Rajasthan

Kota

CC/330/2011

Sunil Swami - Complainant(s)

Versus

Prop. Monika Mobiles - Opp.Party(s)

Ram Swarup Choudary

05 Oct 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)
परिवाद संख्या:- 330 /11
सुनील स्वामी पुत्र हरदयाल स्वामी निवासी 119, सरकारी स्कूल के पीछे, शिवपुरा, कोटा , राजस्थान।                            -परिवादी

                    बनाम
01.    प्रोपराइटर- मोनिका मोबाईल्स, पता-141 मेहता नर्सिग होम के     सामन,े बल्लभबाडी, कोटा, राजस्थान।
02.  केयर मैनेजर, नोकिया इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, पता- एस0पी0     इन्फोसिटी, इण्डस्ट्रीयल, प्लाट नं. 243, उद्योग विहार, फ्रेज-1,     हुण्डाहेडा, गुडगांव, 122016 हरियाणा, (इंडिया)
03ण्  प्रोपराईटर- सुप्रीम इलेक्ट्रोनिक्स आॅथोराइज्ड नोकिया सर्विस     सेन्टर, पता- 352, शोपिंग सेन्टर, कोटा, राजस्थान।                                           -विपक्षीगण

समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01.    श्री रामस्वरूप चैधरी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से। 
02.    श्री शैलेश जैन, अधिवक्ता, विपक्षी सं0 1 की ओर से। 
03.    विपक्षी सं. 2 व 3 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही। 
 

            निर्णय             दिनांक 05.10.2015
         
         परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में उनका यह सेवा दोष बताया है कि विपक्षी सं. 2 द्वारा निर्मित मोबाईल सेट माॅडल सी-6 दिनांक 12.11.10 को विपक्षी सं. 1 से नकद  13017/- रूपये भुगतान कर खरीदा था। लगभग 2 माह पश्चात वह हैंग होने लगा तो अधिकृत सर्विस सेन्टर-विपक्षी सं. 3 को दिखाया जिसने 2-3 बार यह कह कर लौटाया कि सही कर दिया , लेकिन सही नहीं हुआ 2 बार उसे देहली भेजना बताया, लेकिन उसके बावजूद सहीं नहीं हुआ। अन्त में दिनांक 17.09.11 को विपक्षी सं. 1 ने बताया कि मोबाईल ठीक नहीं हो सकता, उसे विपक्षी सं. 3 (अधिकृत सर्विस सेन्टर) के यहाॅ जमा करा दे, कंपनी से नया मोबाईल सेट मंगा कर दे देगें। उसी रोज मोबाईल सेट विपक्षी सं. 3 के यहाॅ जमा करा दिया, लेकिन नया मोबाईल सेट नहीं दिया गया। वारन्टी अवधि में मोबाईल सेट में यांत्रिक-दोष/ निर्माण-दोष होने से परिवादी को आर्थिक क्षति के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ। विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक से कानूनी नोटिस भेजा गया, उसके बावजूद भी सुनवाई नहीं की गई।    
    विपक्षी सं. 1 की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि वह कंपनी द्वारा निर्मित मोबाईल सेट को सील्ड-अवस्था में प्राप्त कर सील्ड हालत में उपभोक्ता को बेचता है, उस पर वारंटी कंपनी ही उपलब्ध कराती है उसमें किसी यांत्रिक दोष अथवा निर्माण दोष होने पर कंपनी ही उत्तरदायी है। उसका कोई उत्तरदायित्व नहीं है। परिवादी ने मोबाईल की शिकायत की थी तब उसे अधिकृत सर्विस सेन्टर-विपक्षी सं. 3 के यहाॅ ठीक कराने हेतु कहा गया था। 
    विपक्षी सं 2 व 3 पर रजिस्टर्ड डाक से नोटिस की विधिवत तामील होने के बावजूद उपस्थिति या जवाब नहीं दिया गया, इसलिये उनके विरूद्ध एक तरफा कार्यवाही की गई।  
    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा मोबाईल खरीद बिल, विपक्षी सं. 3 द्वारा जारी सर्विस जोब शीट दिनांक 17.09.11, विपक्षी को प्रेषित कानूनी नोटिस , पोस्टल रसीद, ए/डी  आदि की प्रति प्रस्तुत की। 
    विपक्षी सं. 1 ने साक्ष्य में अपने जवाब के समर्थन में  प्रोपराइटर  सुनील कुमार का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया।    
        हमने परिवादी व अप्रार्थी सं. 1 की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया गया। 
    परिवादी के शपथ-पत्र व दस्तावेजात से सिद्ध है कि उसने विपक्षी सं. 2 द्वारा निर्मित मोबाईल सेट माॅडल सी-6 विपक्षी सं. 1 (विक्रेता) से 13017/- रूपये में दिनांक 12.11.10 को खरीदा था जिसकी एक वर्ष की वारंटी थी। वारंटी अवधि में उसमें बार-बार हैंग होने की शिकायत आई जिसे विपक्षी सं. 3 अधिकृत सर्विस सेन्टर  ठीक नहीं कर सका । अन्त में मोबाईल सेट विपक्षी सं. 3 को दिनांक 17.09.11 को संभला दिया गया, लेकिन उसे ठीक करके नहीं लौटाया गया तथा उसके स्थान पर नया मोबाईल सेट भी नहीं दिया गया, जिससे परिवादी को मानसिक पीडा होना स्वाभाविक है। 
    मोबाईल सेट की खराबी को ठीक नहीं करना अथवा उसमें निर्माण-दोष होने की स्थिति में उसके स्थान पर नया मोबाईल सेट नहीं देने के संबंध में विपक्षी सं. 1 विक्रेता का कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होता है क्योंकि वह कंपनी द्वारा निर्मित मोबाईल को सील्ड अवस्था मे उपभोक्ता को विक्रय करता है। 
    मोबाईल सेट की खराबी को ठीक नहीं करने अथवा उसके ठीक नहीं होने की अवस्था में नया मोबाईल सेट नहीं देने के लिये निर्माता कंपनी (विपक्षी सं.1) एवं अधिकृत सर्विस सेन्टर (विपक्षी सं. 3) संयुक्त रूप से उत्तरदायी है क्योकि परिवादी ने मोबाईल सेट ठीक करने के लिये विपक्षी सं. 3 को दिया और अन्त में बदलने के लिये भी उसे ही संभलाया जो न तो ठीक हुआ और ना ही बदल कर नया मोबाईल सेट दिया। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं. 2 व 3 के विरूद्ध एक तरफा स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षी सं. 1 के विरूद्ध खारिज किये जाने योग्य है। 
                   आदेश 

    परिवादी सुनील स्वामी का परिवाद, विपक्षी सं. 2 व 3 के खिलाफ एक तरफा संयुक्त रूप से स्वीकार किया जाकर निर्देश दिये जाते है कि वे इस आदेश की परिवादी द्वारा रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित प्रति प्राप्त होने के अधिकतम एक माह के अन्दर परिवादी के मोबाईल सेट को उसके संतुष्टि के मुताबिक ठीक करके लाटावें अथवा ठीक नहीं होने की सूरत में उसके स्थान पर  उसी माडल/मेक का दोष रहित नया मोबाईल सेट देवे । इसके अलावा परिवादी को मानसिक संताप की भरपाई के पेटे 1,500/- रूपये तथा परिवाद व्यय की भरपाई के पेटे 1,500/- रूपये कुल 3,000/- रूपये भी अदा करे। परिवादी का परिवाद विपक्षी सं. 1 के विरूद्ध खारिज किया जाता है।       
       

         (हेमलता भार्गव)                                (भगवान दास)  
             सदस्य                                       अध्यक्ष
 
     निर्णय आज दिनंाक 05.10.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
            सदस्य                                      अध्यक्ष
           


                                                            

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.