राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-677/2019
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्या 95/2010 में पारित आदेश दिनांक 05.03.2019 के विरूद्ध)
विपिन बर्नवाल पुत्र विनोद बर्नवाल साकिन कस्बा व थाना व पोस्ट कप्तानगंज परगना गोपालपुर तहसील-सगड़ी जिला-आजमगढ़
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
प्रोपराइटर कन्हैया मोबाइल वर्ल्ड – 6 मेन रोड कुर्मी टोला (शंकर जी की मूर्ति) जनपद - आजमगढ़
...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 21.09.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-95/2010 विपिन वर्नवाल बनाम प्रोपराइटर कन्हैया मोबाइल वर्ल्ड में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 05.03.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है, जो विगत लगभग साढ़े तीन वर्षों से लम्बित है।
पूर्व की भांति अपीलार्थी के अधिवक्ता आज पुन: अनुपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से भी आज दिनांक तक कोई उपस्थित नहीं हुआ है। कार्यालय आख्या के अनुसार प्रत्यर्थी को प्रेषित नोटिस आज दिनांक तक वापस प्राप्त नहीं हुई, को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्यर्थी पर नोटिस की तामीली पर्याप्त मानी जाती है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद निरस्त किया है।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा दिनांक 26.08.2009 को एक नोकिया सेट एन.73/म्यूजिक लैटे कम्पनी द्वारा
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निर्मित 11,450/-रू0 में क्रय किया। विपक्षी द्वारा उक्त मोबाइल में आइडिया का सिम लगाया गया। दिनांक 20.10.2009 को कप्तानगंज के थाना पुलिस द्वारा परिवादी को पकड़ लिया गया तथा उन्होंने मोबाइल खरीदने के बारे में जानकारी दी तो परिवादी को पता लगा कि खरीदा गया मोबाइल चोरी का है तथा रसीद में विपक्षी ने गलत आई0एम0ई0आई0 नम्बर लिखकर दिया। तब परिवादी द्वारा दिनांक 20.10.2009 को विपक्षी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी। पुलिस द्वारा मोबाइल सेट अपनी अभिरक्षा में रख लिया गया। विपक्षी द्वारा कई बार कहने के बावजूद भी परिवादी को दूसरा मोबाइल नहीं दिया गया, जिससे परिवादी को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख विपक्षी द्वारा कोई जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया। विपक्षी द्वारा जारी रसीद के अवलोकन से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह पाया गया कि कन्हैया मोबाइल वर्ल्ड ने एक मोबाइल 11,450/-रू0 में बेचा था, लेकिन यह मोबाइल किसको बेचा गया उसका नाम रसीद पर अंकित नहीं है। अत: उपलब्ध साक्ष्य/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निरस्त किया गया।
मेरे द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्यक परिशीलन एवं परीक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश पूर्णत: उचित एवं विधिसम्मत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
तद्नुसार प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0, कोर्ट नं0-1