Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/123/2017

RISHIKESH YADAV - Complainant(s)

Versus

PURVANCHAL ELEC. - Opp.Party(s)

SHUBH KARAN SINGH

10 Oct 2019

ORDER

 

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 123 सन् 2017

प्रस्तुति दिनांक 11.08.2017

                                                                                           निर्णय दिनांक  10.10.2019    

हरिकेश यादव पुत्र हीरामन यादव, ग्राम व पोस्ट- नेवादा, तहसील- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

विद्युत वितरण खण्ड- द्वितीय आजमगढ़ द्वारा अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय आजमगढ़।

  •  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह अपनी रोजी-रोटी के लिए स्वतः रोजगार योजना हेतु दिनांक 31.10.2004 को आटा चक्की चलाने हेतु कनेक्शन लिया था और बराबर विद्युत बिल देता रहा, लेकिन सन् 2011 में उसका एक्सीडेन्ट हो गया और वह विकलांग हो गया। 2011 को उसने स्थाई विच्छेदन हेतु विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया और विपक्षी ने दिनांक 06.07.2017 को 15,966/- रुपये जमा करवा लिया। परिवादी के ऊपर कोई बकाया नहीं है। विपक्षी की तरफ से परिवादी को धमकी मिल रही है कि उसको अभी लगभग 1,00,000/- रुपया जमा करना है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी के कनेक्शन नम्बर 0202/063082 की आर.सी. न भेजी जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

परिवादी द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य में 6/1 विद्युत कनेक्शन विच्छेदन करने का प्रमाण पत्र तथा 6/2 विद्युत बिल जमा करने की रसीद प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और अतिरिक्त कथन में कहा गया है उसका विद्युत कनेक्शन संक्या 0202/063082 व्यावसायिक कनेक्शन है। जिसके द्वारा वह आटा-चक्की चलाकर भरपूर आमदनी अर्जित करता है तथा अपने व्यवसाय में व्यस्त रहने के कारण विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया है। याची को बराबर विद्युत बिल भेजी जाती रही है। याची द्वारा विद्युत बिल न जमा                                                          P.T.O. 

 

 

 

2

करने पर बिल माह दर माह बढ़ गया। परिवादी से जायज बिल बकाया की वसूली की जा रही है। परिवादी का परिवाद कनेक्शन से सम्बन्धित है जो माननीय फोरम के अन्तर्गत सुनवाई का क्षेत्राधिकार से बाहर है। अतः मुकदमा कानूनन पोषणीय नहीं है। अतः खारिज किया जाए।

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ दाखिल नहीं किया गया है।

विपक्षी की अनुपस्थिति में परिवादी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवाद स्वीकार होने योग्य है।

आदेश

परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी विद्युत विभाग को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी से वसूली न करे।

 

 

 

 

                                                      राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                              (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

                                 दिनांक 10.10.2019

                                                         यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                                      राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                          (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

 

 

 

 

 

 

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