Rajaram Meena filed a consumer case on 26 Jun 2015 against Prop. Dhanendra Khandelwal, M/S Swastic Krishi Kendra in the Kota Consumer Court. The case no is CC/159/2008 and the judgment uploaded on 16 Jul 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः-
01. नंदलाल शर्मा ः अध्यक्ष
02. महावीर तंवर ः सदस्य
परिवाद संख्या:-159/08
राजराम मीण पुत्र कृष्ण गोपाल आयु 39 वर्ष निवासी ग्राम भौरा तहसील दीगोद जिला कोटा राजस्थान। परिवादी
बनाम
01. मै0 स्वास्तिक कृषि केन्द्र जरिये प्रो0 धनेेन्द्र खंडेलवाल, शील भवन, गुमानपुरा, कोटा-7 राजस्थान।
02. मै0 स्वास्तिक एग्रो इंडस्ट्रीज जरिये प्रो0 जितेन्द्र खंडेलवाल, एफ-24/11, इन्द्र- प्रस्थ इंडस्टयल एरिया, रोड नं. 2, कोटा राजस्थान। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री राकेश कुमार शर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
02. अप्रार्थीगण के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही ।
निर्णय दिनांक 26.06.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसने व उसकी माता श्रीमती भूली बांई ने संयुक्त कृषि कार्य के के लिये टेक्टर, ट्राली, कल्टीवेटर, सीड ड्रील उपकरण अप्रार्थीसं. 1 से खरीदे तथा उक्त उपकरण के लिये लोन देना बैंक ने उसकी माता के नाम से स्वीकृत कर अप्रार्थी सं. 1 के स्थान पर अप्रार्थी सं.2 को सीधा ही कर दिया। अप्रार्थी सं. 1 ने टेक्टर के दस्तावेज मांगने पर नही दिये और कहा की दस्तावेजाता सीधे आर टी ओ आफिस भेज देगे। अप्रार्थी सं. से ट्रोली, कल्टीवेटर एवं सीडड्रील को देने के लिये कहा तो उसने कहा कि बाद में ले जाना और जब बाद में गया तो देने से स्पष्ट मना कर दिया। अप्रार्थी सं. 1 ने टेक्टर के कागजात नही दिये उससे टेक्टर का उपयोग नही किया जा सका। टेक्टर परिवादी के यहाॅ पर खडा हुआ है। अप्रार्थीगण ने परिवादी को उक्त उपकरण, टेक्टर के कागज नही देकर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण से टेक्टर के दस्तावेज, मानसिक, आर्थिक क्षति एवं परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीगण के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही दिनांक 08.05.15 को अमल में लाई गई।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र से परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
परिवादी की मौखिक बहस सुनी गई। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी ने अनुतोष में डिक्री की राशि, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाने की प्रार्थना की है, उक्त सभी अनुतोष धारा 12 सी पी एक्ट के तहत परिवादी को इस मंच के द्वारा नहीं दिया जा सकता। परिवादी ने पूर्व में इस मंच में परिवाद पेश किया था जिसका निर्णय दिनांक 28.02.05 को पारित कर दिया गया था, उस निर्णय के अनुसार यदि अप्रार्थीगण ने निर्णय की पालना नहीं की तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही करनी चाहिये। परिवादी ने इस परिवाद में जो अनुतोष चाहा है वह पूर्व में इसी मंच के द्वारा निर्णत किया जा चुका है। उपरोक्त विवेचन, विश्लेषण को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी, अप्रार्थीगण का कोई सेवादोष साबित नहीं कर पाया।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी राजाराम मीणा का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 26.06.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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