जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 141/2021 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-27.01.2021
परिवाद के निर्णय की तारीख:-11.11.2022
राज बहादुर आयु लगभग 30 वर्ष पुत्र रामदेव, निवासी ग्राम व पोस्ट सुभाखरपुर, थाना-महरूआ, जनपद-अम्बेडकर नगर।
............परिवादी।
बनाम
- पुनीत आटोमोबाइल्स प्रा0लि0 तिवारीगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ द्वारा प्रबन्धक/निदेशक।
- रवीन्द्र तिवारी एरिया सेल्स मैनेजर (ASM) पुनीत आटोमोबाइल्स प्रा0लि0 तिवारीगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ मो0नं0-7081400261 आफिस, निजी 8874803733 निजी।
- कस्टमर रिलेशन मैनेजर (सेल्स), पुनीत आटोमोबाइल्स प्रा0लि0 तिवारीगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ मो0नं0-7311165627 । ............विपक्षीगण।
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री मानवेन्द्र प्रताप सिंह।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-कोई नहीं।
आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि 5,000.00 रूपये 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज व्यक्तिगत एवं संयुक्त रूप से, मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न तथा आर्थिक क्षति की मद में 1,00,000.00 रूपये, एवं वाद व्यय 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी संख्या 01 जो टाटा मोटर्स लिमिटेड की कार बेचने की डीलरशिप लिया है और नई कार बेचने का कार्य करता है। विपक्षी संख्या 02 उनकी कम्पनी में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत है, और विपक्षी संख्या 01 ने अपनी कम्पनी के नाम पर विपक्षी संख्या 02 का बिजटिंग कार्य भी बनाया हुआ है।
3. परिवादी ने एक नई कार टाटा टीआगो खरीदने हेतु विपक्षीगण से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया और उनके कहने पर दिनॉंक 29 जून 2020 को 5000.00 रूपये यू0पी0आई0 अन्तरण के माध्यम से बुकिंग राशि जमा किया। परिवादी ने बिना विपक्षीगण के शोरूम गये, सिर्फ विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारी अनुपम से फोन पर हुई बातचीत के माध्यम से भरोसा करके उनके द्वारा दिए गए बैंक खाते में रूपया अन्तरण करके गाड़ी बुक किया था।
4. विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारी अनुपम ने फोन के माध्यम से मेरे समस्त कागजात (पैन कार्ड, आधार कार्ड, सैलरी स्लिप व फोटो) आदि लेकर टाटा फाइनेन्स में मुझे ऋण सहायता उपलब्ध कराने हेतु आवेदन किया, परन्तु कतिपय कारणों से परिवादी का ऋण आवेदन स्वीक़त नहीं हुआ। बिना ऋण सहायता के परिवादी कार खरीने में सक्षम नहीं था, इसलिए परिवादी अपनी बुकिंग कैन्सिल करवाने हेतु लिखित प्रार्थना पत्र कर्मचारी अनुपम के मोबाइल पर भेजा। बुकिंग कराने के लगभग 42 दिन बाद परिवादी को दिनॉंक 13.08.2020 को विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी द्वारा समस्त बुकिंग धनराशि 5000.00 रूपये बिना किसी कटौती के परिवादी के बचत खाते में भेजकर वापस कर दी गयी और परिवादी को समस्त धनराशि प्राप्त भी हो गयी।
5. परिवादी गाड़ी की बुकिंग कराने से लेकर ऋण स्वीक़ति की समस्त प्रक्रिया पूरी होने तक विपक्षी संख्या 01 से रिफन्ड वापस लेने तक कोविड-19 के कारण कभी भी विपक्षी संख्या 01 के शोरूम पर नहीं गया। सिर्फ विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारियों पर भरोसा कर समस्त कागजात व लेनदेन उनके और विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी पर विश्वास करके फोन पर हुई बातचीत के माध्यम से ही किया। दिनॉंक 13.08.2020 को विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी की बुकिंग राशि बिना किसी कटौती के वापस कर दिया तो परिवादी का विश्वास विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी व उनके कर्मचारियों पर और ज्यादा बढ़ गया।
6. परिवादी को रिफन्ड वापस मिलने के बाद भी विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारी मोबाइल फोन पर गाड़ी खरीदने तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के ऑफर दिलाने का आश्वासन दिया करते थे। चॅूंकि परिवादी को कार की आवश्यकता थी और खरीदनी भी थी। उसके मोबाइल पर विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारी रवीन्द्र तिवारी ने कार खरीदने के लिये फोन किया तथा ऋण सहायता दिलाकर कार दिलाने का वायदा भी किया। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के कर्मचारी, विपक्षी संख्या 02 पर विश्वास करके अपने समस्त कागजात उसके मोबाइल पर भेज दिया।
7. विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी के मोबाइल पर फोन करके बताया कि मैने फाइनेन्सर से बात कर ली है आप 5000.00 रूपये बुकिंग राशि जमा कर टाटा टिआगो गाड़ी बुक करा लीजिए, और आपको जगदीशपुर से गाड़ी की डिलीवरी करवा दूँगा। अपना बिजीटिंग कार्ड भी परिवादी के वाट्सएप पर भेजा जो कि विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी के नाम तथा पते पर बना हुआ था।
8. विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी की गाड़ी बुक करवाने के लिये अपने जी0एम0 से फोन पर बात भी करायी। परिवादी ने भरोसा करके दिनॉंक 15.08.2020 को विपक्षी संख्या 02 द्वारा दिये गये भारतीय स्टेट बैंक के बचत खाता संख्या 33044802341 में 5000.00 रूपये भेजकर टाटा टिआगो की गाड़ी बुकिंग करने हेतु दिया।
9. 15 अगस्त 2020 को शनिवार होने तथा शोरूम बन्द होने के कारण विपक्षी संख्या 02 ने बुकिंग राशि की रसीद अगले दिन यानी सोमवार को देने को कहा। परिवादी ने 17 अगस्त को विपक्षी संख्या 02 को फोन किया तो रसीद भेजने की बात कहीं परन्तु शाम तक भी परिवादी को कोई रसीद नहीं दी गयी। परिवादी ने 17 अगस्त 2020 को विपक्षी संख्या 03 जो विपक्षी संख्या 01 के शोरूम में कस्टमर रिलेशन मैनेजर (सेल्स) है से बात किया और उसके वाट्सएप पर विपक्षी संख्या 02 द्वारा दिये गये बिजीटिंग कार्ड को भेजा विपक्षी संख्या 02 के विषय में पूछा तो कस्टमर रिलेशन मैनेजर ने परिवादी को बताया कि विपक्षी संख्या 02 रविन्द्र तिवारी एरिया सेल्स मैनेजर हैं और हमारी ही शाखा जगदीशपुर में कार्यरत हैं।
10. बुकिंग कराने के तीन दिन बाद जब विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी को बुकिंग रसीद नहीं दिया तो परिवादी ने फोन के माध्यम से विपक्षी संख्या 01 व 02 की शिकायत टाटा मोटर्स लि0 में दर्ज करायी और बुकिंग कैंसिल करके बुकिंग राशि वापस दिलाने का निवेदन भी किया। टाटा मोटर्स लि0 में शिकायत करने पर विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी के सी0आर0एम0 ने परिवादी के ई-मेल आई0डी0 पर दिनॉंक 18 अगस्त 2020 को मेल भेजकर तथा फोन करके यह बताया कि परिवादी का रिफन्ड प्रोसेस में है तथा तीन-चार दिन में दिला दिया जाएगा। परिवादी इन्तजार करता रहा परन्तु आज तक विपक्षी संख्या 01 व 02 ने परिवादी की बुकिंग राशि का रिफन्ड वापस नहीं किया।
11. परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 व 02 को दिनॉंक 04.11.2020 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से विधिक नोटिस जरिए रजिस्ट्री भेजा। नोटिस मिलने के बाद विपक्षी संख्या 01 ने विपक्षी संख्या 02 को रिफन्ड देने का दबाव बनाया तो विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी को फोन करके बताया कि मेरी सैलरी आने दो मैं इस बार आपका बुकिंग एमाउन्ट वापस कर दॅूंगा। दिनॉंक 10.12.2020 को विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी के वाट्सएप पर फर्जी कूटरचित मोबाइल पेमेंट भेजा और परिवादी को फोन करके बताया कि आपका 5000.00 रूपये वापस कर दिया, जबकि परिवादी के खाते में कोई भी धनराशि नहीं आयी। परिवादी ने इसकी सूचना विपक्षी संख्या 02 को देना चाहा तो विपक्षी संख्या 02 ने अपना मोबाइल बन्द कर दिया। उपरोक्त कृत्य से परिवादी को आर्थिक, मानसिक कष्ट उत्पन्न हुआ है।
12. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: दिनॉंक 05.08.2022 के आदेश से विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
13. परिवादी ने अपने साक्ष्य में शपथ पत्र, विपक्षी संख्या 01 व 02 द्वारा भेजा गया बिजीटिंग कार्ड, विपक्षी संख्या 02 के खाते में 5000.00 रूपये भेजे जाने की छायाप्रति, विपक्षी संख्या 03 द्वारा विपक्षी संख्या 02 को अपना कर्मचारी बताये जाने तथा उसके विजीटिंग कार्ड की पुष्टि का प्रपत्र, परिवादी के मोबाइल पर कूटरचित अपूर्ण अन्तरण की छायाप्रति एवं विधिक नोटिस आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है।
14. मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
15. जैसा कि परिवादी का कथानक है कि विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी से कहा कि मैने फाइनेन्सर से बात कर ली है आप 5000.00 रूपये बुकिंग राशि जमा कर टाटा टिआगो गाड़ी बुक करा लीजिए। परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 पर भरोसा करके दिनॉंक 15.08.2020 को विपक्षी संख्या 02 द्वारा दिये गये भारतीय स्टेट बैंक के बचत खाता संख्या 33044802341 में 5000.00 रूपये भेजकर गाड़ी बु करायी। विपक्षी संख्या 02 द्वारा परिवादी को कोई रसीद नहीं दी गयी। परिवादी द्वारा शिकायत करने पर रसीद भेजने की बात कहीं गयी, परन्तु विपक्षी संख्या 02 द्वारा कोई रसीद नहीं भेजी गयी।
16. विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी को बुकिंग रसीद नहीं गयी गयी तो परिवादी ने फोन के माध्यम से विपक्षी संख्या 01 व 02 की शिकायत टाटा मोटर्स ल0 में दर्ज करायी और बुकिंग कैंसिल करके बुकिंग राशि वापस दिलाने का निवेदन भी किया। टाटा मोटर्स में शिकायत करने पर विपक्षी संख्या 01 की कम्पनी के सी0आर0एम0 ने परिवादी के ई-मेल आई0डी0 पर दिनॉंक 18 अगस्त 2020 को मेल भेजकर तथा फोन पर बताया कि परिवादी का रिफन्ड प्रोसेस में है तीन चार दिन में दिला दिया जायेगा। परन्तु परिवादी को रिफण्ड वापस नहीं किया गया।
17. परिवादी ने उक्त कथानक को अपनी नोटिस में भी कहा है, तथा साक्ष्य में 5000.00 रूपये की रसीद भी दाखिल किया है, जिसके परिशीलन से विदित है कि परिवादी ने विपक्षी को धनराशि अदा किया है जो परिवादी के एकाउन्ट से कटौती की गयी है, और पैसा प्राप्त करने के बाद विपक्षी द्वारा पैसा वापस नहीं किया गया है। इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी को पैसा वापस न करके सेवा में कमी किया है। विपक्षीगण का कोई भी साक्ष्य पत्रावली पर मौजूद नहीं है, जिससे परिवादी के कथनों पर अविश्वास किया जा सके। अत: परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षी संख्या 01 व 02 के विरूद्ध संयुक्त एवं एकल रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को मुबलिग 5000.00(पॉंच हजार रूपया मात्र) मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करेंगें। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट एवं आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिये 15,000.00 (पन्द्रह हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
परिवादी को इस निर्णय की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-11.11.2022