Uttar Pradesh

StateCommission

A/189/2021

Gajendra Pal Singh - Complainant(s)

Versus

Punjab National Bank - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

12 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/189/2021
( Date of Filing : 16 Mar 2021 )
(Arisen out of Order Dated 16/02/2021 in Case No. Complaint Case No. CC/205/2019 of District Bareilly-II)
 
1. Gajendra Pal Singh
R/o House No. 262, Biharipur Civil Lines District - Bareilly
...........Appellant(s)
Versus
1. Punjab National Bank
Punjab National Bank Devchara Block Alampur Jafrabad Tehsil Awala Bareilly through Branch Maneger
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Dec 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या :189/2021

 

गजेन्‍द्र पाल सिंह पुत्र स्‍व0 पृथ्‍वी पाल सिंह निवासी-262 बिहारीपुर सिविल लाइन्‍स, बरेली। 

अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्

1- पंजाब नेशनल बैंक देवचरा ब्‍लाक आलमपुर जाफराबाद, तहसील ऑवला, जिला बरेली द्वारा ब्रांच मैनेजर।

2-बजाज एलाइन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0, राधा भवन, चौकी चौराहा, बरेली। 

                                  प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण 

 समक्ष  :-

     1-मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,       अध्‍यक्ष।

 

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-        श्री अखिलेश त्रिवेदी।

     प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित-      श्री एस0 एम0 बाजपेयी।

     प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित-          श्री आनंद भार्गव।

    

     दिनांक : 12-12-2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-205/2019 गजेन्‍द्र पाल सिंह बनाम प्रबन्‍धक, पंजाब नेशनल बैंक व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, द्धितीय, बरेली द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 16-02-2021 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

 

-2-

     ‘’ परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि परिवादी प्रतिपक्षी संख्‍या-1 से रू0 50,000/- प्राप्‍त करने का अधिकारी है। उपरोक्‍त धनराशि का भुगतान दो माह के अन्‍तर्गत न होने पर उक्‍त धनराशि पर परिवाद योजित किये जाने की तिथि से उसके भुगतान तक उस पर 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज देय होगा। उक्‍त धनराशि में रू0 25,000/- का भुगतान उसके पिता की दूसरी विधिक प्रतिनिधि श्रीमती हरप्‍यारी द्वारा सहमति देने पर ही किया जायेगा अन्‍यथा उक्‍त धनराशि का भुगतान श्रीमती हरप्‍यारी को कर दिया जाएगा। वाद व्‍यय के रूप में परिवादी प्रतिपक्षी संख्‍या-1 से रू0 7500/- प्राप्‍त करने का अधिकारी है। प्रतिपक्षी बैंक उक्‍त धनराशि उस बैंक कर्मी से वसूल कर सकता है जिसकी लापरवाही के कारण प्रश्‍नगत फसल का बीमा नहीं हो सका।‘’ 

     विद्धान जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश के विरूद्ध यह अपील परिवाद के परिवादी  की ओर से प्रस्‍तुत की है।

     अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी के पिता पृथ्‍वी पाल के नाम ब्‍लाक आलमपुर जाफराबाद के ग्राम मिलक मझारा, अबरा, औरंगाबाद, घिलौरा, हर्रामपुर में कृषि भूमि है और दिनांक 22-04-2019 को परिवादी के पिता की मृत्‍यु के पश्‍चात परिवादी ही उनका उत्‍तराधिकारी है। परिवादी के पिता ने प्रतिपक्षी संख्‍या-1 से दो-तीन किस्‍तों में रू0 3,00,000/- का ऋण लिया था। प्रतिपक्षी संख्‍या-1 ने प्रतिपक्षी संख्‍या-2 द्वारा परिवादी के उक्‍त खेतों में फसल का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्‍तर्गत कराया था तथा दिनांक 27-07-2018 को प्रतिपक्षी संख्‍या-1 ने प्रतिपक्षी संख्‍या-2 को उक्‍त फसल की बीमा किस्‍त रू0 2028/-

 

-3-

का भुगतान किया था। परिवादी के खाते से दिनांक 31-07-2018 को पुन: एक किस्‍त रू0 2028/- काट ली गयी जो गलत होने के कारण स्‍वयं ही दिनांक 31-08-2018 को वापस खाते में आ गयी। दिनांक 23 जुलाई, 2018 को ओलावृष्टि एवं अत्‍यधिक जल भराव के कारण परिवादी के कई खेत जल में डूब जाने से फसल नष्‍ट हो गयी। परिवादी के पिता ने प्रतिपक्षी संख्‍या-1 से फसल बीमा धनराशि हेतु सम्‍पर्क किया तब प्रतिपक्षी संख्‍या-1 ने प्रतिपक्षी संख्‍या-2 से सम्‍पर्क करने हेतु कहा। परिवादी ने जब प्रतिपक्षी संख्‍या-2 से सम्‍पर्क किया तब ज्ञात हुआ कि प्रतिपक्षी संख्‍या-2 ने उनकी किसी भी फसल का बीमा नहीं किया है जब कि परिवादी के पिता के खाते से दिनांक 27-08-2018 को प्रतिपक्षी संख्‍या-1 ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्‍तर्गत रू0 2028/- की किस्‍त काटना खाते में दर्शाया है, जो कि विपक्षी के स्‍तर से सेवा में कमी है अत: विवश होकर परिवाद ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षी सं0-1 की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद पत्र के कथनों का खण्‍डन किया गया और कहा गया कि उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है परिवादी द्वारा ओलावृष्टि की कोई तिथि अंकित नहीं की है और यदि परिवादी की फसल का बीमा था भी तो उसे दैवीय आपदा के कारण हुई क्षति के 48 घंटे के अंदर बीमा कम्‍पनी को सूचित करना चाहिए था। उनकी ओर से सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गयी है।

     विपक्षी संख्‍या-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए परिवाद पत्र के सभी कथनों का खण्‍डन किया गया और कथन किया गया कि प्रतिपक्षी संख्‍या-1 ने परिवादी के पिता की कृषि भूमि का बीमा

 

-4-

प्रतिपक्षी संख्‍या-2 से नहीं कराया था। दिनांक 27-07-2018 को परिवादी के खाते से रू0 2028/-रू0 प्रीमियम के जो दर्शाये गये हैं इसका भार विपक्षी संख्‍या-1 पर है न कि उन पर। उनकी ओर से सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है।

    विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष को सुनने तथा परिवाद पत्र एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त विपक्षी सं0-1 की सेवा में कमी पाते हुए परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध निम्‍न आदेश पारित किया है जिसका उल्‍लेख ऊपर किया जा चुका है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री अखिलेश त्रिवेदी उपस्थित। प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री एस0 एम0 बाजपेयी उपस्थित। प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री आनंद भार्गव उपस्थित।

     मेरे द्वारा उभयपक्ष  के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध  समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का गहनतापूर्वक विश्‍लेषण करने के उपरान्‍त  मैं इस मत का हूँ कि विद्धान जिला

आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

-5-

आदेश

     अपील निरस्‍त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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