Uttar Pradesh

Baghpat

CC/7/2021

SURYA PRATAP SINGH S/O SHRI AVADNARAN SINGH - Complainant(s)

Versus

PUNJAB NATIONAL BANK - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR

01 Mar 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बागपत।
उपस्थितः- आर.पी. सिंह अध्यक्ष
  श्रीमती मीनाक्षी जैन महिला सदस्य
राजीव कुमार सामान्य सदस्य
परिवाद संख्याः- 07 सन् 2021
सूर्यप्रताप सिंह पुत्र श्री अवधनारायण सिंह निवासीः बीटा बिल्डिंग प्रथम (प्) तहसील बडौत जनपद बागपत, उ0प्र0।  
  प्रार्थी/परिवादी  
           परिवादी की ओर से- श्री अजय कुमार अधिवक्ता
श्री अशौक चैहान अधिवक्ता
बनाम
01-पंजाब नेशनल बैंक, शाखा बडौत, नगर पालिका कम्पाउण्ड परिसर, बडौत, तहसील बडौत, जनपद बागपत। द्वारा प्रबंधक/मुख्य अधिकारी। विपक्षी/प्रतिवादी
       विपक्षी संख्या 1 की ओर से- श्री अनुज प्रधान अधिवक्ता।
02-पंजाब नेशनल बैंक, (हैड आफिस) प्लाट नं0 4, द्वारका सेक्टर-10, दिल्ली-110075, द्वारा प्रबंधक/मुख्य अधिकारी। विपक्षी/प्रतिवादी
    विपक्षी संख्या 2 की ओर से- श्री अनुज प्रधान अधिवक्ता।
03-पंजाब नेशनल बैंक, सर्किल आफिस, विभूति खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ उत्तर प्रदेश। विपक्षी/प्रतिवादी
परिवाद संस्थित करने की तिथि-29.01.2021 
     अंतिम सुनवाई की तिथि- 28.02.2023
        निर्णय की तिथि- 01.03.2023
आर.पी. सिंह, अध्यक्ष द्वारा
निर्णय
  प्रस्तुत परिवाद-पत्र परिवादी के द्वारा अपने बैंक खाता संख्या 0042000400313258 से भीम ऐप के द्वारा ट्रांसफर की गयी धनराशि अंकन 30,000/-रुपये विपक्षी बैंक द्वारा अभय बिल्डिंग मैटीरियल के बैंक खाता संख्या 719801010050059 में ट्रांसफर न करके विपक्षी बैंक द्वारा सेवा में कमी किये जाने के कारण प्रस्तुत किया गया है।
01- संक्षेप मे परिवादी का कथन इस प्रकार है, कि परिवादी का विपक्षी संख्या 1 के यहां बचत खाता संख्या 0042000400313258 है। परिवादी ने दिनांक 08.05.2020 को अपने उक्त वर्णित बचत खाते में भीम एप से यू.पी.आई. के माध्यम से दिनांक 08.05.2020 को धनराशि अंकन 10,000/-रुपये व अंकन 20,000/-रु अभय बिल्डिंग मैटिरियल के यूनियन बैंक शाखा गुलजार गंज टिकरी (जौनपुर) के खाता संख्या 10150059, आई.एफ.सी. कोड- यू.बी.आई.एन. 0571989 में ट्रांसफर किये थे। उक्त धनराशि अंकन 30,000/-रुपये विपक्षीगण द्वारा परिवादी के उक्त बैक खाता से उसी समय काट ली गयी, परन्तु अभय बिल्डिंग मैटिरियल को रिसीव नही हुई। परिवादी ने उक्त के संबंध में विपक्षी संख्या 1 से कई बार मिला तथा अवगत कराया, परन्तु कोई समाधान विपक्षीगण द्वारा नही किया गया। इसके पश्चात परिवादी ने एक प्रार्थना पत्र दिनांक 26.05.2020 को उक्त के संबंध में विपक्षी संख्या 1 को रिसीव कराया, परन्तु तब भी विपक्षीगण ने इस संबंध में कोई कार्यवाही नही की गयी। इसके बाद परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से रजिस्टर्ड नोटिस दिनांकित 24.12.2020 भी प्रेषित कराया, जिसके जवाब में विपक्षी संख्या 1 द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से रजि0 नोटिस दिनांकित 05.01.2021 परिवादी को प्रेषित किया, जिसमें विपक्षी संख्या 1 द्वारा यह तो स्वीकार किया गया, कि उक्त धनराशि अंकन 30,000/-रुपये परिवादी के खाते से काटे गये है, परन्तु यह कहीं कथन नही किया गया, कि परिवादी का भीम एप में अंकित किया गया खाता अपूर्ण व गलत था, जिस कारण उक्त धनराशि किसी खाते में ट्रांसफर नही हो सकती थी। परिवादी की उक्त काटी गयी धनराशि अभय बिल्डिंग मैटिरियल को ट्रांसफर भी नही की गयी और न ही परिवादी के खाते में वापस की गयी, जिसके कारण परिवादी को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक उत्पीडन हुआ है। मजबूरन परिवादी को उक्त वाद योजित करना पडा। विपक्षीगण को आदेशित किया जावे, कि वे परिवादी के उपरोक्त वर्णित बैंक खाते से गलत तरीके से काटी गयी धनराशि अंकन 30,000/-रुपये तुरन्त परिवादी के खाते में मय 18 प्रतिशत सालाना ब्याज वापिस कर दे तथा परिवादी को हुई मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रुप में अंकन 3,00,000/-रुपये व अधिवक्ता फीस अंकन 35,000/-रुपये कुल अंकन 3,35,000/-रुपये वाद योजन की तिथि से मय 18 प्रतिशत सालाना ब्याज भी परिवादी को अदा करें। अन्य को प्रतिकार जो मान्य न्यायालय की राय में हितकर परिवादी हो, विरुद्ध विपक्षीगण दिलाया जावे।
विपक्षी सख्ंया 1 व 2 की तरफ से 13ग तथा 17ग जवाबदावा दाखिल करके, जवाबदावा में कथन किया है, कि परिवाद पत्र की धारा 1 ता 5 जिस प्रकार तहरीर की गयी है स्वीकार नही है। परिवादी पत्र की धारा 6 कानूनी है, जिसे स्वीकार या अस्वीकार करने की आवश्यकता नही है। परिवाद पत्र की धारा 7 अस्वीकार है। प्रतिवाद पत्र के विशेष कथन में कहा है, कि परिवादी ने जो परिवाद पत्र मान्य न्यायालय में प्रतिवादी संख्या 1 के विरुद्ध दायर किया है वह असत्य कथनों के आधार पर विधि विरुद्ध योजित किया है जो स्वीकार नही है तथा खण्डित होने योग्य है। परिवादी का एक बचत खाता, जो वादपत्र में अंकित किया गया है प्रतिवादी संख्या 1 की शाखा में है। परिवादी ने वादपत्र में अभय बिल्डिंग मैटीरियल का खाता संख्या 10150059 अंकित किया है वह वाद दायर करते समय में भी गलत तहरीर किया गया है, जिससे स्पष्ट है, कि वादी द्वारा स्वयं ही गलत खाते में कुल धनराशि 30,000/-रुपये को ट्रान्सफर किया गया है। इसी कारण जो गलती की गयी है, वह वादी ने की है विपक्षी संख्या 1 ने नही की है। वादी द्वारा जो नोटिस दिनांकित 24.12.2020 विपक्षी संख्या 1 को दिया गया है, उससे भी उपरोक्ता बातें तहरीर की गयी है। वादी द्वारा अपने बचत खाते में भीम ऐप से यू.पी.आई. माध्यम से दिनांक 08.05.2020 को अंकन 10,000/-रुपये तथा अंकन 20,000/-रुपये कुल धनराशि अंकन 30,000/-रुपये स्वयं स्थानान्तरित की गयी है। इसमें विपक्षी संख्या 1 का कोई कार्य नही है और ना ही कोई सेवा में कमी की गयी है। परिवादी द्वारा यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया शाखा गुलजार गंज टिकारी जिला जौनपुर को आवश्यक पक्षकार नही बनाया गया, जिस कारण वाद में दोष है तथा वादी द्वारा मैसर्स अभय बिल्डिंग मैटीरियल गुलजार गंज जिला जौनपुर को भी आवश्यक पक्षकार नही बनाया है। वादी द्वारा कागजात दिनांकित 18.03.2021 द्वारा मैसर्स अभय बिल्डिंग मैटीरियल गुलजार गंज जौनपुर का खाता संख्या 719801010050059 का अकाउन्ट स्टेटमैन्ट दिनांकित 05.10.2020 से 13.01.2021 तक दाखिल किया है जिसमें सही खाता अंकित किया गया है। वादी किसी भी प्रकार का कोई प्रतिकार विरुद्ध प्रतिवादी संख्या 1 प्राप्त करने का अधिकारी नही है। खाते से धनराशि यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया में यू पी आई पूल एकाउन्ट में चली गयी है, जिसके संबंध में पत्राचार भी किया जा चुका है, लेकिन यूनियन बैंक आॅफ इण्डिया द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है। अतः श्रीमान जी प्रार्थना है, कि उपरोक्त कारणों के आधार पर तथा संलग्न शपथपत्र के आधा पर वादी का परिवाद विरुद्ध प्रतिवादी संख्या 1 सव्यय निरस्त करने की कृपा करें।
  विपक्षी संख्या 3 पर्याप्त तामीला के बावजूद भी उपस्थित नही आये, न ही उनके द्वारा जवाबदावा दाखिल किया गया। विपक्षी संख्या 3 के विरुद्ध परिवाद एकपक्षीय रुप से सुना गया।
03- अपने कथन के समर्थन मे परिवादी की तरफ से साक्ष्य में कोई शपथपत्र दाखिल नही किया है तथा सूची 5ग से 5ग/2 वादी के खाते से यू.पी.आई माध्यम से भेजे गये 20,000/-रुपये की आॅनलाईन की प्रति, 5ग/3 वादी के खाते से यू.पी.आई माध्यम से भेजे गये 10,000/-रुपये की आॅनलाईन की प्रति, 5ग/4 ता 5 वादी के अंकाउन्ट की बैंक स्टेटमैन्ट की प्रति, 5ग/6 प्रतिवादी को दिया गया प्रार्थना पत्र दिनांकित 26.05.2020, 5ग/7 30,000/-रुपये ट्रांसफर करने की डिटेल्स बैंक की मोहर सहित, 5ग/8 ता 11 विधिक नोटिस दिनांकित 24.12.2020 मय असल रजि0 रसीद, 5ग/12 ता 13 विधिक नोटिस का जवाब दिनांकित 05.01.2021 मय असल रजि0 रसीद की छायाप्रति दाखिल की है तथा सूची 12ग/1 से 12ग/2 अभय बिल्डिंग मैटीरियल की बैंक अकान्ट की स्टेटमैन्ट दिनांक 05.01.2020 से 13.01.2021 तक की छायाप्रति दाखिल किया है।
  इसके विरुद्ध विपक्षी संख्या 1 व 2 की तरफ से साक्ष्य में 20ग शपथपत्र नरेश कुमार, शाखा प्रबन्धक पंजाब नैशलन बैंक शाखा नगर पालिका परिसर बडौत जनपद बागपत दाखिल किया है तथा शपथ पत्र के साथ संलग्नक के रुप में 20ग/5 ता 7 ई-मेल पर भेजी गयी डिटेल्स की छायाप्रति दाखिल की है।
04- उभयपक्षों की तरफ से कोई लिखित बहस दाखिल की गयी है तथा न ही मौखिक बहस की गयी। पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया गया ।
05- पक्षों के अभिवचनों के आधार पर परिवाद के उचित न्याय निर्णयन हेतु निम्नलिखित निर्धारण बिन्दु विरचित किये जाते हैंः-
01-क्या परिवादी के द्वारा अपने बैंक खाता संख्या 0042000400313258 से भीम ऐप के द्वारा ट्रांसफर की गयी धनराशि अंकन 30,000/-रुपये विपक्षी बैंक द्वारा अभय बिल्डिंग मैटीरियल के बैंक खाता संख्या 719801010050059 में ट्रांसफर न करके विपक्षी बैंक द्वारा सेवा में कमी की गयी?
02-क्या परिवादी विपक्षीगण से किसी अनुतोष को पाने का अधिकारी है?
निर्धारण बिन्दु संख्या 1 का निस्तारण- इस निर्धारण बिन्दु संख्या 1 में तय किया जाना है, कि क्या परिवादी के द्वारा अपने बैंक खाता संख्या 0042000400313258 से भीम ऐप के द्वारा ट्रांसफर की गयी धनराशि अंकन 30,000/-रुपये विपक्षी बैंक द्वारा अभय बिल्डिंग मैटीरियल के बैंक खाता संख्या 719801010050059 में ट्रांसफर न करके विपक्षी बैंक द्वारा सेवा में कमी की गयी? इस संबंध में परिवादी का कथन है, कि परिवादी ने दिनांक 08.05.2020 को अपने उक्त वर्णित बचत खाते में भीम एप से यू.पी.आई. के माध्यम से दिनांक 08.05.2020 को धनराशि अंकन 10,000/-रुपये व अंकन 20,000/-रु अभय बिल्डिंग मैटिरियल के यूनियन बैंक शाखा गुलजार गंज टिकरी (जौनपुर) के खाता संख्या 10150059, आई.एफ.सी. कोड- यू.बी.आई.एन. 0571989 में ट्रांसफर किये थे। उक्त धनराशि अंकन 30,000/-रुपये विपक्षीगण द्वारा परिवादी के उक्त बैक खाता से उसी समय काट ली गयी, परन्तु अभय बिल्डिंग मैटिरियल को रिसीव नही हुई। परिवादी ने उक्त के संबंध में विपक्षी संख्या 1 से कई बार मिला तथा अवगत कराया, परन्तु कोई समाधान विपक्षीगण द्वारा नही किया गया।
  परिवादी अपने परिवाद पर बल देने के लिए दिनांक 20.12.2022 से अनुपस्थित चल रहा है और उसने उपस्थित आकर अपने परिवाद पर कोई बल नही दिया और न ही अपने परिवाद के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया। दिनांक 28.02.2023 को बहस की तिथि को भी परिवादी ने उपस्थित आकर कोई अपना पक्ष प्रस्तुत नही किया। इस प्रकार परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के कथन मेें कोई साक्ष्य प्रस्तुत नही किया और न ही अभय बिल्डिंग मैटीरियल का भी कोई शपथपत्र या अभिलेख ऐसा प्रस्तुत नही किया, कि अंकन 30,000/-रुपये की धनराशि उसके खाते में जमा नही हुई। इस प्रकार परिवादी यह शाबित करने में असफल रहा, कि विपक्षी बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी की है। निर्धारण बिन्दु संख्या 1 तद्नुसार परिवादी के विरुद्ध, विपक्षीगण के पक्ष में निर्णीत किया जाता है।
निर्धारण बिन्दु संख्या 2 का निस्तारण- इस निर्धारण बिन्दु में यह तय किया जाना है, कि क्या परिवादी विपक्षीगण से किसी अनुतोष को पाने का अधिकारी है? उपरोक्त निर्धारण बिन्दु संख्या 1 में यह तय हो चुका है, कि परिवादी अपने परिवाद पर बल देने के लिए दिनांक 20.12.2022 से अनुपस्थित चल रहा है और उसने उपस्थित आकर अपने परिवाद पर कोई बल नही दिया और न ही अपने परिवाद के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया। दिनांक 28.02.2023 को बहस की तिथि को भी परिवादी ने उपस्थित आकर कोई अपना पक्ष प्रस्तुत नही किया। इस प्रकार परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के कथन मेें कोई साक्ष्य प्रस्तुत नही किया और न ही अभय बिल्डिंग मैटीरियल का भी कोई शपथपत्र या अभिलेख ऐसा प्रस्तुत नही किया, कि अंकन 30,000/-रुपये की धनराशि उसके खाते में जमा नही हुई। इस प्रकार परिवादी यह शाबित करने में असफल रहा, कि विपक्षी बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी की है। ऐसी स्थिति में परिवादी विपक्षीगण से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नही है। तद्नुसार निर्धारण बिन्दु संख्या 2 निस्तारित किया जाता है। परिवादी का परिवाद निरस्त होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
  प्रार्थना पत्र यदि कोई लम्बित हो तो वह सभी इस निर्णय के अनुसार निस्तारित किए जाते है।
  इस आदेश की सत्यापित प्रति पक्षकारों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधान के अनुसार निःशुल्क प्राप्त कराई जाए। इस आदेश की प्रति को कनफोनेट वेबसाईट पर पक्षकारों के अवलोकन के लिए अपलोड किया जाए।
  पत्रावली बाद आवश्यक कार्यवाही दाखिल दफ्तर हो।
दिनांकः-01.03.2023
 
(राजीव कुमार)             (मीनाक्षी जैन)            (आर.पी. सिंह)
सामान्य सदस्य        महिला सदस्य    अध्यक्ष
   
  आज यह निर्णय आयोग के खुले न्यायालय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके सुनाया गया।
 
(राजीव कुमार)             (मीनाक्षी जैन)            (आर.पी. सिंह)
सामान्य सदस्य        महिला सदस्य    अध्यक्ष
दिनांकः-01.03.2023

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