Uttar Pradesh

StateCommission

A/269/2024

Imran Ahmad - Complainant(s)

Versus

Proprietor Classic Car Work Shop - Opp.Party(s)

Manju Sharma & Chandana Chandra

18 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/269/2024
( Date of Filing : 28 Feb 2024 )
(Arisen out of Order Dated 01/01/2024 in Case No. Complaint Case No. CC/75/2020 of District Sultanpur)
 
1. Imran Ahmad
Pyare Patti Pargana Miranpur Tehsil Sadar, Dist.- Sultanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Proprietor Classic Car Work Shop
Near Sahara City Homes Yadav Chauraha Hanuman Mandir Gayala IIM Road Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Sep 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-269/2024

इमरान अहमद सुत सईदुल हसन, निवासी ग्राम प्‍यारे पट्टी परगना मीरानपुर तहसील सदर, जनपद सुलतानपुर।

..............अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

प्रोपराइटर क्‍लासिक कार वर्क शॉप नियर सहारा सिटी होम्‍स यादव चौराहा हनुमान मन्दिर घायला आई0आई0एम0 रोड लखनऊ।

.............प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : श्रीमती मंजू शर्मा

प्रत्‍यर्थी की अधिवक्‍ता         : कोई नहीं।

दिनांक :- 18.9.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी इमरान अहमद की ओर से इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, सुलतानपुर द्वारा परिवाद सं0-75/2020 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.01.2024 के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अपनी मोटर कार यू०पी० 44 ई 5193 जो खराब थी, को बनवाने के लिए लखनऊ प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के पास गया और प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा अपीलार्थी/परिवादी की गाडी बनाने में कुल 57,050/- रू0 का सामान लगाया गया। अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक-12-11-2017 को 57,000/-रू० देकर गेट पास लेकर गाडी को प्रत्‍यर्थी/विपक्षी का ड्राइवर लेकर बाहर निकला तथा एजेन्सी से

 

-2-

जैसे ही गाड़ी दो-चार किलोमीटर चली रास्ते मे बन्द हो गयी। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के मैनेजर को फोन करके बताया तो उन्होंने जुनेद मिस्त्री को भेजकर गाडी स्टार्ट करायी, फिर भी आई०टी० चौराहा आते-आते गाडी बन्द हो गयी। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी का ड्राइबर वही पर गाडी छोड कर चला गया। किसी तरीके से रात भर धक्का देकर स्टार्ट करके सुबह दिनांक 13-11-2017 को अपीलार्थी/परिवादी सुलतानपुर पहुंचा एवं उसी दिन मैनेजर को जानकारी दी गई तो मैनेजर ने कहा गाडी स्टार्ट करके लोकल सिटी में चलाओ तो गाडी ठीक चलेगी। अपीलार्थी/परिवादी ने गाडी स्टार्ट करके दो किलोमीटर चलाया तो गाडी फिर बन्दः हो गयी। अपीलार्थी/परिवादी ने मैनेजर से पुनः बात की तो मैनेजर ने जुदेन मिस्त्री को भेजकर गाडी पुनः ठीक कराने का आश्‍वासन दिया, परन्‍तु गाडी ठीक नही हुई। फोन करने पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के मैनेजर फोन नहीं उठाते है और गाडी त‍ब से खराब पडी है अत्एव अपीलार्थी/परिवादी ने प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को विधिक नोटिस दिया, जिसका कोई जवाब प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया और न ही कोई कार्यवाही की गयी। अत्एव क्षुब्‍ध होकर परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया।

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही उनकी ओर से कोई प्रतिवाद पत्र ही प्रस्‍तुत किया गया अत्एव जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से अग्रसारित की गई।

 

-3-

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवादी के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विस्‍तार से विचार करने के उपरांत परिवाद को निरस्‍त कर दिया है, जिससे क्षुब्‍ध अपीलार्थी/परिवादी की ओर से प्रस्‍तुत अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। यह भी कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/परिवादी के अभिकथनों एवं उसकी ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य पर विचार न कर जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो कि अनुचित है।

यह भी कथन किया गया कि उपरोक्‍त वाहन जब से क्रय किया गया तब से प्रश्‍नगत वाहन में कुछ न कुछ दिक्‍कते आती रही एवं वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष के बारे में प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को बताया गया परन्‍तु उनके द्वारा कोई ध्‍यान नहीं दिया गया और मिस्‍त्री भेजकर वाहन को काम चलाऊ कर दिया जाता रहा, जो कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की सेवा में कमी है, अत्एव अपील को स्‍वीकार कर जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश को अपास्‍त किये जाने की प्रार्थना अपीलार्थी के अधिवक्‍ता द्वारा की गई।  

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को सुना गया तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के

-4-

परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि प्रस्‍तुत मामले में अपीलार्थी द्वारा प्रश्‍नगत वाहन में त्रुटि होने के संबंध में तथा प्रत्‍यर्थी को उपरोक्‍त त्रुटि के संबंध में की गई शिकायत का कोई साक्ष्य इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत नहीं किया गया, न ही उल्लिखित किया गया। बल्कि प्रथम बार वाहन खराब होने के लगभग बीस माह पश्‍चात प्रत्‍यर्थी को विधिक नोटिस प्रेषित किया गया, जो कि अपीलार्थी की स्‍वयं की लापरवाही को परिलक्षित करता है और इस संदर्भ में प्रत्‍यर्थी की सेवा में कमी स्‍पष्‍ट रूप से प्रमाणित नहीं होती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग इस संदर्भ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश मेरे विचार से पूर्णत: विधि सम्‍मत है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में किसी प्रकार कोई अवैधानिकता अथवा विधिक त्रुटि अपीलीय स्‍तर पर नहीं पायी जाती है, तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                               (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                

                                          अध्‍यक्ष                                                                                                                               

 

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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