Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/331

M/s Veer Luggage Point - Complainant(s)

Versus

Punjab and Sind Bank - Opp.Party(s)

Arun Tandan

05 Jul 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/331
( Date of Filing : 14 Feb 2008 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s Veer Luggage Point
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Punjab and Sind Bank
A
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2007/1942
( Date of Filing : 03 Sep 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Punjab Sindh Bank
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Veer Luggage Point
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 05 Jul 2024
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या-1942/2007

पंजाब एण्‍ड सिंड बैंक 88-सी, सिविल लाइन्‍स, बरेली द्वारा ब्रांच मैनेजर।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

मैसर्स वीर लगेज प्‍वाइंट, 54-55 पंजाबी मार्केट, बरेली द्वारा पार्टनर एस. हरिंदर पाल सिंह पुत्र एस. करतार सिंह, निवासी बी-270, राजेन्‍द्र नगर, बरेली।

                            प्रत्‍यर्थी/परिवादी

एवं

अपील संख्‍या-331/2008

मैसर्स वीर लगेज प्‍वाइंट, 54-55, पंजाबी मार्केट, बरेली द्वारा पार्टनर सरदार हरिंदर पाल सिंह, बी-270, राजेन्‍द्र नगर, बरेली।

अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्  

1. पंजाब एण्‍ड सिंड बैंक 88-सी, सिविल लाइन्‍स, बरेली द्वारा ब्रांच मैनेजर।

2. पंजाब एण्‍ड सिंड बैंक, बैंक हाऊस, 21, राजेन्‍द्र पैसेज, न्‍यू दिल्‍ली द्वारा जनरल मैनेजर।

                            प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से उपस्थित      : श्री टी.जे.एस. मक्‍कड़।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित        : श्री अरूण टण्‍डन।

                            

दिनांक:  05.07.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-287/2005, मै0 वीर लगेज प्‍वाइंट बनाम पंजाब एंड सिंड बैंक तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, द्वितीय बरेली द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.6.2007 के विरूद्ध अपील संख्‍या-1942/2007, विपक्षी बैंक की ओर से प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को अपास्‍त कराने के लिए प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या-331/2008, परिवादी की ओर से परिवाद में मांगे गए अनुतोष को दिलाए जाने हेतु प्रस्‍तुत की गई है।

2.         अत: उपरोक्‍त दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए उपरोक्‍त दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ एक ही निर्णय द्वारा एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-1942/2007 अग्रणी अपील होगी

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार विपक्षी बैंक में परिवादी का एक कैश क्रेडिट खाता संख्‍या 154 है। परिवादी ने अंकन 65,000/-रू0 का एक चेक दिनांक 6.6.2004 को स्‍कूल बैग क्रय करने के एवज में जारी किया था, जब यह चेक बैंक में प्रेषित गया तब बैंक द्वारा इस चेक का आदर नहीं किया गया, जबकि परिवादी के खाते में पर्याप्‍त धन था। परिवादी की कैश लिमिट अंकन 1,00,000/-रू0 थी तथा अंकन 20,590/-रू0 भी नकद जमा थे, जबकि प्रश्‍नगत चेक केवल 65,000/-रू0 की राशि का ही था।

4.         विपक्षीगण द्वारा विद्वान जिला आयोग के समक्ष कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। अत: एक तरफा साक्ष्‍य पर विचार करते हुए परिवाद को स्‍वीकार किया गया और अंकन 18,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश 6 प्रतिशत ब्‍याज के साथ पारित किया गया।

5.         उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

6.         विपक्षी बैंक द्वारा प्रस्‍तुत अपील संख्‍या-1942/2007 के विनिश्‍चय के लिए एक मात्र विनिश्‍चायक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या पंजाब एंड सिंड बैंक द्वारा परिवादी की कैश क्रेडिट सुविधा समाप्‍त कर दी गई थी और इस सुविधा को समाप्‍त करने के पश्‍चात परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत चेक को आदर करने का कोई दायित्‍व नहीं था ?

7.         अपीलार्थी बैंक द्वारा प्रस्‍तुत लिखित कथन के पैरा संख्‍या-5 में यह उल्‍लेख है कि कैश क्रेडिट सुविधा पूर्व में ही वापस ले ली गई है। दस्‍तावेज सं0-20 पर दिनांक 22.5.2004 का एक पत्र मौजूद है, जो बैंक द्वारा परिवादी को सम्‍बोधित किया गया है और इसमें उल्‍लेख है कि कैश क्रेडिट सुविधा, खाता बाधित होने के कारण बंद कर दिया गया है। परिवाद पत्र के विवरण के अनुसार परिवादी द्वारा चेक दिनांक 6.6.2004 को दिया गया है, जबकि सुविधा समाप्‍त करने का पत्र दिनांक 22.5.2004 को लिखा जा चुका है। दिनांक 1.6.2004 को परिवादी के खाते में अंकन 20,590/-रू0 जमा थे, जैसा कि बैंक द्वारा प्रस्‍तुत की गई स्‍टेटमेंट आफ अकाउण्‍ट से साबित होता है और इस तिथि से पूर्व ही कैश क्रेडिट सुविधा समाप्‍त हो चुकी थी, इसलिए पंजाब एंड सिंड बैंक द्वारा सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं की गई है। तदनुसार पंजाब एंड सिंड बैंक द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-1942/2007 स्‍वीकार होने योग्‍य है तथा परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील संख्‍या-331/2008 निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

8.         अपील संख्‍या-1942/2007 स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.06.2007 अपास्‍त किया जाता है।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला  आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           अपील संख्‍या-331/2008 निरस्‍त की जाती है।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-1942/2007 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

निर्णय/आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

दिनांक 05.07.2024

  लक्ष्‍मन, आशु0,

      कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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