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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 97 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 05.09.2018
निर्णय दिनांक
सुशील कुमार राय उम्र तखo साल पुत्र श्री प्रकाश राय साकिन हाल मुकाम नई बस्ती पठखौली द्वारा राजपति राय पोo- पठखौली, परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादी।
बनाम
प्रोo मेo एमo एसo मार्ट भगत सिंह चौराहा, हाफिजपुर परगना- निजामाबाद, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.......................................................................................विपक्षी।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि दिनांक 22.07.2018 ईo को करीब 03 बजे दिन में जरूरी वस्तुओं की खरीददारी हेतु वह विपक्षी के पास गया और कुल 1414/- रुपये का भुगतान किया। जब सामान लेकर वह घर गया तो बच्चों ने बताया कि सेवर चोको फ्लेक्स पसन्द नहीं है। उसके बदले में केलोगेस चोको चाहिए। विपक्षी के प्रतिष्ठान के सूचना बोर्ड के ऊपर सूचना पत्र के अनुसार दिनांक 23.07.2018 को उक्त सामान को वह बदलने के लिए गया और उससे आग्रह किया कि इसे बदल कर दूसरा दे दीजिए। 110/- रुपये का सामान वापस करने आए हैं। उसने कहा कि 110/- रुपये का कोई महत्व नहीं है। प्रतिष्ठान में मौजूदा कर्मचारियों द्वारा उसे काफी मानसिक आघात पहुंचा और वह एक हजार रुपये प्रतिष्ठान मानसिक आघात पाने के लिए अधिकृत है। विपक्षी के प्रतिष्ठान के ऊपर उसका विश्वास भी खतम हो गया है। दिनांक 25.07.2018 को उसने विपक्षी को नोटिस भेजी। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह उसके द्वारा खरीदी गयी 110/- रुपये का सेवर चोको फ्लेक्स को बदलकर केलोगेस चोको फ्लेक्स दिलवाए जाने का आदेश पारित किया जाए और उसे अधिवक्ता फीस व शुल्क भी दिलवाया जाए।
परिवाद पत्र के समर्थन में परिवादी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
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प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा नोटिस की प्रतिलिपि, रसीद रजिस्ट्री, एमoएसoमार्ट का चार्ट और इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है कि बिका हुआ माल वापस नहीं होगा, केवल बदला जाएगा। बदलने का समय 03 दिन के अन्दर 12 बजे दोपहर से 04 बजे दोपहर तक होगा।
विपक्षी पर नोटिस तामिला पाए जाने के उपरान्त वाद उसके विरूद्ध एक पक्षीय योजित किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवाद पत्र में किए गए कथानक व उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र व प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को खरीदा हुआ माल वापस करके उसके द्वारा वांछित सामान उपलब्ध कराएं। विपक्षी परिवादी को 2000/- (दो हजार) रुपये शारीरिक व मानसिक कष्ट के लिए तथा 500/- (पांच सौ) रुपये खर्चा मुकदमा भी अदा करें।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)