राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-६८९/२०२१
(जिला उपभोक्ता मंच/आयोग, सहारनपुर द्वारा परिवाद सं0-३२/२०२० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-११-२०२१ के विरूद्ध)
के0के0 फूड्स द्वारा प्रौपराइटर विश्वास मलिक पुत्र रघुवीर सिंह निवासी अंजनी विहार, पेपर मिल रोड, सहारनपुर, यू0पी0। ................. अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम्
१. पंजाब नेशनल बैंक ब्रान्च फतेहपुर, थाना छुटमलपुर, जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश द्वारा ब्रान्च मैनेजर तथा चार अन्य। ............... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
२- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री मोहित धींगरा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री एस0एम0 बाजपेयी विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : २३-०९-२०२२.
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
जिला उपभोक्ता मंच/आयोग, सहारनपुर द्वारा परिवाद सं0-३२/२०२० के0के0 फूड्स बनाम पंजाब नेशनल बैंक व अन्य में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-११-२०२१ के विरूद्ध अपीलार्थी/परिवादी द्वारा यह अपील प्रस्तुत की गई है। परिवाद में कुल अंकन १,१०,०५,०००/- रू० की धनराशि की मांग की गई है इसलिए जिला उपभोक्ता मंच/आयोग ने आर्थिक क्षेत्राधिकार के आधार पर परिवाद को संधारणीय न पाते हुए वापस करने का आदेश पारित किया।
हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना। पत्रावली का अवलोकन किया।
जिला उपभोक्ता मंच के उपरोक्त आदेश को इस आधार पर चुनोती दी गई है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम २०१९ की धारा ३४ में सामान की कीमत या सेवा के प्रतिफल के रूप में जो राशि अदा की गई है उसके अनुसार क्षेत्राधिकार निश्चित किया जाएगा।
परिवाद पत्र तथा अपील के ज्ञापन के अवलोकन से यह जाहिर होता है कि परिवादी ने यथार्थ में कोई माल क्रय नहीं किया और न ही सेवा प्राप्ति के लिए कोई
-२-
शुल्क अदा किया बल्कि परिवादी द्वारा अंकन ३९.०० लाख रू० के टर्म लोन तथा अंकन ३०.०० लाख रू० के कैश क्रैडिट के लिए आवेदन दिया गया परन्तु बैंक द्वारा केवल अंकन ०९.०० लाख रू० ऋण धनराशि अवमुक्त की और ६०.०० लाख रू० अवमुक्त नहीं किया परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि बैंक द्वारा अन्य ऋणों की अदायगी के लिए इस राशि का प्रयोग किया गया इसलिए डी0आर0टी0 द्वारा बैंक को यह अधिकार प्रदान किया गया कि वह अपनी राशि वसूल करने के लिए स्वतन्त्र है। जिला उपभोक्ता मंच/आयोग में जिस अनुतोष की मांग की गई है वह अंकन ०१.०० करोड़ रू० से अधिक का है इसलिए जिला उपभोक्ता मंच/आयोग का आदेश विधि सम्मत है। जिला उपभोक्ता मंच/आयोग को प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। अत: अपील तद्नुसार खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
वैयक्तिक सहायक/आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायूमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(न्यायूमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-१.