ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - परिवादी ने इस परिवाद के माध्यम से यह उपशम मांगा है कि विपक्षी से उसे उसके खाते से निकाली गई धनराशि अंकन 15,000/- रूपया वापिस दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/- रूपया और परिवाद व्यय की मद में 5,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी बैंक में परिवादी का एक बचत खाता संख्या- 6010001500022386 है। इसके सापेक्ष परिवादी को बैंक ने ए0टी0एम0 कार्ड भी इश्यू कर रखा है। परिवादी टी0एम0यू0 में बी0टेक अन्तिम वर्ष का छात्र है। उसके पिता ने दिनांक 25/11/2011 को खर्चे के लिए उसके खाते में 22,000/- रूपये डलवाऐ थे। खाते में जमा रूपयों की जानकारी के लिए परिवादी दिनांक 25/11/2011 को पंजाब नेशनल बैंक की लोकोशेड शाखा के ए0टी0एम0 से पर गया। उसने ए0टी0एम0 कार्ड मशीन में डाला। मशीन में कार्ड डालने के पश्चात् मशीन में तकनीकी गड़बड़ी आ गई और परिवादी अपने खाते की बाबत जानकारी नहीं ले सका। कुछ समय इन्तजार करने के बाद भी जब परिवादी को खाते की बाबत जानकारी नहीं मिल पाई तब वह विपक्षी बैंक के सिविल लाइन्स मुरादाबाद स्थित ए0टी0एम0 पर गया जहॉं से उसने सांयकाल 6 बजकर 45 मिनट पर 2500/- रूपये निकाले। रूपये निकालने के बाद उसने अपने बैंक खाते का विवरण लिया तो उसे पता चला कि उसके खाते से लोकोशेड मुरादाबाद स्थित ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपया निकाल लिऐ गऐ हैं। परिवादी के अनुसार उसने लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 से कोई रूपया नहीं निकाला। परिवादी ने तत्काल बैंक के टोल फ्री नवम्बर पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज कराने के अतिरिक्त विपक्षी बैंक के जोनल मैनेजर को भी दिनांक 2/12/2011 को परिवादी ने लिखित शिकायत दी। जोनल ब्रांच द्वारा बताऐ गऐ ई-मेल पर भी परिवादी ने 15,000/- रूपया कम होने की बाबत शिकायत की। परिवादी ने अग्रेत्तर कथन किया कि लगातार पूछताछ करने के बावजूद विपक्षी बैंक से उसे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। परिवादी के अनुसार उसके अनुरोध पर विपक्षी बैंक की लोकोशेड ब्रांच के क्लर्क ने परिवादी को दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल 6 बजकर 20 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट की सी0सी0 टी0वी0 फुटेज दिखाई जिसमें स्पष्ट दिखाई दे रहा था कि दिनांक 25/11/2011 को लोकोशेड के ए0टी0एम0 से रूपये निकालने का परिवादी ने निर्देश ए0टी0एम0 मशीन को नहीं दिया था। परिवादी के बाद एक अन्य व्यक्ति ने अपने ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपये निकाले थे और इसके पश्चात् एक अन्य तीसरे व्यक्ति ने भी ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपये निकाले। परिवादी का यह भी कथन है कि दिनांक 25/11/2011 को सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर लोकोशेड मुरादाबाद स्थित विपक्षी बैंक के ए0टी0एम0 से परिवादी ने 15,000/- रूपया नहीं निकाला। परिवादी के अनुसार उसने दिनांक 16/12/2011 को पंजाब नेशनल बैंक की टी0एम0यू0 शाखा में जाकर अपने 15,000/- रूपया वापिसी की मांग की जिसे टी0एम0यू0 शाखा ने साफ इन्कार कर दिया। परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी को दिनांक 11/1/2012 को कानूनी नोटिस भिजवाया और गलत तरीके से निकाल लिऐ गऐ अपने रूपयों की मांग की, किन्तु उसका कोई संतोषजनक उत्तर विपक्षी ने नहीं दिया। परिवादी ने उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवादी में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 लगायत 3/6 दाखिल किया जिसके साथ उसने विपक्षी बैंक को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 11/1/2012, विपक्षी की लोकोशेड ब्रांच के ए0टी0एम0 से दिनांक 25/11/2011 को सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर निकाल लिऐ गऐ 15,000/- रूपये की ट्रांजक्शन स्लिप, विपक्षी के ई-मेल पर दिनांक 2/12/2011 को परिवादी द्वारा भेजी गई शिकायत तथा विपक्षी बैंक के जोनल मैनेजर को प्रेषित शिकायत दिनांक 2/12/2011 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज संख्या 3/7 लगायत 3/11 हैं।
- विपक्षी बैंक की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/3 दाखिल हुआ जिसमें अपनी शाखा में परिवादी का बचत खाता होना, इसके सापेक्ष परिवादी को ए0टी0एम0 कार्ड जारी करना, दिनांक 25/11/2011 को परिवादी के खाते में उसके पिता द्वारा 22,000/- रूपया जमा कराया जाना, विपक्षी बैंक के सिविल लाइन्स मुरादाबाद स्थित ए0टी0एम0 से दिनांक 25/11/2011 को सायंकाल 6 बजकर 45 मिनट पर परिवादी द्वारा 2500/- रूपये निकाला जाना और कथित रूप से परिवादी के खाते से 15,000/- रूपया निकाल लिऐ जाने की टोल फ्री नवम्बर पर परिवादी द्वारा शिकायत किया जाना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी की शिकायत प्राप्त होने पर मामले की जांच कराई गई जिसमें पाया गया कि दिनांक 25/11/2011 को विपक्षी बैंक की लोकोशेड शाखा के ए0टी0एम0 से परिवादी द्वारा 15,000/- रूपया प्राप्त किऐ गऐ थे और ट्रांजक्शन सफल रहा था। ए0टी0एम0 मशीन में कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं निकली। परिवादी ने परोक्ष उद्देश्य की पूर्ति हेतु झूठे कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया है। परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/5 दाखिल किया जिसके साथ उसने दिनांक 25/11/2011 को सायंकाल 6 बजकर 24 मिनट पर विपक्षी बैंक की लोकोशेड शाखा के ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपया निकाल लिऐ जाने की ट्रांजक्शन स्लिप, ई-मेल द्वारा विपक्षी को भेजी गई शिकायत, विपक्षी के जोनल मैनेजर को दिनांक 2/12/2011 को प्रेषित शिकायती पत्र की नकल तथा विपक्षी बैंक की लोकोशेड शाखा के लिपिक द्वारा अभिकथित रूप से परिवादी को उपलब्ध कराई गई सी0सी0टी0वी0 फुटेज की सी0डी0 को दाखिल किया गया है। सी0सी0टी0वी0 की फुटेज की सी0डी0 पत्रावली पर लिफाफे कागज सं0-10/9 में उपलब्ध है तथा शेष प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-10/6 लगायत 10/8 हैं।
- विपक्षी की ओर से अवसर दिऐ जाने के बावजूद साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। फोरम के आदेश दिनांक 24/9/2015 से विपक्षी का साक्ष्य समाप्त घोषित किया गया।
- परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षी की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
- हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी बैंक की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
- पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी का विपक्षी सं0-1 की शाखा में एक बचत खाता है जिसके सापेक्ष विपक्षी ने परिवादी को ए0टी0एम0 कार्ड, जिसका विवरण परिवाद के पैरा संख्या-1 में दिया गया है, जारी कर रखा है। यह तथ्य भी निर्विवादित है कि दिनांक 25/11/2011 को परिवादी के खाते में उसके पिता द्वारा 22,000/- रूपया जमा किऐ गऐ थे और परिवादी ने पंजाब नेशनल बैंक की सिविल लाइन्स, मुरादाबाद शाखा से ए0टी0एम0 द्वारा 2500/- रूपया दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल 6 बजकर 45 निमट पर निकाले थे।
- पत्रावली में अवस्थित ट्रांजक्शन स्लिप कागज सं0-3/9 के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 25/11/2011 को सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर पंजाब नेशनल बैंक के लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपया निकाले गऐ थे। इस ट्रांजक्शन स्लिप के अनुसार 15,000/- रूपया का यह ट्रांजक्शन परिवादी के बैंक एकाउन्ट से उसके ए0टी0एम0 कार्ड द्वारा हुआ था। परिवादी का कथन है कि यह 15,000/- रूपया उसने नहीं निकाले। परिवादी के अनुसार दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल वह लोकोशेड मुरादाबाद स्थित विपक्षी बैंक के ए0टी0एम0 पर अपने खाते की बाबत जानकारी करने के लिए गया था उसने लोकोशेड ए0टी0एम0 मशीन में अपने खाते की बाबत जानकारी करने के लिए अपना ए0टी0एम0 कार्ड डाला था, किन्तु मशीन में तकनीकी गड़बड़ी आ जाने की वजह से उसे अपने खाते की बाबत जानकारी नहीं मिल सकी। उसने वहां कुछ देर प्रतीक्षा भी की किन्तु उसे ए0टी0एम0 मशीन से कोई स्टेटमेन्ट नहीं मिला तब उसने पंजाब नेशनल बैंक की सिविल लाइन्स, मुरादाबाद स्थित ए0टी0एम0 मशीन से सांयकाल 6 बजकर 45 मिनट पर 2500/- रूपया निकाले। रूपया निकालने के बाद उसने अपने खाते का स्टेटमेन्ट लिया तो उसे जानकारी हुई कि लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 से उसके खाते से 15,000/- रूपया निकाल लिऐ गऐ हैं। इस प्रकार परिवादी का कथन है कि दिनांक 25/11/2011 को सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर उसने अपने खाते से ए0टी0एम0 कार्ड द्वारा 15,000/- रूपया नहीं निकाला। इसके विपरीत विपक्षी बैंक का कथन है कि 15,000/- रूपया परिवादी ने ही अपने ए0टी0एम0 कार्ड से निकाले थे जो परिवादी ने प्राप्त किऐ। विपक्षी बैंक का कथन है कि परोक्ष उद्देश्य की पूर्ति हेतु परिवादी असत्य कथन कर रहा है।
- अब देखना यह है कि क्या विपक्षी की लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 मशीन में तकनीकी खराबी थी और वहॉं से परिवादी ने अपने ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपये निकाले थे अथवा नहीं ?
- परिवादी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/5 के पैरा सं0-8 में स्पष्ट रूप से यह कथन किया है कि पंजाब नेशनल बैंक की लोकोशेड शाखा में कार्यरत बैंक के एक लिपिक श्री वीरबल गागा ने उसे लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 की दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल 6 बजकर 20 मिनट से 6 बजकर 35 मिनट तक की सी0सी0 कैमरा फुटेज दिखाई थी जिससे यह स्पष्ट था कि परिवादी ने उस दिन सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपया नहीं निकाले थे बल्कि उसके बाद आये व्यक्ति ने 15,000/- रूपया ए0टी0एम0 से निकाले थे। परिवादी ने सी0सी0 कैमरा की इस फुटेज की सी0डी0 भी पत्रावली में दाखिल की जो पत्रावली में लिफाफ कागज सं0-10/9 में अवस्थित है। विपक्षी को इस सी0डी0 की कापी फोरम द्वारा उपलब्ध कराई गई थी, किन्तु प्रार्थना पत्र कागज सं0-11 के माध्यम से विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने सी0डी0 की कापी यह कहकर वापिस कर दी कि सी0डी0 पढ़ने में आ रही है।
- परिवादी का यह स्पष्ट कथन है कि यह सी0डी0 उसे विपक्षी बैंक के र्क्लक श्री वीरबल गागा ने उपलब्ध कराई थी जिसका विपक्षी बैंक प्रतिवादकरने का साहस नहीं कर पाया। यहां तक कि विपक्षी की ओर से यह कहने का साहस तक नहीं किया जा सका कि वीरबल गागा नाम के कोई लिपिक उनकी लोकोशेड शाखा में कार्यरत नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के इस कथन में बल दिखाई देता है कि जब सी0सी0 कैमरा फुटेज की सी0डी0 विपक्षी बैंक के लिपिक ने ही परिवादी को उपलब्ध कराई थी तो विपक्षी का यह कथन स्वीकार किऐ जाने योग्य नहीं हो सकता कि यह सी0डी0 विपक्षी द्वारा पठनीय नहीं है। परिवादी का यह स्पष्ट कथन है कि दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर लोकोशेड शाखा के ए0टी0एम0 से उसने 15,000/- रूपये नहीं लिऐ थे बल्कि उसके बाद आये व्यक्ति ने 15,000/- रूपया ए0टी0एम0 मशीन से प्राप्त किऐ थे। परिवादी के अनुसार उक्त तथ्य सी0सी0 टी0वी0 फुटेज से प्रमाणित है। परिवादी के इन कथनों का विपक्षी की ओर से सप्रमाण खण्डन नहीं हो पाया। हम सन्तुष्ट है कि दिनांक 25/11/2011 को विपक्षी के लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 मशीन में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण परिवादी न तो अपने बैंक खाते की बाबत जानकारी कर पाया और न ही उसने उक्त ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपये प्राप्त किऐ। यहां हम यह भी उल्लेख करना उचित समझे हैं कि यदि परिवादी ने 6 बजकर 24 मिनट पर लोकोशेड ए0टी0एम0 से 15,000/- रूपया प्राप्त कर लिऐ थे तो उसके फौरन बाद सिविल लाइन्स स्थित ए0टी0एम0 से जाकर उसे 2500/- रूपया निकालने की क्या आवश्यकता थी, इसका कोई स्पष्टीकरण पत्रावली पर नहीं है। यह परिस्थिति भी परिवादी के इस कथन को पुष्ट करती है कि दिनांक 25/11/2011 की सांयकाल 6 बजकर 24 मिनट पर पंजाब नेशनल बैंक के लोकोशेड स्थित ए0टी0एम0 से ए0टी0एम0 की तकनीकी खराबी के कारण परिवादी ने 15,000/- रूपया नहीं निकाले। परिवादी को विपक्षी से 15,000/- रूपया की यह धनराशि और इस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी दिलाया जाना हम न्यायोचित समझते है। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी को 2000/- (दो हजार रूपया) और परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) विपक्षी से अतिरिक्त दिलाया जाना भी न्यायोचित होगा। तदानुसार परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 15,000/- (पन्द्रह हजार रूपये) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी 2000/- (दो हजार रूपया) और परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने का अधिकारी होगा। समस्त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से दो माह के भीतर की जाये। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
20.04.2016 20.04.2016 20.04.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 20.04.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
20.04.2016 20.04.2016 20.04.2016 | |