्रार्थना पत्र परिवाद के स्थगन हेतु प्रस्तुत किया गया। इस तथ्य को भी दृष्टिगत रखा गया कि परिवादी की विद्युत लाइन विपक्षी बिजली कम्पनी द्वारा जोड़ दी गयी है तथा विद्युत आपूर्ति प्रारम्भ कर दी गयी है, अतएव् जिला आयोग को यह आभाष हुआ कि परिवादी की भाविष्य में मुकदमे में अब कोई रूचि नही है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायपीठ का ध्यान परिवाद संख्या 83 सन 2015 के आदेश फलकों, जो कि पृष्ठ संख्या 12 से पृष्ठ संख्या 20 तक सल्गन हैं, की ओर आकर्षित किया तथा यह कथन किया कि लगभग प्रत्येक तिथि पर अपीलार्थी की ओर से उपस्थिति दर्ज करायी गयी तथा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी बात कही गयी।
हमारे द्वारा पत्रावली का सम्यक परीक्षण किया गया तथा आदेश दिनांकित 18.02.2021 को देखा गया साथ ही पत्रावली पर उपलब्ध द्वारा परिवाद संख्या 83 सन 2015 के समस्त आदेश फलकों को देखा गया तथा यह पाया गया कि विद्वान अधिवक्ता के कथन में बल है तथा यहकि पूर्व की अनेकों तिथियों पर अपीलार्थी की ओर से उनके अधिवक्ता उपस्थित होते रहे हैं । उक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए न्याय हित में यह समीचीन होगा कि प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग फतेहपुर को परिवाद संख्या 83 सन 2015 को गुण-दोष के आधार पर निर्णीत करने हेतु प्रति-प्रेषित किया जाए ।
अतएव् जिला उपभोक्ता आयोग, फतेहपुर द्वारा पारित निर्णय दिनांकित 18.02.2021 निरस्त किया जाता है एवं जिला आयोग को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवाद संख्या 83 सन 2015 को छह माह की अवधि में अन्तिम रूप से निर्णीत करे।
अपीलार्थी द्वारा जिला आयोग के सम्मुख बिना किसी उपयुक्त वजह के कोई भी स्थगन नहीं लिया जावेगा अन्यथा की स्थिति में यदि वह स्थगन लेते हैं तो जिला आयोग वाद स्थगित करने के आदेश में सम्पूर्ण विवरण अंकित करते हुए एक हजार रू0 हर्जाना लगा सकते हैं।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)