जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 137 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 02.11.2018
निर्णय दिनांक 18.06.2021
ज्वाला यादव पुत्र लालसा यादव ग्राम- फरहाबाद नई सड़क निजामाबाद, पोस्ट व थाना- निजामाबाद, तहसील- निजामाबाद, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
- विद्युत वितरण खण्ड तृतीय सिधारी आजमगढ़ द्वारा अधिशासी अभियन्ता।
- मनोज वर्मा एसoडीoओo विद्युत वितरण खण्ड तृतीय निजामाबाद आजमगढ़।
- प्रवीण कुमार अवर अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड तृतीय निजामाबाद जिला आजमगढ़।
-
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह स्वरोजगार हेतु कपड़े की दुकान नई सड़क निजामाबाद में खोला है। जिसके लिए बल्ब व फैन के लिए 2 किलोवाट का कनेक्शन लिया था। जो भी बिल आता वह उसका भुगतान करता रहा। इधर लगभग पांच-छः माह से विपक्षीगण संख्या 02 व 03 परिवादी की दुकान की दुकान पर आया करते थे और परिवादी से धन उगाही की मांग करते थे। अगस्त 2018 तक 2 किलोवाट का उसने भुगतान किया। माह सितम्बर व अक्टूबर 2018 की बिल 4 किलोवाट की आई। उसे विपक्षी संख्या 02 व 03 ने कोई भी सूचना नहीं दिया। बाद में 4 किलोवाट का कनेक्शन लोड करके बिल भेज दिया। उसने जब विपक्षी संख्या 02 व 03 से सम्पर्क किया तो उन्होंने परिवादी से मुo 3000/- रुपए की मांग किया और कहा कि उन्हें अदा कर दें तो बिल ठीक करा दी जाएगी। उसने धन देने से मना कर दिया। परिवादी कई बार दौड़-धूप करता रहा, लेकिन उसकी बात सुनी नहीं गयी। अतः विपक्षीगण को मना किया जाए कि वह परिवादी के कनेक्शन के बाबत 4 किलोवाट लोड की बिल 13246/- रुपया निरस्त करके 2 किलोवाट के आधार पर बिल भेजे तथा मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षति हेतु विपक्षीगण से 50,000/- रुपए दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया
गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 विद्युत बिल की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3 भुगतान की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 12क विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने यह कहा है कि परिवादी ने दुकान के लिए 2 किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लिया था। परिवादी बिल का भुगतान समय से नहीं करता था और बिल माह दर माह बढ़ता रहा और बढ़कर भारी रकम हो गया। परिवादी का व्यवसाय बढ़ने के कारण परिसर का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 6 माह पूर्व विद्युत का अधिक उपभोग करने के कारण उसका विद्युत कनेक्शन 4 किलोवाट का पाया गया। बाद में माह सितम्बर 2018, अगस्त, 2018 तथा नवम्बर, 2018 में डिमाण्ड रिकार्ड 3 किलोवाट होने पर उपभोक्ता का भार परिवर्तित करके दिनांक 26.12.2018 को उसका कनेक्शन 4 किलोवाट से 3 किलोवाट का कर दिया गया। परिवादी के शिकायत का निराकरण कर दिया गया है। परिवादी अपने बिल का भुगतान 3 किलोवाट के आधार पर कर सकता है। अतः परिवाद पत्र निरस्त किया जाए।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 14ग विभागीय अधिवक्ता द्वारा इस बात का प्रलेख प्रस्तुत किया है कि उसका कनेक्शन 4 किलोवाट का कर दिया गया है। कागज संख्या 14/2 जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण ने अपने जवाबदावा में स्वीकार किया है कि परिवादी का कनेक्शन 2 किलोवाट का था। कागज संख्या 14ग विभागीय अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत प्रपत्र है, जिसमें यह कहा गया है कि उसका कनेक्शन 4 किलोवाट का कर दिया गया है। कागज संख्या 14ग में माह नवम्बर, अक्टूबर व सितम्बर 2018 की रीडिंग प्रस्तुत की गयी है। विपक्षीगण ने अपने जवाबदावा में यह भी कहा है कि पहले परिवादी का कनेक्शन 4 किलोवाट कर दिया गया बाद में उसे परिवर्तित करके उसे 3 किलोवाट का कर दिया गया यदि परिवादी चाहे तो 3 किलोवाट कनेक्शन का बिल जमा कर सकता है। इस प्रकार कागज संख्या 14ग में जो कुछ भी लिखा गया है जवाबदावा में लिखे गए उपरोक्त कथन इसके विरुद्ध हैं क्योंकि इसमें लिखा गया है कि उसका कनेक्शन 4 किलोवाट का कर दिया गया है, लेकिन वह कह रहे हैं कि वह 3 किलोवाट के कनेक्शन का बिल जमा कर सकते हैं। कागज संख्या 6/7 जो बिल की छायाप्रति दाखिल की गयी है वह 4 किलोवाट की बिल है। चूंकि विपक्षीगण ने अपने जवाबदावा में स्वीकार किया है कि परिवादी को 2 किलोवाट का कनेक्शन दिया गया था तो उन्होंने परिवादी को 4 किलोवाट का बिल कैसे भेज दिया इस बात को स्पष्ट करने के लिए उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है।
उपरोक्त विवेचनाओं के आधार पर परिवाद स्वीकार करने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर 30 दिन परिवादी का कनेक्शन सुधार कर उसको 2 किलोवाट का करे और उसी आधार पर उसका बिल भेजे। विपक्षी संख्या 01 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को आर्थिक व मानसिक कष्ट हेतु 5,000/- रुपए (रुo पांच हजार मात्र) भी अदा करे।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 18.06.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)