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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 15 सन् 2007
प्रस्तुति दिनांक 17.01.2007
निर्णय दिनांक 08.08.2019
साकरमल पुत्र रामजीलाल मल उर्फ जैयश्रीलाल, मुहल्ला- बाजबहादुर (बरईटोला) पोस्ट- सदर, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जरिये अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड- प्रथम, आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह घरेलू विद्युत लाईट का उपभोक्ता है, जिसका कनेक्शन नम्बर 0727/395000 है। उसे गलत बिल भेजी जा रही थी। परिवादी द्वारा अनुरोध करने पर बकाया बिल का हिसाब करने के पश्चात् समायोजित किया गया। उसने दिनांक 31.12.2004 को 3030/- रुपये जमा कर दिया। विद्युत मीटर खराब होने के कारण सही रीडिंग नहीं दे रहा था जिसकी सूचना विपक्षी के कार्यालय में दिया और गलत रीडिंग को ठीक करने और पिछला बकाया निरस्त करने हेतु आवेदन दिया। परिवादी का पुराना इलेक्ट्रानिक मीटर दिनांक 18.02.2006 को कार्यालय द्वारा बदलकर नया मीटर कनेक्ट किया गया उस समय पुराने मीटर की रीडिंग 2179 थी एवं नया मीटिर कनेक्ट करते समय नए मीटर की रीडिंग 16.2 थी। विपक्षी द्वारा पुराने मीटर के पिछली व वर्तमान रीडिंग के आधार पर बिल संख्या 1503661 प्रेषित की गयी तो परिवादी विपक्षी के कार्यालय गया तो पुराने मीटर की पिछली रीडिंग 004356 और वर्तमान रीडिंग 004421 को निरस्त करने को कहा तो विपक्षी ने कहा कि पुराने मीटर की रीडिंग नया मीटर कनेक्ट करते समय समय 2179 थी तो विपक्षी ने कहा कि अगली बिल नये मीटर की रीडिंग के आधार पर प्रेषित की जाएगी। विपक्षी द्वारा नए मीटर के रीडिंग के आधार पर बिल प्रेषित नहीं की गयी तब परिवादी दिनांक 09.08.2005 के अधिशासी अभियन्ता आजमगढ़ और महाप्रबन्धक विद्युत तथा सहायक अभियन्ता सदर को रजिस्ट्री प्रार्थना पत्र दिया कोई कार्यवाही नहीं हुई। परिवादी ने दिनांक 17.04.2006 को विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया कि उसका मीटर चल रहा है। जबकि मीटर रीडिंग नहीं आती है एवं रीडिंग एन.आर. लिख करके बिल प्रेषित की गयी। उस समय रीडिंग 193 यूनिट थी। जिस पर एस.डी.ओ. सदर को मीटर चेक करने हेतु निर्देशित किया गया। P.T.O.
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सहायक अभियन्ता दो माह पश्चात् दिनांक 18.06.2006 को मीटर चेक किया गया। मीटर चालू हालत में पाया गया। मीटर की सील सही थी एवं यूनिट 300 पाया गया। लेकिन विपक्षी ने पुनः दिनांक 20.07.2006 उपभोग अवधि 22.04.2006 से 22.06.2006 पुराने मीटर की पिछली रीडिंग 4421 वर्तमान रीडिंग 320 एवं बिल तिथि 20.04.2006 उपभोग अवधि 22.06.2006 से 22.08.2006 पुराने मीटर की पिछली रीडिंग 4421 वर्तमान रीडिंग एन.आर. यूनिट 320 मुo 10849/- रुपया 42 पैसे का फर्जी बिल प्रेषित कर दिया। परिवादी ने 22.08.2006 को मुo 1,000/- रुपया दिनांक 17.10.2006 को मुo 3,000/- रुपया जमा किया, लेकिन परिवादी को पुनः 11,227/- रुपये की फर्जी बिल प्रेषित की गयी। परिवादी ने पुराने मीटर की रीडिंग को निरस्त कर नए मीटर की रीडिंग औसत के आधार पर रीडिंग समायोजित करने के लिए कहा और दिनांक 27.12.2006 को नए मीटर की रीडिंग 1149 यूनिट थी तो विपक्षी समायोजित करने व पुराने मीटर की रीडिंग निरस्त करने से इन्कार कर दिया और धमकी दिया कि सम्पूर्ण बिल जमा कर दें नहीं तो आर.सी. जारी कर दी जाएगी। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को प्रेषित पुराने मीटिर की रीडिंग की बिलों की यूनिट मुo 11227/- रुपये की बिल निरस्त किया जाए। पुराने मीटर रीडिंग पर प्रेषित बिल पर जमा धनराशि को नए मीटर रीडिंग की यूनिट को औसत के आधार पर समायोजित करें और 25,000/- रुपया की क्षतिपूर्ति दें।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने जमा रसीद 3,000/- व 1,000/- रुपये की दो किश्तों में, 11,227/- की बिल, पुराने मीटर को बदलने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी ने उसके यहाँ से 0727/395000 नम्बर पर लाइट एण्ड घरेलू कनेक्शन प्राप्त किया था। विपक्षी ने अपने सर्विस में कोई कमी नहीं किया। मीटर रीडर द्वारा मीटर रीडिंग में कोई गलत रीडिंग करके मीटर रीडिंग का बिल पेश नहीं किया गया है। परिवादी ने समायोजन हेतु कभी भी कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के समय कोई उपस्थित नहीं था। अतः स्वयं पत्रावली का अवलोकन तथा निरीक्षण किया। परिवादी अपने परिवाद पत्र में कहा है कि उसने विपक्षी के यहाँ आवेदन पत्र दिया था। लेकिन उसके सन्दर्भ में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। हमारे विचार से इस परिवाद का निस्तारण
P.T.O.
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उभय पक्षों के सहमति के आधार पर किया जाना आवश्यक है।
आदेश
परिवादी को आदेशित किया जाता है कि वह पुराने मीटर की सीलिंग सर्टिफिकेट एवं आखिरी बिल व जमा रसीद के साथ विपक्षी से सम्पर्क कर हिसाब-किताब करा लेवें और विपक्षी परिवादी का मीटर रीडिंग बिल के आधार पर बिल निर्गत करें और भुगतान करें।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 08.08.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)