Lallu prasad sharma filed a consumer case on 29 Oct 2015 against Prop. Brijbala goyal, Rajasthan Indian Gass Services in the Kota Consumer Court. The case no is Cc/283/2012 and the judgment uploaded on 06 Nov 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-283/12
लल्लू प्रसाद शर्मा पुत्र रामप्रताप शर्मा जाति ब्राहमण निवासी सांगरिया, कोटा, तहसील लाडपुरा जिला कोटा -परिवादी।
बनाम
राजस्थान इन्डेन गैस सर्विस, मालारोड, कोटा प्रोपराइटर बृजबाला गोयल। -विपक्षी
समक्ष :
अध्यक्ष : भगवान दास
सदस्य : महावीर तंवर
सदस्य : हेमलता भार्गव
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित -
1 श्री विद्या शंकर गोस्वामी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।
निर्णय दिनांक 29.10.15
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि वह विपक्षी गैस एजेन्सी का उपभोक्ता है। उसका कन्जूमर नं. आर 26074 है विपक्षी ने सिलेण्डर सप्लाई के लिये डायरी जारी की हुई है, जिसमें सप्लाई की एन्ट्री की जाती है। विपक्षी के कर्मचारियों ने उसके यहाॅ दिनांक 07.06.12 को गैस सिलेण्डर की सप्लाई की उसी समय उससे चैक कराया गया तो सिलेण्डर में लीकेज हो रहा था। परिवादी की पत्नी ने विपक्षी के कर्मचारियों को दूसरा सिलेण्डर देने को कहा तो वह इंकार हो गया तथा उसने यह भी कहा कि उपलब्ध होने पर इसे बदल देगा। परिवादी की पत्नी ने उस सिलेण्डर को कमरे में रख लिया। दिनांक 30.06.12 को पूर्व से रखे हुये सिलेण्डर के खाली होने पर उस सिलेण्डर को रसोई में लगाया गया। चूल्हे पर दूध की भगोनी को रख कर परिवादी की पत्नी घर के बाहर किसी से बात करके घर में वापस आई तो गैस सिलेण्डर में आग लगी देखी, उसने शौर मचाया तो पडौसी भाग कर आये। पत्नी को मुश्किल से बाहर निकाला, आग बुझाने की कोशिश की किन्तु नही बुझी, धमाके के साथ सिलेण्डर फट गया, जिससे टीनशेड व दीवारांे से पत्थर निकलकर बाहर आ गये। मकान में रखा सारा सामान टी0वी0,फ्रिज,कूलर व नकदी जलकर राख हो गये। जिससे परिवादी को लगभग तीन लाख रूपये का नुकसान हुआ तथा घटना की सूचना पुलिस थाना रेल्वे कालोनी कोटा, कों दी गई जिसकी रपट सं. 1831 रोजनामचा में दर्ज की गई, योगेन्द्र कुमार ए0एस0आई0 मौके पर पहुंचा जिसने मुआयना किया । विपक्षी द्वारा लीकेज वाले गैस सिलेण्डर सप्लाई करने व उसके कर्मचारियों की लापरवाही से हुई दुर्घटना के फलस्वरूप हुये नुकसान से परिवादी को मानसिक संताप हुआ। परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 16.07.12 को नोटिस भेजा लेकिन क्षतिपूर्ति नहीं की गई।
विपक्षी को मंच की ओर से परिवाद का नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया जिसकी तामील विपक्षी को हो गई लेकिन उपस्थिति नहीं दी, जवाब भी नहीं दिया, इसलिये उसके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी द्वारा दी गई गैस डायरी, बी.पी.एल. चिकित्सा सुविध कार्ड, पुलिस थाना रेल्वे कोलोनी के रोजनामाचा आम दिनांक 30.06.12 की रपट सं. 1831 की नकल , नुकसान संबंधी समाचार-पत्र दिनांक 01.07.12 , विपक्षी को प्रेषित नोटिस, पोस्टल रसीद आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है।
हमने परिवादी की ओर से एक तरफा बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
परिवादी विपक्षी गैस एजेन्सी का उपभोक्ता है एवं उसने परिवादी के यहाॅ दिनांक 07.06.10 को गैस सिलेण्डर की सप्लाई की थी, इसकी पुष्टि परिवादी केे शपथ-पत्र व गैस डायरी की प्रति से होती है।
परिवादी ने परिवाद में यह भी केस रखा है कि उस गैस सिलेण्डर में लीकेज था जिसको बदलने के लिये उसी समय विपक्षी के कर्मचारी से कहा गया था लेकिन उसने नहीं बदला, उपलब्ध होने पर बदलने का आशवासन दिया। वह गैस सिलेण्डर दिनांक 30.06.12 को प्रथम बार उपयोग में लिया तब उसमें लीकेज के कारण आग लग गई व फट गया और उसके फलस्वरूप घरेलू सामान जल गये, मकान में भी काफी नुकसान हो गया। इसकी पुष्टि परिवादी ने अपने शपथ-पत्र से की है। गैस सिलेण्डर में आग लगने व फटने की पुष्टि तत्काल मौके पर पहॅंुचे पुलिस के कर्मचारी, रोजनामचा आम की नकल से भी होती है।
इस प्रकार विपक्षी का दोष-सिद्ध है कि उसने परिवादी के यहाॅ लीकेज वाला गैस सिलेण्डर सप्लाई किया जो उपयोग में लाने पर आग लगने के कारण फट गया।
जहाॅ तक गैस सिलेण्डर में आग लगने के कारण परिवादी को हुये नुकसान का प्रश्न है उसने नुकसान का आंकलन किसी स्वतंत्र एजेन्सी से कराने की कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। जो घरेलू सामान टी.वी.,फ्रिज, कूलर आदि जलना बताया है उनके खरीद के भी कोई बिल पेश नहीं किये हंै। मकान में हुये नुकसान की भी जांच किसी स्वतंत्र कारीगर व अन्य एजेन्सी से कराने की कोई रिपोर्ट पेश नहीं की है। इस संबंध में किसी पडौसी का भी शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिये केवल परिवादी के शपथ-पत्र के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि सिलेण्डर मे आग लगने के फलस्वरूप उसका घरेलू सामान जल गया व मकान में नुकसान हुआ जिससे उसे तीन लाख रूपये की क्षति हुई हो। जो फोटो प्रस्तुत किये गये हैं उनसे यह सिद्ध होना नहीं माना जा सकता कि किस तिथि के है? कहाॅं के है क्योंकि फोटो लेने वाले व्यक्ति का कोई शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। इन फोटों के आधार पर नुकसान का आंकलन भी नहीं हो सकता है। दुर्घटना के तत्काल पश्चात संबंधित पुलिस थाने का कर्मचारी मौके पर पहुंचा है जिसने मौका देखा हैं। थाने के रोजनामाचा की रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की गई है जिसमें अंकन है कि सिलेण्डर में आग लगने व फटने से कोई भी जनहानि नहीं हुई । मकान में थोडा-बहुत नुकसान हुआ है। तथा यह भी इस रिपोर्ट में अंकित है कि परिवादी के मकान के आगे बने छप्पर में रखे गैस सिलेण्डर में आग लगी हैं। अर्थात् गैस सिलेण्डर मकान में नही रखा था। अपितु मकान के आगे छप्पर में रखा था जहाॅ आग लगी थी।
इस प्रकार हम पाते हैं कि परिवादी की यह कहानी सिद्ध नहीं है कि गैस सिलेण्डर की लीकेज के कारण आग लगने से उसके मकान की क्षति व घरेलू सामान के जलने से लगभग तीन लाख रूपये का नुकसान हुआ लेकिन न्यायहित में यह उप-धारणा की जा सकती है कि गैस सिलेण्डर में आग लगने से कुछ नुकसान अवश्य ही हुआ होगा तथा पुलिस ने भी रिपोर्ट में यह अंकित किया है कि थोडा बहुत नुकसान हुआ है। इसलिये हम पाते है कि न्यायहित में परिवादी नुकसान के पेटे विपक्षी से क्षतिपूर्ति हेतु 25,000/- रूपये पाने का अधिकारी है।
परिवाद एक-पक्षीय तौर पर विपक्षी के खिलाफ स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ एक-तरफा स्वीकार किया जाकर आदेश दिये जाते है कि इस आदेश की परिवादी द्वारा विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित प्रति मिलने के दो माह के अंदर विपक्षी द्वारा परिवादी को क्षतिपूर्ति की भरपाई हेतु 25,000/- रूपये, मानसिक संताप की भरपाई हेतु 3,000/- रूपये व परिवाद व्यय के पेटे 1,500/- रूपये कुल 29,500/- रूपये अदा किये जावे।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 29.10.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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