1
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 25 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 05.02.2016
निर्णय दिनांक 07.03.2019
वीरेन्द्र कुमार पुत्र परशुराम ग्राम- कोटिया जहांगीरपुर, पोस्ट- बड़हरिया, थाना- निजामाबाद, आजमगढ़।
बनाम
- भारत टायर हाउस 208 सिविल लाइन थाना- कोतवाली, जिला- आजमगढ़ जरिये प्रोपराइटर।
- सीएट लिमिटेड पामा कॉम्पलेक्स डी.ए.डब्ल्यू रोड लहरतारा, वाराणसी जरिये मैनेजर।
.............................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी संख्या 01 के प्रतिष्ठान से भारत टायर हाउस 208 सिविल लाइन आजमगढ़ से दिनांक 10.09.2013 को मोटर साइकिल का सीएट कम्पनी का टायर नं. एम.-86वी2913 रुपये 1550/- में खरीदा था। विपक्षी संख्या 01 ने आश्वासन दिया था कि सीएट टायर कम्पनी अपने टायर पर तीन साल की गारण्टी देती है और टायर के फूलने, क्रेक होने, तार छोड़ने व कटने-फटने पर कम्पनी द्वारा पूरा टायर बदल कर निःशुल्क टायर दिया जाता है। उक्त टायर गारण्टी अवधि के अन्दर ही फूलकर क्रेक हो गया। दिनांक 30.11.2015 को विपक्षी संख्या 01 के प्रतिष्ठान पर परिवादी गया और टायर में आयी खराबी के बाबत सूचना दिया। विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी का खराब टायर निकालकर ले लिया गया तथा क्लेम रसीद क्रम संख्या 260 दिनांक 30.11.2015 को बनाकर देते हुए कहा गया कि परिवादी नया टायर नकद भुगतान करके लगवा ले। क्लेम पास होने पर इस टायर का पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। परिवादी द्वारा उसी दिन
2
1670/- रुपये में नया सीएट टायर विपक्षी संख्या 01 से खरीदा। विपक्षी संख्या 02 ने आश्वासन दिया कि 15 दिन के अन्दर टायर के क्लेम का पैसा वापस कर दिया जाएगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसके पश्चात् उसे नोटिस दी गयी। अतः परिवादी को विपक्षी संख्या 01 से 1550/- रुपये 12% वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करवाया जाए और शारीरिक व मानसिक कष्ट हेतु 30,000/- रुपया दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 05 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 6 रसीद रजिस्ट्री, कागज संख्या 08 भारत टायर हाउस द्वारा 1670/- रुपये व 1550/- रुपये लेने की रसीद, कागज संख्य. 8/2 टायर के सम्बन्ध में विवरण, कागज संख्या 10 रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या 01 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा उसके शो रूम से टायर खरीदना स्वीकार है। परिवाद पत्र के पैरा तीन में किए गए कथन अस्वीकार है। परिवाद पत्र के पैरा तीन और चार का कथन अस्वीकार है। परिवाद पत्र के पैरा पांच में परिवादी द्वारा 30.11.2015 को खरीदे गए टायर की खराबी की शिकायत का क्लेम किया जाना एवं उसे निर्माता कम्पनी के नियम व शर्तों पर भी क्लेम के निस्तारण हेतु निर्माता कम्पनी के पास भेजने हेतु प्राप्त किया जाना स्वीकार है। दिनांक 30.11.2015 के परिवादी द्वारा स्वेच्छा से टायर खरीदना स्वीकार है। परिवाद पत्र के शेष पैरा को अस्वीकार किया गया है।
अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी को यह परिवाद पत्र प्रस्तुत करने का कोई हक हासिल नहीं है। विपक्षी संख्या 01 विभिन्न प्रकार के वाहनों के टायर निर्माता मेसर्स सीएट टायर्स लिमिटेड के उत्पादों के मात्र अधिकृत विक्रेता हैं। विपक्षी संख्या 01 के उपरोक्त कम्पनी के विभिन्न उत्पादों का व्यवसाय करता है। इस
3
मामले में दिनांक 10.09.2015 को परिवादी विपक्षी संख्या 01 से 1550/ रुपये का भुगतान कर टायर लिया था। परिवादी को उपरोक्त टायर विक्रय करते समय विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी को कम्पनी द्वारा प्रदत्त वारण्टी की शर्तों से भलीभांति अवगत करा दिया गया था और कहा गया था कि तीन साल की अवधि तक निर्माण सम्बन्धी कोई खराबी पाए जाने पर टायर बदल दिया जाएगा। उससे यह भी कहा गया था कि निर्माण में खराबी पाए जाने पर टायर बदलकर नया टायर दिया जाता था अर्थात् सम्बन्धित टायर की घिसाई/अवमूल्यन के प्रतिशत के बराबर की रकम एवं उस पर देय वैल्यू ऐडेड टैक्स लेकर नया टायर प्रदान किया जाता है। बहरहाल, टायर के क्लेम के विरूद्ध ग्राहक को नकद रकम भुगतान किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। ग्राहक के दावे को शीघातिशीघ्र निस्तारण करने का पूरा प्रयास किया जाता है। दिनांक 30.11.2015 को परिवादी द्वारा लिए गए टायर एवं क्लेम के निस्तारण हेतु कम्पनी के वाराणसी स्थित डिपो भेजा गया एवं त्वरित कार्यवाही करते हुए कम्पनी के डिपो के द्वारा परिवादी का क्लेम मंजूर करते हुए अपने पत्र दिनांकित 05.12.2015 को विपक्षी संख्या 01 को सूचित किया गया कि परिवादी से 486.00/- रुपये पर 15.5% वैल्यू ऐडेड टैक्स (486.00+75.00) कुल रु. 561/- प्राप्त कर परिवादी को नया टायर प्रदान किया जाए साथ ही इस पत्र की एक प्रतिलिपि रजिस्टर्ड डॉक से परिवादी को भी प्रेषित किया गया था। विपक्षी संख्या 01 ने भी मोबाइल पर परिवादी को सूचित किया था। दिनांक 17.12.2015 को परिवादी विपक्षी संख्या 01 की दुकान पर आया तो विपक्षी संख्या 01 ने 486.00 रुपये एवं उस पर 15.5% वैल्यू ऐडेड टैक्स कुल 561.00 रुपये का भुगतान कर नया टायर प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया, लेकिन परिवादी द्वारा टायर की पूरी कीमत देने के लिए कहा गया। परिवादी द्वारा प्रेषित कोई नोटिस विपक्षी संख्या 01 को प्राप्त नहीं हुआ। परिवाद गलत आधारों पर प्रस्तुत किया गया है। अतः खारिज किया जाए।
4
विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि विपक्षी दिनांक 15.03.2016 को न्यायलय में उपस्थित हो गया था। अतः ऐक्ट के नियमानुसार उसे 45 दिन के अन्दर अपना जवाबदावा प्रस्तुत कर देना चाहिए था, लेकिन उसने 45 दिन बीत जाने के पश्चात् अपना जवाबदावा प्रस्तुत किया। ऐसी स्थिति में जवाबदावा का कोई भाग इस परिवाद पत्र में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवाद पत्र तथा उसके सम्बन्ध में प्रस्तुत कागजात एवं शपथ पत्र अखण्डित हैं अतः परिवाद पत्र स्वीकार होने योग्य पाया जाता है।
आदेश
परिवाद पत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर तीस दिन परिवादी को 1550/- (एक हजार पांच सौ पचास) रुपये अदा करे। परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक परिवादी उक्त धनराशि पर 09% वार्षिक ब्याज पाने के लिए अधिकृत है। परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु 1,000/- (एक हजार) रुपया विपक्षी संख्या 01 अदा करे।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 07.03.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)